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औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए बहुविध रणनीति : चंद्र प्रकाश गंगा

‘बुनियादी ढांचे के उन्नयन, ग्रामीण औद्योगिक एस्टेट की स्थापना, सुगम व्यापार पर ध्यान केंद्रित’

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Rouf Pampori

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5 Dariya News

जम्मू , 24 Jan 2018

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री चंद्रप्रकाश गंगा ने आज कहा कि औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य में बड़े पैमाने पर औद्योगिक बुनियादी ढांचे का उन्नयन किया गया है। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प विभाग के साथ पंजीकृत स्थानीय कला और शिल्प हस्तकला इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए अब राज्य की मौजूदा औद्योगिक नीति के तहत प्रोत्साहन लेने के उद्देश्य के लिए औद्योगिक इकाइयों के समकक्ष विचार किया जाएगा।मंत्री ने उद्योग एवं वाणिज्य तथा संबद्ध विभागों के अनुदान मांग पर सदन में चर्चा को समेटते हुए कहा, ‘कार्यक्रम के तहत 138 करोड़ रुपये की लागत से जेके में विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों में दशकों के बाद व्यापक बुनियादी ढांचे का उन्नयन किया गया है।’’ उन्होंने कहा कि अच्छी सड़कों के अलावा औद्योगिक एस्टेटों को अब बिजली आपूर्ति 24Û7 मिल रही है।गंगा ने कहा कि विभाग जेके में ग्रामीण औद्योगिक प्रतिष्ठान स्थापित करने की प्रक्रिया में है, जिसके लिए बजट में 10 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर 13661 कंसल भूमि औद्योगिक विकास के लिए भूमि बैंक के रूप में सेवा करने के लिए स्थानांतरण/ अधिग्रहण के विभिन्न चरणों में है।महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए, मंत्री ने कहा कि श्रीनगर और जम्मू में महिलाओं के लिए अलग-अलग उद्यमशीलता केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।औद्योगिक क्षेत्र में पहल के बारे में मंत्री ने कहा कि विभाग ने औद्योगिक प्रतिष्ठानों के संबंध में डाटा को जमा करने, स्टोर करने, विश्लेषण करने और प्रबंधित करने के लिए सभी औद्योगिक एस्टेटों के जीआईएस मानचित्रण शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह जानकारी ूूूण्नकलवहराहपेण्बवउ पर उपलब्ध होगी।’’उन्होंने कहा कि पोर्टल औद्योगिक प्रतिष्ठानों/ इकाइयों के स्थान, विभिन्न औद्योगिक संपदाओं में भूमि की उपलब्धता, व्यक्तिगत इकाई गतिविधि और वर्तमान स्थिति और निर्णय लेने की प्रक्रिया के लिए समर्थन के बारे में जानकारी प्रदान करेगा।

मंत्री महोदय ने कहा कि उद्योग और वाणिज्य निदेशालय के तहत सभी छोटे औद्योगिक एस्टेटों को सिकॉप को स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक एस्टेट लस्सीपाड़ा में चमड़ा समूह के लिए सामान्य सुविधा केंद्र की स्थापना के लिए 40 करोड़ डीपीआर तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि डीपीआर को मंजूरी के लिए भारत सरकार की औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग को सौंप दिया गया है।उन्होंने कहा कि घाटी, रंगरेथ, खनमोह और लास्सीपोरा में औद्योगिक संपदाओं में विभिन्न योजनाओं के तहत चार आम प्रचलित उपचार संयंत्र (सीईटीपी) का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘बड़ी ब्रह्मणा और सांबा में सीईटीपी के लिए 2 और प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए हैं।’’मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्टार्टअप हब, इनक्यूबेटर और स्टार्टअप के लिए योजना की स्थापना के लिए सरकार को उद्यमिता को प्रोत्साहित करने और प्रतिभाशाली युवाओं के बीच नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है। उन्होंने कहा, ‘इस योजना के तहत निवेश के खिलाफ पूंजीगत खर्च के लिए इनक्यूबेटर के लिए 50 लाख रुपये की सहायता उपलब्ध है। नवोन्मेश को एक वर्ष के लिए प्रति माह 10000 रुपये की सहायता भत्ता के रूप में प्रदान किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि लघु और मध्यम उद्यमों को तकनीकी और डिजाइन समर्थन देने के साथ ही उद्योगों में बेहतर रोजगार के अवसरों के लिए युवाओं के औद्योगिक जानकारियों और कौशल विकास के लिए 100 करोड़ रुपये की लागत से साम्बा में एक प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि व्यापार को आसान बनाने को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी किए गए 372 प्वाइंट बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान -2017 (बीआरएपी) से 270 व्यावसायिक सुधारों को सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया है। ।

