जम्मू-कश्मीर की अधिकारिक भाषा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल में, सरकार ने उर्दु भाषा के प्रचार हेतु आज पहली बार राज्य परिशद का गठन किया है।उच्च शिक्षा विभाग के सरकारी प्रमुख सचिव डॉ. असगर हसन सैमून द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार शिक्षा मंत्री द्वारा परिषद की अध्यक्षता होगी। परिषद के गैर अधिकारिक सदस्यों में प्रो. हमीदी कश्मीरी, प्रो. मोहम्मद जामन अजारद, प्रो. नजीर अहमद मलिक, प्रो. नूर मोहम्मद शाह, प्रो. अहमद कुदुस जावेद, प्रो. जहूर उद दीन, वाली मोहम्मद आसीर, फारूक मुजतर, खालिद बशीर अहमद तथा जावेद अजर शामिल हैं।प्रस्तावित परिषद के अधिकारिक सदस्यों में जम्मू व कश्मीर के सभी केन्द्रीय/राज्य विश्वविद्यालयों के उपकुलपति, स्कूली शिक्षा, संस्कृति एवं कानून विभागों के वित्त सचिव, जम्मू व कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी के सचिव, उर्दु भाषा के प्रोत्साहन हेतु निदेशक राज्य परिषद, प्रमुख सूचना अधिकारी, कालेजों के निदेशक, कश्मीर के उर्दु विश्वविद्यालय विभाग के एचओडी, जम्मू के उर्दु विश्वविद्यालय विभाग के एचओडी, एमएएम कालेज जम्मू, जीडीसी पुंछ, डोडा, बारामुला, अनंतनाग, लेह, कारगिल तथा अमरसिंह कालेज श्रीनगर के उर्दु विभाग के सम्बंधित एचओडी, शामिल हैं।उल्लेखनीय है कि उर्दु के प्रोत्साहन हेतु राज्य परिशद के गठन की घोषणा वित्त मंत्री डॉ. हसीब द्राबु ने पिछले महीने राज्य विधानमंडल में अपने बजट भाषण में की थी।डॉ. द्राबु ने अपने भाषण में कहा था कि उर्दु केवल राज्य की अधिकारिक भाषा ही नहीं बल्कि यह सभी क्षेत्रों में बोली जाती है, यह भारतीय उपमहाद्वीप की सांस्कृतिक विरासत का एक भंडार भी है। उन्होंने कहा था कि पिछले साल सरकार ने उर्दु भाषा के प्रचार के लिए एक परिशद की स्थापना की घोषणा की थी जो उस समय में सफल नहीं हो सकी। इस वर्ष प्रस्तावित परिषद को बिना किसी देरी के तैयार किया जाएगा। उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि मैने इस उददेष्य के लिए 2 करोड़ रु. का भुगतान किया है।