भारत सरकार ने राज्य में मानसून के बुरी तरह नाकाम रहने के लिए कारण पेदा हुई सूखे की स्थिति से निपटने के लिए पंजाब सरकार और कृषि की इस संकट कालीन घडी में सार लेने की सैद्धातिक रूप से सहमति दे दी हे।आज यहां पंजाब भवन में पंजाब के खादय एवं सिविल आपूर्ति मंत्री आदेश प्रताप सिंह कैरो और सिंचाई मंत्री जनमेजा सिंह सेखों की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल की केन्द्रीय टीम के साथ लगभग तीन घंटे चली लम्बी बैठक के बाद एक संयुक्त प्रैस कांफ्रैस को संबोधन करते हुये केन्द्रीय कृषिमंत्री शरद पवार और केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि राज्य द्वारा केन्द्रीय पेैकेज की मांग संबधी पेश किये गये अपने पक्ष में ठोस वजन है।
केन्द्रीय टीम की यह फेरी पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल द्वारा इस संबधी केन्द्रीय नेताओं के साथ लगातार संपर्क बनाए रखने के लिए किये गये क डे यत्नों का ही परिणाम है मुख्यमंत्री जो कि इस समय अमेरिकामें दौरे पर है ने राज्य द्वारा आज टीम को सूखा राहत पैकेज संबधी दिये गये ज्ञापन को अपनी निजी देख रेख अधीन तैयार करवाया था केन्द्रीय टीम के समक्ष यह मामला उठाने के लिए मुख्यमंत्री ने अपने इन दो सीनियर केबिनेट सहयोगियों को जिम्मेवारी सौंपी थी बादल इस संबध में हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह और केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को भी मिले थे। पंजाब सरकार द्वारा 5112.09 करोड रूपये के राहत पेकेज संबधी एक बेहतर केस तैयार किया गया ताकि पंजाब के किसानों को सूखे जैसे स्थिति के संताप से निकाला जा सके यह पेकेज किसानों और राज्य द्वारा खरीफ की फसलों को बचाने के लिए किये जा रहे कडे प्रयत्नों के कारण सहन की गई मुसीबतों के मुआवजे के रूप में मांगा गया है।
संकट से गुजर रही पंजाब की कृषि को बचाने के लिए वितीय सहायता देने की जोरदार वकालत करते हुये कैरों और सेखों ने उच्च स्तरीय केन्द्रीय टीम को जोर देकर की इस संबध में राज्य को पेश समस्याओं की गंभीरता को समझने की आवश्यकता है केन्द्रीय टीम ने माना कि बिजाई के समय वर्षा की कमी के कारण राज्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है और इस लिए केन्द्र का यह कर्तव्य बनता है कि वह इस समय राज्य की सहायता करे जिसने सदा ही देश के लिए अन्न सुरक्षा में अग्रणीय भूमिका निभाई है। राज्य सरकार द्वारा मांगे गये पैकेज में बिजली की खरीद और अतिरिक्त बिजली के उपलब्ध करवाने के लिए किये गये प्रंबधों पर आए खर्चे के लिए 2531 करोड रूपये ,850.80 करोड किसानों द्वारा अतिरिक्त डीजल खरीदने पर आए खर्चे, 893.49 करोड रूपये सहकारी कर्जो के बदले और उनकी अदायगी को आगे डालने के लिए, 300 करोड रूपये जमीन के नीचे पानी के अतिरिक्त प्रयोग पर आए खर्चे के लिए , 300 करोड रूपये बदले गये टयूबवैलों को लगाने और उनकी समर्था बढाने के लिए , 211.60 करोड रूपये पशुओं के लिए दाना और चारे के प्रंबधों के लिए और 26 करोड रूपये ग्रामीण क्षेत्रों में पीने वाले पानी की सप्लाई उपलब्ध करवाने के लिए इसी दौरान कैरो ने धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त 100 रूपये प्रति किवटल बोनस घोषित करने की मंग की क्योकि निर्धारित किया गया मूल्य पहले ही बहुत कम है और जिसमें वृद्धिकी जानी अनिवार्य हैराज्य सरकार ने पहले ही धान का न्यनूतम समर्थन 1650 रूपये प्रति किवटल निश्चित करने की मांग की है।