 उन्होंने कहा , ‘‘परिणाम के साथ, 2016 में जम्मू कश्मीर की रैंकिंग 31 वें स्थान से बढ़कर दिसंबर 2017 में 22 वें स्थान पर आ गई’’, और कहा कि  राज्य में औद्योगिक विकास की सुविधा के लिए 2016 में एक नई औद्योगिक नीति जारी की गई थी। उन्होंने कहा कि विभाग ने औद्योगिक इकाइयों के अनंतिम पंजीकरण, औद्योगिक इकाइयों के स्थायी पंजीकरण और भूमि के जारी करने और औद्योगिक एस्टेट के लिए आवंटन प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन सेवाएं शुरू की हैं।उन्होंने कहा, ‘‘2017-18 के दौरान 31.12.2017 तक 479 औद्योगिक इकाइयां दर्ज की गई थी जिसमें 345 करोड़ रुपये के निवेश को शामिल किया गया था, जिसमें 4968 व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए थे‘‘  और कहा कि विभाग की सर्वोच्च परियोजना मंजूरी समिति (एपीसीसी) ने पिछले 2 वर्षों के दौरान राज्य में 21 मध्यम और बड़े पैमाने पर इकाइयों की स्थापना के लिए 3119 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी।उद्योग को प्रदान किए जाने वाले प्रोत्साहनों के बारे में, मंत्री ने कहा कि उद्योग को 2004 से 272.77 करोड़ केंद्रीय प्रोत्साहन दिए गए हैं।  उन्होंने कहा, ‘‘इससे, 2016-18 के दौरान 127.19 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं’’ और कहा कि राज्य के प्रोत्साहन के तहत उद्यमियों को 130.21 करोड़ रूपए दिए गए हैं जिसमें पिछले 2 वर्षों के दौरान 21.22 करोड़ रूपये शामिल हैं।जीएसटी के बाद के परिदृश्य के बारे में मंत्री ने कहा कि ‘बजटीय सहायता’ के लिए केंद्रीय योजना को अधिसूचित किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भी श्बजटीय सहायता योजनाष् के तहत 42 प्रतिशत शेष राशि का भुगतान करने की घोशणा की है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके अतिरिक्त 100 प्रतिशत  एसजीएसटी धनवापसी सहमत हो गई है। राज्य मंत्रिमंडल ने मुआवजे के लिए उपयुक्त तंत्र के साथ, पूर्व जीएसटी शासन में उद्योग के लिए 2 प्रतिशत सीएसटी उपलब्ध करवाने के लिए भी मंजूरी दे दी है।’’

मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर इंडस्ट्रीज लिमिटेड की विभिन्न बंद/ बीमार इकाइयां को पुनर्जीवित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जम्मू क्षेत्र में बड़े कोकून उत्पादन का उपयोग करने के लिए 23.50 करोड़ रुपये की लागत से जम्मू के बरी ब्रह्मा में सिल्क फिल्म और सिल्क फैक्ट्री की स्थापना की जा रही है, जो अन्यथा राज्य के बाहर के उद्यमियों को बेची जाती है। उन्होंने कहा कि विभिन्न जेकेआई इकाइयों का उन्नयन विभिन्न वित्तपोशण योजनाओं के तहत किया गया है। इसमें विश्व बैंक सहायता के तहत 23.54 करोड़ रुपये की लागत से सरकारी सिल्क फैक्टरी, राजबाग, श्रीनगर का पुनरुद्धार, विश्व बैंक सहायता के तहत 11.74 करोड़ रुपये की लागत से सरकारी ऊनी मिल्स बेंमिना का पुनरुद्धार, टीएमआईईआर के तहत 6.64 करोड़ रुपए की लागत सरकारी सिल्क फिलेचरर्स, बड़ी ब्रह्मणा, जम्मू की कीमत पर पुनरुद्धार, टीएमआईईआर के तहत 5.66 करोड़ रुपए की लागत से सरकारी सिल्क फिलेचरर्स सोलिना, श्रीनगर  का पुनरुद्धार,  राज्य निधि से 16.84 करोड़ रूपये की लागत से सरकारी रेशम फैक्टरी और  8.50 करोड़ रूपए की लागत बड़ी ब्रह्मणा, जम्मू, सरकारी ज्वाईनरी मिल्स बड़ी ब्रह्मणा का पुर्नद्धार भी शामिल है।मंत्री ने कहा कि सरकारी ज्वाइग्नरी मिल पांपोर को 8.50 करोड़ रुपये की लागत से नवीनीकृत/ अपग्रेड किया गया है। उन्होंने कहा, ‘हाल के बजट में वित्त मंत्री ने नौशेरा में ऊनी स्पिनिंग मिल की घोशणा की, जिसमें कुल 5 करोड़ रुपये की लागत थी।‘‘ उन्होंने कहा कि  जम्मू-कश्मीर के हस्तशिल्प विश्व स्तर पर अपने हुनर और लालित्य के लिए जाना जाता है जिसमें लगभग 20 लाख से अधिक कारीगर हैं, जो लगभग 20 अभ्यास शिल्प के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प विभाग के 553 प्रशिक्षण केन्द्र हैं, जिनमें से 363 प्राथमिक प्रशिक्षण और 190 उन्नत प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।  उन्होंने कहा  कि विभाग ने अभी तक इन 553 प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से विभिन्न शिल्प में 3 लाख कारीगरों को प्रशिक्षित किया है।

 2016-2017 में, इन कोंटरों में कुल 7922 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया गया था। हथकरघा विभाग के मामले में राज्य में 109 प्रशिक्षण केंद्रों में 2016-2017 में 1054 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया गया था।उन्होंने कहा कि पीएमडीपी के तहत पश्मीना संवर्धन कार्यक्रम के 48.05 करोड़ रुपये के मूल्य प्रस्ताव को केंद्रीय ऊन विकास बोर्ड को मंजूरी और धन जारी करने के लिए सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि परियोजना, पूर्व उत्पादन, उत्पादन और उत्पादन के सभी चरणों में विशिष्ट हस्तक्षेप के साथ पश्मीना शिल्प के समग्र विकास की परिकल्पना की गई है।उन्होंने कहा कि सांबा में हथकरघा विकास निगम के निर्यात उन्मुखी हथकरघा विकास परियोजना का उन्नयन हाथ में लिया गया था। सिविल काम पूरा हो चुका है और खरीद और उन्नत मशीनरी की स्थापना प्रगति पर है। इससे साम्बा शहर के आसपास 500-600 बुनकरों का लाभ होगा और 2018-19 से निगम के लिए 2 करोड़ रूपए प्रति वर्ष का व्यवसाय उत्पन्न करेगा।उन्होंने कहा कि 44238 लाभार्थियों का कारीगर क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत लाभ हुआ, जिसका उद्देश्य विभिन्न हस्तकला उत्पादों के कारीगरों को स्वनिर्धारित स्वतंत्र रूप से कमाई करने में मदद करना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस योजना के तहत स्वीकृत मामलों के लिए 9.3 6 करोड़ रूपये की राशि 10 प्रतिषत ब्याज अनुदान प्रदान की है। उन्होंने कहा कि फर कारीगरों के पुनर्वास के लिए योजना तैयार की गई है और यह कार्यान्वयन में है। उन्होंने बताया कि मार्जिन मनी और 20.88 करोड़ रुपये की 5प्रतिशत इक्विटी सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है।

उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर हस्तशिल्प (एस एंड ई) निगम के लिए कहा कि राज्य सरकार ने केप एक्सपैंस बजट में धन उपलब्ध कराया है और व्यापारिक सामानों की सीधे खरीद के लिए 6.19 करोड़ रूपए में अनुदान सहायता प्रदान की है। उन्होंने कहा, ‘‘चालू वर्ष के बजट में भी, वित्त मंत्री ने जम्मू एवं कश्मीर हस्तशिल्प (एस एंड ई) निगम और जम्मू और कश्मीर हथकरघा निगम को प्रत्येक को 5 करोड़ रूपये देने की घोशणा की है।’’ उन्होंने कहा कि यह मौजूदा वित्तीय वर्ष से निगम द्वारा अपनाई गई प्रत्यक्ष खरीद व्यवस्था को मजबूत करेगा।उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प निगम ने पिछले 3 वर्षों में लाल चौक, मुख्य शाखा, श्रीनगर और पुलवामा में स्थित अपनी शाखाओं का पुनर्निर्माण किया। इसके अलावा, लखनऊ में स्टाफ क्वार्टरों की मरम्मत कार्य/नवीनीकरण भी किया गया था। उन्होंने कहा और कहा कि हस्तशिल्प निगम 174.98 लाख रुपये के अनुमानित लागत पर अपने मुख्य मुंबई शोरूम की मरम्मत कर रहा है। उन्होंने कहा कि शहरी हाट, जम्मू को विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) से 26 लाख रुपये की वित्तीय सहायता के साथ उन्नत किया जा रहा है।उन्होंने राज्य सरकार, भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) और निर्यात के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी के रूप में जम्मू और कश्मीर व्यापार संवर्धन संगठन (जेकेटीपीओ) को हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र के हितरोग और हस्तशिल्प क्षेत्र के हितों के लिए व्यापार से व्यापार से संपर्क करने के लिए बाजार, निर्यात प्रदर्शन प्रदर्शनी स्थान और व्यापार प्रदान करने के लिए कहा। हस्तशिल्प के लिए प्रोत्साहन परिशद (ईपीसीएच) को मंजूरी दे दी गई है।उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू और कश्मीर हस्तशिल्प (एस एंड ई) निगम के विदेशी प्रदर्शनियों के लिए वित्त पोशण पर प्रतिबंध को भारत सरकार ने जोरदार प्रयासों के बाद हटा दिया है। कई वर्शाें के बाद, जम्मू और कश्मीर हस्तशिल्प (एस एंड ई) निगम अगले महीने बर्मिंघम में हस्तशिल्प प्रदर्शनी में भाग लेगा’’ और कहा कि सरकार जल्द ही राज्य के 20000 कारीगरों और बुनकरों को जोड़ने के लिए एक ई-कॉमर्स मंच शुरू कर रही है।

