विश्व आर्थिक मंच के शिखर सम्मेलन में केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने शहरी क्षेत्रों के उन्नयन और लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने पर जोर दिया, साथ ही उन्होंने प्रदूषण, संघर्ष, आतंकवाद और बेरोजगारी की वजह से दुनिया के कई शहरों को 'कमजोर' बताया। मंत्री ने यह प्रतिक्रिया मंगलवार को स्विटजरलैंड के दावोस शहर में विश्व आर्थिक मंच के अवसर पर 'कमजोर शहरों के नवीनीकरण तक' पर हो रही पैनल चर्चा में दी।एक आधिकारिक बयान में सिंह के हवाले से कहा गया, "विश्व के 239 से अधिक शहरों को अन्य कारणों के अलावा प्रदूषण, टकराव, आतंकवाद, बेरोजगारी और बिजली की कमी की वजह से 'कमजोर' श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।" उन्होंने कहा कि हमें शहरी क्षेत्रों के उन्नयन और लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की जरूरत है।भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में कमजोर शहरों के अनुभव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मोदी सरकार के गत साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान क्षेत्र में स्थायित्व आया है।उन्होंने कहा, "विद्रोह और 'खस्ताहाली' का संबंध विकास में कमी और अक्षम राजनीतिक नेतृत्व से है। भ्रष्टाचार न सिर्फ राज्य के नेतृत्व को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि राजकोष में भी सेंध लगाता है।"सिंह ने आगे कहा कि युवाओं में आकांक्षा वृद्धि एक स्वागत योग्य विकास है। सर्वाधिक आदर्श स्थितियों में भी बेहतर करने की आशा हमेशा बनी रहती है। कोई भी स्थिति स्थायी नहीं होती। जो कल कमजोर थे, वे आज कमजोर नहीं हो सकते और जो आज कमजोर हैं वे कल शायद कमजोर न रहें।इस मौके पर मंत्री ने यह भी कहा कि विश्व विविधता और विभिन्नता के बावजूद एक समान मानदण्डों के साथ नए वैश्विक रोडमैप को देख रहा है और विभिन्न देशों के स्थानीय परिप्रेक्ष्य में इसकी कल्पना करना आसानी से संभव नहीं होगा, क्योंकि उनकी अपनी-अपनी विशेषताएं हैं।सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु, पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, रेल मंत्री पीयूष गोयल और विदेश मामलों के राज्य मंत्री एम. जे. अकबर के साथ स्विट्जरलैंड में विश्व आर्थिक मंच के वार्षिक आयोजन के विभिन्न सत्रों में भाग लेने के लिए मौजूद हैं।