हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा सांसद शांता कुमार ने कहा है कि कसौली में अतिक्रमण को हटाते हुए एक सरकारी अधिकारी पर गोली चलाने की घटना हिमाचल के इतिहास में पहली और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। इस घटना से पूरे प्रदेश में भय का वातावरण बन गया है।उन्होने सरकारी कर्तव्य को निभाते हुए शैल वाला के निधन पर उनके पूरे परिवार से सहानुभूति प्रकट की है।उन्होने कहा कि पूरे हिमाचल में और देश में भी इस प्रकार की सरकारी भूमि परअवैध कब्जे और अतिक्रमण बहुत अधिक हुए है। जब सर्वोच्च न्यायालय तक मामला पहुंचता है तो उस अतिक्रमण को तुरन्त हटाने का आदेश होता है। करोड़ो की सम्पत्ति नष्ट हो जाती है। इस से कुछ निर्दोष लोगो को भी बहुत अधिक हानि होती है।शांता कुमार ने कहा कि यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई जगह सरकार की सम्पत्ति को लावारिश समझकर लोग कब्जा कर लेते है। सब से अधिक और पहले स्तर पर दोषी तो वह कर्मचारी/अधिकारी है जो आंखे बन्द करते है, बिकते है और इस प्रकार का गैरकानूनी काम करने देते है।सबसे पहले उन सरकारी कर्मचारियो व अधिकारियों को दण्डित किया जाना चाहिए।उन्होने हिमाचल के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुरको बधाई देते हुए कहा किउन्होने घटना के तुरन्त बाद अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही को जारी रखने की बात कही है और स्पष्ट कहा है कि उच्च न्यायालय के आदेशों का गंभीरता से पालन किया जाएगा। शांता कुमार ने उन से विशेष आग्रह किया है कि यदि आवश्यकता हो तो सरकार एक विशेष कानून बनाये और सरकारी सम्पत्ति पर होने वाले किसी भी गैरकानूनी कब्जे के लिए स्थानीय कर्मचारी व अधिकारी को दोषी ठहराया जाए और उसे कठोर सजा दी जाए। प्रदेश में कानून का राज्य स्थापित करने के लिए यह अत्यन्त आवश्यक है।