लक्ष्य मौजूदा हाथों से हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों के निर्यात को 1000 करोड़ रूपए तक बढ़ाने के अलावा मध्यस्थ जहाज के कई चरणों के शोषण को कम करने का प्रमुख उद्देश्य भी प्रदान करना है। एक प्रसिद्ध कंपनी को विश्व बैंक मानदंडों के अनुसार चुना गया है और इसे वित्तीय मंजूरी के लिए विश्व बैंक में सौंप दिया गया है।उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 में कश्मीर से हस्तशिल्प निर्यात 1151.12 करोड़ रुपये तक हो गया है, जो कि पिछले साल की तुलना में 8.6 फीसदी बढ़ोतरी है।  उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर हथकरघा निगम और हस्तशिल्प निगम के सभी बकाया ऋण ऋण उद्योग और वाणिज्य विभाग द्वारा मंजूरी दे चुके हैं।उन्होंने कहा कि भारत सरकार के संशोधित दिशानिर्देशों के तहत हथकरघा के 8 ब्लॉक स्तर समूहों का कार्यान्वयन किया जा रहा है। केवीआईबी के बारे में, मंत्री ने कहा कि 46185 इकाइयों की स्थापना जम्मू और कश्मीर केवीवीबी की सहायता से की गई है, जो राज्य के औद्योगिक सकल घरेलू उत्पाद को 1823 करोड़ रूपये का योगदान देते हैं और 18969 कारीगरों/ श्रमिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं।उन्होंने कहा कि एसएफयूआरटीआई के तहत एसएफयूआरटीआई के तहत 3 क्लस्टर्स को मंजूरी मिली है। उन्होंने कहा,‘‘बांदीपोरा, सांबा, भद्रवाह, रामबन, पट्टन इमब्रोडरी क्लस्टर, वतिस्ता वूलेन होजिरी क्लस्टर, पंपोर पश्मीना और स्किन अपग्रेडेशन ट्रेनिंग क्लस्टर, कठुआ और आवश्यक तेलों के निर्माण में मधुमक्खी पालन के लिए क्लस्टर सहित 8 और अधिक क्लॉस्टर्स प्रस्तावित किए गए हैं।’’उन्होंने कहा और कहा कि परियोजनाओं को 1192.92 लाख रुपये की लागत से भारत सरकार के मंत्रालय को सौंप दिया गया है ताकि परंपरागत उद्योगों (एसएफयूआरटीआई) के पुनर्निर्माण के लिए निधि की योजना के तहत मंजूरी मिल सके जो कि शीघ्र ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों के निर्माण में और बेरोजगारों और नियोजित युवाओं के लिए निरंतर, स्थायी और बढ़ी हुई मजदूरी आय प्रदान करने में मदद की है। उन्होंने कहा कि चालू वर्ष 2017-18 के दौरान 320072 करोड़ रुपये के मार्जिन मनी के साथ 1650 इकाइयों के 13200 व्यक्तियों को रोजगार पैदा करने के लक्ष्य  को 81.82 करोड़ रुपये के मार्जिन के साथ 4125 इकाइयों से 33 हजार व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन के लिए संशोधित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य में लगभग तीन गुना बढ़ोतरी और पीएमईजीपी के तहत राज्य के लिए उपलब्ध मार्जिन धन है।

मंत्री ने कहा कि 8289 .12 लाख रुपये की कुल लागत के साथ जम्मू के बड़ी ब्रह्मणा में एक पूर्ण ईडीआई परिसर का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संस्थान ने राज्य के युवाओं के लिए उद्यमिता विकास में अपनी तरह के छह महीने के डिप्लोमा कोर्स शुरू कर दिया है जो अपने करियर के रूप में उद्यमिता को आगे बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जेके मिनरल्स लिमिटेड ने पहली बार सावलकोट जल विद्युत बिजली साइट पर आउटसोर्सिंग व्यवस्था के जरिए पर्ललांका जिप्सम खान का दोहन शुरू किया। इस नई खनन गतिविधि से मौजूदा आय 12.76 करोड़ रुपये के बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि नए जम्मू-कश्मीर माइनर खनिज नियमों को भी अधिसूचित किया गया है, जो समय के कारण जिला खनिज विकास कोश की स्थापना में सुविधा प्रदान करेगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष में निगम ने पहले से ही रुपये उत्पन्न किया है। उन्होंने कहा कि जेकेएमएल के व्यापार और राजस्व आय में काफी बढ़ोतरी हुई है और 2016-17 के दौरान 2.15 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया गया है जिससे पीएसयू को 18 साल बाद अपने कर्मचारियों के लिए 10ः कोला जारी करने में मदद मिली है।उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर जिला मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट की स्थापना लघु खनिज रियायतों के धारकों से एहसास हुआ रॉयल्टी की कुल राशि में से, खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास और खनन संबंधी बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 10 प्रतिशत जमा/ भुगतान किया जाएगा।उन्होंने कहा कि निगरानी सेवाओं को जीवंत और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सीसीटीवी निगरानी सुविधाओं के साथ खनिज जांच पदों की स्थापना के अलावा एक उपग्रह निगरानी प्रणाली को खनन स्थलों पर रखा जा रहा है।जेके सीमेंट्स के बारे में मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान जम्मू और कश्मीर सीमेंट्स लिमिटेड (जेकेसीएल) इकाइयों से पिछले वित्त वर्ष में 1,10,020 एमटीएस सीमेंट के मुकाबले 1,75,000 एमटीएस होने की उम्मीद है, जबकि जो कि 140 करोड़ रुपये की राजस्व आय पैदा करेगा जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 87 करोड़ रुपये के मुकाबले सबसे ज्यादा होगा।उन्होंने कहा कि जेकेसीएल की देनदारी को 2016 के अंत तक 120 करोड़ रुपये से घटाकर 82 करोड़ कर दिया गया है।इससे पहले विकार रसूल वानी, मुबारक गुल, राजीव जसरोटिया, एम वाई तारिगामी, शाह मोहम्मद तांत्रे, एजाज अहमद खान, बशीर अहमद डार, अली मोहम्मद सागर, राजेश गुप्ता, सैयद फारूक अंद्राबी, पवन कुमार गुप्ता, अब्दुल रहीम राथर, मोहम्मद अमीन भट, राजा मंजूर अहमद, शेख इशफाक जब्बार, जीएम सरूरी, आरएस पठानिया, असगर अली करबलई  और मोहम्मद अकबर लोन ने चर्चा में भाग लिया और विभाग के कामकाज में सुधार के लिए उनके सुझाव दिए। सदन ने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के लिए 56355.24 लाख रुपये की अनुदान पारित किए।

