कृषि मंत्री गुलाम नबी लोन हंजूरा ने आज कहा कि राज्य सरकार किसानों की समस्याओं के प्रति संवदेनशील है और समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।मंत्री आज यहां आल जम्मू व कश्मीर किसान यूनियन सहित विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के साथ बैठक के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विभाग के विभिन्न योजनाओं में शामिल करने के लिए विभिन्न कृषि विशेष प्रस्तावों को शामिल किया गया है।बैठक के दौरान किसान संघों ने अपने सुझावों में किसानों, निरंतर बिजली और पानी की आपूर्ति, बीज और उर्वरकों की समय पर आपूर्ति, सत्यापन के बाद नए बंदूक लाइसेंस जारी करना, गांव टांडा के किसानों को औद्योगिक विकास केंद्र साम्बा में उद्योगों के औद्योगिक प्रदूषण के कारण फसलों की निरंतर हानि का मुआवजा, केसीसी के माध्यम से ऋण सहित कृषि ऋण पर स्टाम्प ड्यूटी की छूट, जम्मू कश्मीर और पंजाब सरकार के बीच रणजीत सागर बांध मुआवजे का सामूहिक समझौता, किसान क्रेडिट ऋण को माफ करने, कृषि मशीनरी और उपकरणों और उर्वरकों पर सब्सिडी की व्यवस्था और फसल बीमा योजना के कार्यान्वयन शामिल है।हंजूरा ने उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों को उपयुक्त कार्रवाई के लिए संबंधितों के साथ लेने का आश्वासन दिया।मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, फसल भिम योजना (पीबीके) और प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) सहित कई प्रमुख कार्यक्रमों को शुरू कर दिया है, इसके अलावा किसानों को उनके दरवाजे पर नवीनतम वैज्ञानिक तकनीकों के बारे में जानकारी दी जा रही है।मंत्री ने कहा कि सरकार कृषि समुदाय का उत्थान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पहले से ही कृषि समुदाय के वास्तविक मुद्दों को हल करने में गहरी रुचि ले रहे हैं। मंत्री ने कहा कि केंद्र कृषि क्षेत्र के तहत उदार सहायात मुहैया कर रही है। उन्होंने कहा कि कृषि भूमि सिकुड़ना एक बड़ी चुनौती है और सरकार इस खतरे से निपटने के लिए एक अच्छी बुनना कार्यक्रम के तहत काम कर रही है और कृषि उपज में आत्मनिर्भरिता हासिल कर रही है।कृषि मंत्री ने कहा कि विभागीय वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोहरीकरण के राष्ट्रीय लक्ष्य को साकार करने के लिए काम कर रहा है।