हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा सांसद शांता मारने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हिमाचल सरकार को लगाई गई फटकार पूरे हिमाचल प्रदेश का बहुत बड़ा अपमान है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह कहना कि पूरे प्रदेश में अवैध कब्जे हुए है और भी अधिक चिन्ताजनक हैं। यह सब कुछ पिछली सरकारों के शासन के समय हुआ था। शैलबाला की हत्या की दोषी पिछली सरकारें है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने तुरन्त घोषणा की कि सभी अवैध कब्जे हटाये जाएगे और न्यायालय के आदेश का सख्ती से पालन किया जाएगा। उन्होने इस घोषणा के लिए उनकी प्रसंशा की है। सरकारी अधिकारी की सरेआम गोली लगने से मृत्यु के कारण पूरे प्रदेश में आतंक का वातावरण था परन्तु मुख्यमंत्री की कार्यवाही से सबको राहत मिली है।उन्होने कहा है कि पूरे देश में सब जगह सरकारी सम्पत्ति को लावारिस समझकर खुलेआम कब्जे होते रहे है । प्रभावशाली लोग धन के बल पर कुछ स्थानीय अधिकारियों को खरीदकर यह सब करते रहे है। ईमान भी बिकता रहा और इन्सान भी बिकते रहे। पूरी दिल्ली में आठ लाख अवैध निर्माण हुए है। अब सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से इनको हटाया जा रहा है।
यह सच है कि लाखों परिवार सडक पर आयेगे परन्तु यह उससे भी अधिक सच है कि कानून का शासन स्थापित करने के लिए इस गैरकानूनी कार्यवाही को सहन नहीं किया जा सकता। उन्होने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से लगता है कि यदि प्रबुद्ध और जागरूक न्यायपालिका न हो तो सरकार की सम्पत्ति बेईमान लोग हडप कर जाए।शांता कुमार ने कहा कि हिमाचल में पिछली सरकार के समय पुराने अवैध कब्जों को वैद्य करने के लिए सरकार ने कानून बना दिया। सभी राजनैतिक दलों ने उसका समर्थन किया।वह मामला अब उच्च न्यायालय में रूका पड़ा है।उन्होने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि वोट के कारण सभी राजनैतिक दल कब्जा करने वाले प्रभावशाली लोगो का समर्थन करते है। उन्होने इस बात की बहुत पीडा व्यक्त की कि उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी भी इस गैर कानूनी समर्थन में शामिल हो जाती है। उन्होने अपनी पार्टी से अपील की कि वोट ही सब कुछ नहीं है-कानून और देश उससे भी बडा है।उन्होने कहा कि भविष्य में इस अपमान जनक स्थिति के सुधार के लिए वह मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को सुझाव दे रहे है।
1 प्रत्येक सरकारी अधिकारी वर्ष में एक बार अपने विभाग को यह शपथ पत्र दे कि उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाली सरकारी सम्पत्ति पर कोई अवैध अतिक्रमण नहीं हुआ है। यदि हुआ है तो उस पर कार्यवाही की गई है। शपथ पत्र में कार्यवाही का पूरा व्यौरा लिखे।
2 यदि कहीं पर सरकारी सम्पत्ति पर किसी प्रकार का अवैध कब्जा होता है तो सबसे पहले उस क्षेत्र के जिम्मेवार सरकारी अधिकारी के विस्द्ध कठोर कार्यवाही हो। इस के लिए नया सख्त कानून बनाया जाए।
3 अवैध कब्जा करना भी अपराध घोषित किया जाए। केवल अवैध निर्माण गिराना ही काफी नहीं है। किसी प्रकार का अवैध कब्जा करने पर कम से कम 6 मास जेल की सजा दी जाएं।
4 प्रभावशाली पैसे वाले लोग बड़े वकीलों के सहारे अपने मामले सिविल अदालतों में उलझा देते है। कानून द्वारा इस प्रकार के मामले सिविल अदालतों में उठाने की मनाही हो जाए।
शांता कुमार ने कहा कि प्रदेश में पुराने सभी गैरकानून कब्जो पर भी इस कानून को लागू करने की घोषणा की जाए। सरकार एक तिथि तय करे। उस तिथि से पहले स्वंय ही कब्जे छोडने वाले लोगो को नये कानून से राहत दी जा सकती है।उन्होने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इस प्रकार का कानून बना कर देश में एक नया उदाहरण पेश किया जा सकता है। स्वतन्त्रता का अर्थ उच्चश्रृखंलता नहीं है। कानून का राज्य स्थापित किये बिना देश चल नहीं सकता। सभी राजनैतिक दल यह तय करे कि वह कानून और देश के लिए काम करेगे-केवल वोट और सत्ता के लिए नही।
स्व. स्वतंत्रता सेनानियों की अविवाहित कन्याओं की सम्मान राशि में वृद्धि
राज्य सरकार ने हिमाचल स्वतंत्रता सेनानी सम्मान योजना के अन्तर्गत 01 अपै्रल, 2018 से स्व. स्वतंत्रता सेनानियों की अविवाहित कन्याओं की सम्मान राशि को 5000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये की है। राज्य सरकार स्वतंत्रता सेनानियों, उनकी अविवाहित कन्याओं तथा विधवाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए हिमाचल स्वतंत्रता सेनानी सम्मान योजना-1985 को कार्यान्वित कर रही है। राज्य सरकार स्वतंत्रता सेनानियों, उनकी विधवाओं तथा अविवाहित कन्याओं को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध करवा रही है। इसके अतिरिक्त राज्य पथ परिवहन निगम की बसों में उन्हें निःशुल्क यात्रा सुविधाएं भी प्रदान की जा रही है तथा सरकारी नौकरियों में उनके आश्रितों को दो प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है।