मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा डॉ. आर.एस. राणा ने सर्पदंश के मामलों में लोगों से झाड़फूंक पर समय बर्बाद करने के बजाय सर्पदंश के शिकार व्यक्ति को चिकित्सा उपचार के लिए तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि समय पर अस्पताल ले जाने से सर्पदंश के शिकार व्यक्ति की अनमोल जिन्दगी को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चाबीसौं घंटें खुले रहने वाले सरकारी स्वास्थ्य सस्थानों में एण्टी वेनम इंजैक्शन उपलब्ध रहता है तथा समय पर इंजैक्शन लग जाए तो रोगी के जीवन की रखा की जा सकती है।गौरतलब है कि गर्मियों एवं बरसात के मौसम में सांप के काटने का अधिक खतरा रहता है।
सर्पदंश की स्थिति में क्या करें
डॉ. आर.एस. राणा का कहना है कि विषैले सांपों के काटे जाने पर रोगी को समय पर एण्टी वेनम इंजैक्शन लग जाए तो उसे बचाया जा सकता है। किन्तु देखा गया है कि परिवार के लोग झाड़-फूंक में समय बर्बाद कर देते हैं जिसके कारण समय पर इलाज न होने से सर्पदंश के शिकार व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है। सर्पदंश के मामले गर्मियों के शुरू होते ही घटित होते हैं और बरसात में यह अत्यधिक हो जाते हैं। सांप की 70 प्रतिशत प्रजातियां विष रहित होती हैं लेकिन जो 30 प्रतिशत प्रजातियां हैं वह बहुत ही विषैली होती हैं तथा उनका उपचार विषरोधी दवा के बिना नहीं हो सकता। उन्होंने लोगों से अपील की है कि सर्पदंश के मामले में झाड़-फूंक में समय बर्बाद ना करें और तुरन्त 108 आपातकालीन सेवा पर कॉल करें सर्पदंश के मामलों से निपटने के लिए 108 एम्बुलेंस में सर्प विषरोधी दवाएं उपलब्ध रहती हैं जो पीड़ित को तत्काल दी जाती हैं। चाबीसौं घंटें खुले रहने वाले सभी सरकारी स्वास्थ्य सस्थानों में एण्टी वेनम इंजैक्शन उपलब्ध रहता है ।
सर्पदंश की पहचान कैसे करें
सर्पदंश के दौरान काटी गई जगह पर दांतों का निशान, हल्की दर्द व उसके चारों तरफ लाली से पहचाना जा सकता है। यदि काटी गई जगह के आस पास की त्वचा में अत्यधिक लचीलापन एवं सोजिश है, तो यह सर्पदंश के लक्षण हो सकते हैं। बेहोशी, सांस लेने में तकलीफ, खून के धब्बे उभरना, पसीना आना इत्यादि भी सर्पदंश के सामान्य लक्षणों में सम्मिलित हैं।
सांप के काटने पर क्या करें
सर्वप्रथम 108 को फोन करें, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें। पीड़ित को हिम्मत बधाएं तथा उसे जाग्रत अवस्था में रखें । पीड़ित को ज्यादा न हिलाएं-डुलाएं और काटी गई जगह को स्थिर रखें। रक्त के बहाव को न रोकें। नाजुक जगह को जोर से न बांधे इससे कोई फायदा नहीं होगा बल्कि नुकसान हो सकता है। पीड़ित के तंग कपड़े एवं हर प्रकार के गहने उतार दें। शीघ्रातिशीघ्र अस्पताल पहुंचें। पीड़ित को शांत रखें। किसी भी तरह का तनाव उसके रक्तचाप को बढ़ा सकता है जिससे उसकी जिन्दगी संकट में पड़ सकती है।
सांप के काटने पर क्या न करें
डॉ. राणा ने कहा कि सांप के काटने पर पीड़ित को बैंडेज न बांधे। रक्त बहाव को रोकने का प्रयास न करें। इससें बाजू या टांग को खोने का नुकसान हो सकता है। सर्पदंश की जगह को ना काटें। इससे जख्म और ज्यादा बढ़ सकता है। सर्पदंश वाली जगह मुंह लगाकर विष चूसने का प्रयास न करें। जख्म पर बर्फ या दूसरा ठंडा करने वाले पदार्थ का कोई प्रयोग ना करें इससे जख्म ओर बढ़ सकता है। सर्पदंश की जगह विद्युत तरंगों का प्रवाह बिल्कुल न करें। इससे विष का प्रभाव कम नहीं होगा बल्कि स्थिति ओर बद्तर हो जाएगी। सांप को मारने और पकड़ने में समय न गवाएं। पीड़ित को खाने अथवा पीने को कुछ न दें।