मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने सोमवार को कहा कि अंतिम समझौता होने से पहले कांग्रेस भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने के खिलाफ है। कवाथा खून्नोउ में गांव के बुजुर्ग कहते हैं कि सीमा के खंभा संख्या 81 को मणिपुर के भीतर स्थानांतरित कर तीन किलोमीटर से ज्यादा जमीन पर कब्जा किया गया है। तेंगनोउपाल जिला कलेक्टर ए.तोमबिकांता ने भी कहा कि वह इससे जुड़े आधिकारिक दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे क्योंकि इससे मणिपुर का एक बड़ा भाग चला जाएगा। मणिपुर विधानसभा में विपक्ष के नेता ओकराम इबोबी सिंह की यह टिप्पणी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार के रविवार के बयान के बाद आई है। रवीश कुमार ने रविवार को अपने बयान में कहा कि किसी भी सीमा के खंभे को मणिपुर में स्थानांतरित नहीं किया गया है, जैसा कि मीडिया के एक वर्ग में रिपोर्ट किया गया है। मणिपुर के अपने दौरे के दौरान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि इससे भारत की जमीन पर कोई प्रभाव नहीं है। ओकराम ने कहा कि कांग्रेस केंद्र से 10 मार्च 1967 को हस्ताक्षर किए गए समझौते के अनुसार एक बार फिर से सीमा का सर्वेक्षण कराने का आग्रह करती है। उन्होंने कहा कि क्वाथा खून्नोउ के ग्रामीणों सहित सभी हितधारकों की राय पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को डर है कि अगर इस तरह की कार्रवाई की गई तो उनका गांव भारत से बाहर स्थानांतरित किया जा सकता है।