बहुकरोड़ी रेत खनन नीलामी में भ्रष्टाचार के लगातार लगते आरोपों और नए-नए खुलासों के बीच राष्ट्रीय नेतृत्व के दबाव में मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा बहुकरोड़ी रेत खनन नीलामी मामले में कैबिनेट मिनिस्टर राणा गुरजीत का इस्तीफा स्वीकार करना विपक्ष द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि करता है। यह कहना है भारतीय जनता पार्टी पंजाब के अध्यक्ष विजय सांपला का, जो राणा गुरजीत के इस्तीफे पर टिप्पणी दे रहे थे।सांपला ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर अपने चुनावी वायदे अनुसार किसानों का पूर्ण कर्जा माफ करने तथा पंजाब से एक माह में नशा खत्म करने में फेल रहे पर कम से कम अब भ्रष्टाचार खत्म करने के अपने चुनावी वायदे को पूरा करते हुए बहुकरोड़ी रेत खनन मामले में राणा गुरजीत व उनकी कंपनी के कर्मचारियों द्वारा लगाई गई करोड़ों की बोली में पैसे कहां से आए इसकी जांच ईडी को सौंपे।राणा गुरजीत के कर्मचारी/पूर्व कर्मचारी जिनकी इनकम टैक्स रिटर्न एक लाख प्रतिवर्ष रुपए है या 30 हजार मासिक सेलरी है, उन्होंने किस प्रकार करोड़ों रुपए की बोली लगाई, यह एक विषय जिसकी जांच पंजाब सरकार द्वारा अभी तक नहीं करवाई गई है और यही तथ्य राणा गुरजीत का बहुकरोड़ी रेत खनन नीलामी मामले से जोड़ते हैं। कैप्टन सरकार अगर ईमानदार है तो इन तथ्यों की ईडी से जांच करवाए।