वरिष्ठ अतिरिक्त महा अधिवक्ता, अतिरिक्त महा अधिवक्ता, उप महा अधिवक्ता और सरकार के अदालतों में सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों की सामान्यता गैर उपस्थिति का कड़ा संज्ञान लेते हुए कानून विभाग ने उनके खिलाफ नियुक्ति रद्दीकरण सहित अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है।सरकार के विधि विभाग सचिव अब्दुल माजिद भट द्वारा जारी एक परिपत्र के अनुसार, ‘अदालतों में लगातार गैर-उपस्थिति की प्रथा को दूर करने और अनावश्यक स्थगन की मांग करने के लिए सीनियर एएजीएस, एएएजी, डीएजी एजी और सरकारी वकील प्रभावित करते को उन मामलों में उनकी अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित करें और ऐसा न करने पर कानून विभाग द्वारा उनकी नियुक्तियों को जब्त करने/ रद्द करने सहित गंभीरता से लिया जाएगा। यह कहा गया है कि जम्मू व कश्मीर उच्च न्यायालय ने दिनांक 27.12.2017 और 28.12.2017 को एसडब्ल्यूपी संख्या: 1275/2011 और ओडब्ल्यूपी संख्या: 1959/ 2015 में पारित किए गए आदेश में देखा है कि सिनियर एएजी, एएजीएस, डिप्टी एजी और सरकार के वकील ‘उपस्थिति का मेमो’ नहीं भर रहे है और मामले में अनावश्यक स्थगन की मांग कर रहे हैं।इस परिपत्र में कहा है ‘उच्च न्यायालय ने इसे गंभीरता से लिया है और आदेश दिया है कि सभी सिनियर एएजी, एएजीएस, डिप्टी एजी और सरकार के वकील जो राज्य या संबंधित विभाग की ओर से उपस्थित हैं, षर्त की मिासाल के तौर पर ‘ उपस्थिति का मेमो’ दर्ज करें।