प्रमुख बातें

ऽ नई औद्योगिक नीति 2016 में जारी की गई।

ऽ व्यापार को सुगम बनाने और औद्योगिक ढांचें के सृजन पर प्रमुख बल दिया गया।

ऽ भारत सरकार द्वारा जारी किये गये 372 प्वांइट व्यापार योजना में से करीब 270 व्यापार योजना को सफलतापूर्वक लागू किया गया।

ऽ व्यापार सुधार के अंतर्गत 31-2016 से लेकर 22 दिसम्बर 2017 तक राज्यों का स्थान बढ़ा है।

ऽ विभाग की सभी सेवाओं को ऑन लाईन बनाया गया है।

ऽ विभिन्न स्थलों में 1361 भूमि औद्योगिक विकास के लिए हस्तांतरण/अधिग्रहण प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में है।

ऽ दशकों के बाद 138 करोड़ रु की राशि से औद्योगिक ढांचे के स्तर को बढाया गया।

ऽ ग्रामीण औद्योगिक एस्टेट स्थापित किये जा रहे है, इस वर्श के बजट में कार्य के लिए 10 करोड रु की घोशणा की गई।

 ऽ 345 करोड़ रु के निवेश, 4968 व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन सहित विŸा वर्श दिसम्बर 2017 तक के दौरान 479 औद्योगिक इकाइयां पंजीकृत की गई है।

ऽ एपैक्स प्रोजैक्ट क्लेयरेंस कमेटी ने गत दो वर्शो में राज्य में 21 मध्यम और बडी इकाइंया स्थापित करने हेतु 3119 करोड़ रु के प्रस्ताव का निपटारा किया है।

ऽ राज्य समर्थन के अंतर्गत गत दो वर्शो मे 21.22 करोड रू सहित उद्यमियों को 130.21 करोड़ रु की राशि उपलब्ध करवाई गई है।  

ऽ जीएसटी के बाद बजटीय सहायता के लिए केन्द्र योजना अधिसूचित की गई।

ऽ सभी लघु औद्योगिक क्षेत्र सीकॉप को सौंपे गये।

ऽ आईई लस्सीपोरा में लेदर कलस्टर के लिए आम सुविधा केन्द्र की स्थापना हेतु 40 करोड़ रु की डीपीआर मंजूरी के लिए भारत सरकार को पेश की गई।

ऽ औद्योगिक क्षेत्र घाटी, रंगरेत, खुनमोह और लस्सीपोरा में 4 कॉमन एफलूएंट ट्रीटमैंट प्लांट का निर्माण किया जा रहा है।