क्योकि खादों , डीजल और श्रमिक आदि कृषि लागत में निरंतर वृद्धि हो रही है इसी प्रकार इस वर्ष नरमे के घोषित किये गये न्यूनतम समर्थन मूल्य में 500 रूपये प्रति किवटल और वृद्धि की जानी चाहिए उन्होने केन्द्र से मक्के की फसल के लिए 200 रूपये प्रति किवटल सूखा राहत के रूप में देने की मांग की उन्होने यह भी मांग की केन्द्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को दिशा निर्देश दे की वह किसानों द्वारा लिए गये कृषि कर्जो की अदायगी को आगे करने और कम अवधि वाले कृषि कर्जो को मध्य अवधि में तवदील करे और इन बैंकों द्वारा सब वैंशन स्कीम भी लागू की जाए ताकि किसानों द्वारा लिए गये कृषि कर्जे पर खडे ब्याज अतिरिक्त बोझ से राहत दिलाई जा सके। पंजाब सरकार द्वारा रखी गई मांगों के प्रोत्साहन में बोलते हुये पवार ने कहा कि केन्द्रीय टीम का ध्यान इस समय राज्य में पैदा हुई सुखे की स्थिति से निपटने के लिए शीघ्र राहत दिये जाना हे। उन्होने आगे कहा कि केन्द्र सरकारराज्य सरकार द्वारा राज्य में किसानों को धान की फसल बचाने हेतू घरेलू और ओद्यौगिक क्षेत्रों को दी जाने वाली बिजली उपलब्ध करके एक प्रशंसनीय प्रयत्न कर रही है और बिजली संबधी मामले का उच्च स्तर पर कोई भी निर्णय लेते समय इस बात को ध्यान में रखा जाएगा ऐसी स्थिति 2009 में बनी थी जब केन्द्र द्वारा पंजाब को 800 करोड रूपये और हरियाणा को 400 करोड रूपये जारी किये गये थे पंजाब सरकार द्वारा पहले ही सूखा ग्रस्त क्षेत्रों के लिए बीजों पर सबसिडी की घोषणा की जा चुकी है।
पश्ओं और चारे संबधी बनाई गई स्कीम के घेरे को विशाल किया गया है। ताकि सूखा प्रभावित क्षेत्रों में दूसरे राज्यों से चारे की सप्लाई को विश्वसनीय बनाया जा सके पवारने पंजाब सरकार को राज्य में गेहूं और धान के चक्कर को खत्म करके शीघ्र कृषिविभिंनता लाने के लिए कहा उन्होने कहा कि किसानों को तेल बीजों, नरमा , दालें,गन्ना और मक्की आदि फसलों के साथ साथ सब्जियों के उत्पादन के लिएउच्च स्तर पर उत्साहित किया जाना चाहिए उन्होने यह भी बताया कि केन्द्र सरकार इन सभी फसलों के मंडीकरण के लिए संजीदगी से कार्यशील है। इसी दौरान केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश द्वारा राज्य की सूखा प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में पीने वाला पानी उपलब्ध करवाने के लिए 40 करोड रूपये जारी किये जाने की घोषणा भी की गई। उन्होने कहा कि2012-13 साल के लिए मनरेगा योजना तहत सरकार द्वारा मांगे गये 211 करोड रूपये का बजट स्वीकृत किया जाता है इसके अतिरिक्त इस को बढाने के लिए कोई मांग आएगी तो वह भी विचारी जाएगी।
उन्होने कहा कि मनरेगा अधीन कृषि से संबधित तीस नये कार्यो को भी शामिल किया गया जिससे पंजाब इसका लाभ उठा सकता है। केन्द्रीय मंत्री द्वारा इटेग्रटिड वाटर मैनजमैंट कार्यक्रम तहत पंजाब को 52 करोड रूपये की ग्रांट दिये जाने की भी घोषणा की गई उत्तरी पावर ग्रीड के फेल होने के संबधमें केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि वह शीघ्र हीइस मामले को केन्द्रीय उर्जा मंत्री के समक्ष उठाएगें ताकि पंजाब को कृषिके लिए बिना किसी रूकवट बिजली सप्लाई उपलब्ध करवाई जा सके क्योकि यहां मानसून में 70 प्रतिशत गिरावट के कारण चिंताजनक बनी हुई है। इससे पहले कैरों और सेखों द्वारा केन्द्रीय मंत्रियों को पंजाब को 5112 करोड रूपये का विशेष पैकेज देकर इसको मौजूदा सूखे की स्थिति से निकालने के लिए एक ज्ञापन भी दिया गया। पंजाब के मंत्री द्वारा केन्द्रीय मंत्री को एक एक शाल,सिरोपा और तलवार भेंट करके सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के राष्ट्रीय मामले और मीडिया सलाहकर हरचरन बंस,मुख्य सचिव राकेश सिंह,वित कमीशनर विकास जी एस संधू, प्रमुख सचिव /मुख्यमंत्री एस के संधू ,वित आयुक्त पशुपालन जगपाल सिंह संधू, सचिव उर्जाअनिरूद्ध तिवारी, विशेष प्रमुखसचिव /मुख्यमंत्री गगनदीप सिंह बराड, सचिव खादय एवं सिविल आपूर्ति डी एस ग्रेवाल, एमडी मिल्कफैड बलविन्द्र सिंह सिद्धू, वित आयुक्त ग्रामीण विकास मनदीप सिंह संधू, डायरैक्टर कृषि मंगल सिंह संधू और सी एम डी पावर काम के डी चौधरी शामिल थे।