ऽ र्स्टाटअप हब, इन्क्यूबेटर की स्थापना के लिए योजना और जम्मू कश्मीर में र्स्टाटअप की सहायता के लिए योजना को भारत सरकार द्वारा स्वीकृति दी गई है।

ऽ जोग्राफीकल इंफारमेंशन सिस्टम (जीआईएस) और मैनेजमेंट इनफारमेंशन सिस्टम तैयार किया गया है।

ऽ सांबा में 100 करोड़ रु की लागत से तकनीकी केन्द्र स्थापित किया गया।

ऽ जम्मू कश्मीर उद्योग लिः की विभिन्न बंद पडी इकाइयों को पुनः बहाल किया गया।

ऽ बडी ब्रह्मणा में 23.50 करोड़ रु की लागत के साथ सिल्क फिलेचर और सिल्क फैकट्री स्थापित की जा रही है।

जेकेआई की 78.48 करोड़ रु की लागत वाली विभिन्न परियोजनाएं पूरी की जा रही है।

ऽ 4 लाख शिल्पकारों को लगभग 20 ललित कला से जोड़ा गया है।

ऽ हस्तकला विभाग के 553 प्रशिक्षण केन्द्र विभिन्न कलाओं में प्रशिक्षण दे रहे है।

ऽ पीएमडीपी के अंतर्गत पशमीना प्रोत्साहन कार्यक्रम का 48.5 करोड की लागत का परियोजना प्रस्ताव राषि की मंजूरी के लिए केन्द्र ऊन विकास बोर्ड को पेश किया गया है।

ऽ सांबा में निर्यात उन्मुख हथकरघा विकास परियोजना के स्तर को बढ़ाने का कार्य हाथ में लिया गया है।

ऽ आर्टीसन क्रेडिट कार्ड स्कीम के अंतर्गत 44238 व्यक्तियों को लाभ मिला।  10 प्रतिषत आर्थिक सहायता के रूप में अब तक 93.36 करोड रु उपलब्ध करवाये गये।

ऽ फर शिल्पकारों के पुनर्वास हेतु येाजना बनाई गई।

ऽ राज्य सरकार ने व्यापार वस्तुओं की सीधे खरीद के लिए गत दो वर्शो के दौरान जम्मू कष्मीर हस्तकला निगम को 6.19 करोड रु की अनुदान सहायता उपलब्ध करवाई है।

ऽ बजट 2018-19 के प्रस्तावों में जम्मू कश्मीर हस्तकला निगम और हथकरघा निगम के लिए प्रत्येक 5 करोड रु घोशित किये गये ।

ऽ हस्तकला निगम के मुम्बई शोरूम का 174.98 लाख रु की लागत से नवीनीकरण किया जा रहा है।

ऽ हथकरघा, हस्तकला क्षेत्र भागीदारांे के लिए बाजार उपलब्ध करवाने हेतु जम्मू कश्मीर ट्रेड प्रमोशन आरगेनाईजेशन (जेकेटीपीओ) को स्वीकृति दी गई।

ऽ 20 हजार शिल्पकारों और बुनकरों को जोड़ने के लिए शीघ्र ही ई-कामर्स मंच शुरू किया जायेगा।

ऽ हथकरघा क्षेत्र जम्मू कश्मीर में 50हजार से अधिक शिल्पकारों और बुनकरों को  प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध करवा रहा है।

ऽ हथकरघा के 8 ब्लाक लेवल कलस्टर लागू होने की प्रक्रिया में है।केवीआईबी की सहायता से 46185 इकाइयां स्थापित की गई हैं जिन्होंने राज्य जेडीपी को 1823 करोड रु का योगदान और 186964 शिल्पकारों को रोजगार दिया है।

ऽ एमएसएमई भारत सरकार मंत्रालय द्वारा स्फूर्ति के अंतर्गत तीन कलस्टरों को मंजूरी दी गई।

ऽ 8 ओर अधिक कलस्टरों का प्रस्ताव भारत सरकार को मंजूरी के लिए पेश किया गया है।

 

Tags: Chander Prakash Ganga

 

 

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