Friday, 29 September 2023

 

 

खास खबरें मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा पंजाब को देश का अग्रणी राज्य बनाकर शहीद भगत सिंह के सपने साकार करने का प्रण वर्ल्ड रेबीज-डे- ब्लाक खुईखेड़ा के विभिन्न सेंटरों में लगाया जागरूकता कैम्प एसआईटी के पास पर्याप्त सबूत कि सुखपाल खैरा ड्रग्स तस्करी में शामिल रहे हैं - मलविंदर सिंह कंग आपदा प्रभावितों की मदद के लिए आगे आईं शिमला की वयोवृद्ध महिलाएं भारतीय स्टेट बैंक के कर्मचारियों ने आपदा राहत कोष में दिया योगदान पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन हरचंद सिंह बरसट के मार्गदर्शन में सार्वजनिक प्रदर्शन प्रणाली का उद्घाटन किया गया प्रदूषित हवा व वातावरण परिवर्तन के दुष्प्रभावों से बचने के लिए आज से ही सावधान रहने की जरुरत: डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यू.ए.ई. के प्रवासी हिमाचलियों को निवेश के लिए आमंत्रित किया दशहरे उत्सव को मज़ेदार कॉमेडी और हंसी से भरने जा रही है गिप्पी ग्रेवाल स्टारर फिल्म "मौजां ही मौजां" गेहूँ के स्टॉक में हेराफेरी के दोष अधीन विजीलैंस द्वारा डी.एफ.एस.सी, दो इंस्पेक्टर और तीन आढ़तियों के खि़लाफ़ केस दर्ज पंजाब के गाँव नवां पिंड सरदारां ने जीता बैस्ट टूरिज्म विलेज ऑफ इंडिया 2023 अवॉर्ड सिख नेशनल कॉलेज चरण कंवल बंगा में डिग्री वितरण समारोह का आयोजन शहीदों के परिजनों को देश के 140 करोड़ लोग 1-1 रुपया आर्थिक मदद दें : वीरेश शांडिल्य पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलियरी साइंसेज़ में जल्द शुरू होगी लीवर ट्रांसप्लांट की सुविधा राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने सीमा से सटे गांवों के लोगों के हौंसले को सराहा धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में शराब व माँस की बिक्री पर लगे प्रतिबंधः वीरेश शांडिल्य अप्रैल 2022 से अब तक पी.एस.पी.सी.एल और पी.एस.टी.सी.एल द्वारा 4151 नौकरियाँ प्रदान की गईं- हरभजन सिंह ई.टी.ओ. खरीफ मंडीकरण सीजन 2023-24 के लिए सभी पुख़्ता प्रबंध मुकम्मल: लाल चंद कटारूचक्क शाहपुर विस क्षेत्र में हर घर नल और जल पहुंचेगा: केवल सिंह पठानिया शहीद प्रदीप सिंह की अंतिम अरदास: मुख्य मंत्री की तरफ से कैबिनेट मंत्री जौड़ामाजरा ने श्रद्धा के फूल किए भेंट प्राकृतिक कृषि पद्धति से मज़बूत होगी किसानों की आर्थिकी : शिव प्रताप शुक्ल

 

बुंदेलखंड में राहुल गांधी ने पहली बार देखे थे मजदूरों के हाथ में छाले!

Listen to this article

Web Admin

Web Admin

5 Dariya News

झांसी , 17 Dec 2017

अब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए राहुल गांधी की राजनीति की प्राथमिक पाठशाला बुंदेलखंड रही है, यहीं से उन्होंने गरीबी को करीब से देखा। इतना ही नहीं एक मजदूर से हाथ मिलाते समय उसके हाथ पर उभरे छालों पर सवाल भी पूछा, तब उसने बताया था कि साहब पत्थर तोड़ने, कुल्हाड़ी चलाने से भट्ट (छाले) पड़ जाती है, जो कई बार तो जिंदगी भर यूं ही रहती है। यह वाकया है अब से लगभग छह साल पहले का। राहुल गांधी ने बुंदेलखंड का पहला दौरा 2008 में किया था। इस दौरान वे कई गांव में गए, लोगों की फटे हाल जिंदगी देखी। यहां के हालत को देखने के बाद ही उनकी पहल पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के 13 जिलों में फैले इस इलाके के लिए 7,266 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज 2009 में घोषित किया। यह बात अलग है कि यह पैकेज यहां के हालात नहीं बदल पाया।वर्ष 2008 के बाद राहुल गांधी के इस इलाके में कई दौरे हुए। वे उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड के अधिकांश जिलों तक सड़क मार्ग से पहुंचे। इसके चलते उन्होंने ग्रामीण भारत को समझा होगा, ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है। वे दलित के घर सोए और वहां खाना भी खाया। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने आईएएनसएस से कहा कि राहुल जी ने बुंदेलखंड का कई बार दौरा कर यहां की समस्याओं को जाना, गरीबों के दर्द को समझा। इस इलाके के लोगों की दशा और दिशा क्या है, उसे करीब से जाना। उन्हें गरीबी और अभाव ग्रस्त लोगों की जिंदगी को नजदीक से महसूस कराने में यहां की मिट्टी का बड़ा योगदान रहा है। यही कारण रहा कि राहुल गांधी ने बुंदेलखंड के लिए वो किया, जो कोई और नहीं कर पाया।राहुल ने टीकमगढ़ जिले के एक गांव में दलित के घर रात बिताई। वे जिस खाट पर सोए थे, वह खाट कई वर्षो तक खड़ी ही रखी गई, उसे बिछाया नहीं और न ही कोई उस पर दलित के परिवार का सदस्य लेटा या सोया। दलित परिवार ने उसे राहुल की खटिया नाम ही दे दिया था। राहुल गांधी का जनवरी, 2012 में बुंदेलखंड का चार दिवसीय दौरा हुआ। इस दौरान एक पत्रकारों का दल उनकी अनेक रैलियां और सभाओं तक पहुंचा। इस दल में शामिल होने के चलते देखा कि राहुल गांधी हर व्यक्ति से मिलने में दिलचस्पी लेते थे। 

बुंदेलखंड के वरिष्ठ छायाकार विपिन साहू ने राहुल गांधी के कई प्रवास के दौरान उनकी तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद किया है। उन्होंने आईएएनएस को बताया, "राहुल के कई कार्यक्रमों में देखा कि वे कई लोगों से एक साथ मिलने की चाहत रखते हैं। ऐसा ही कुछ झांसी में हुआ, वे एक मजदूर का हाथ पकड़ कर रह गए और कुछ देर के लिए ठिठक गए। उसके हाथ का पंजा सीधा करते हुए बोले, ये क्या है, मजदूर बोला भट्ट (छाले)। फिर सवाल, यह कैसे हो गया, मजदूर का जवाब, साहब काम करते हैं, हथौड़ा, कुदाली, सब्बल चलाते हैं, जिससे यह बन जाते हैं। मजदूर के जवाब ने राहुल को गरीबी और मजदूरी दोनों से एक साथ परिचित करा दिया था। मजदूर का हाथ देखते राहुल वाली तस्वीर काफी चर्चाओं में रही थी।" बुंदेलखंड के राहुल गांधी के जनवरी, 2012 के प्रवास में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जनार्दन द्विवेदी अहम भूमिका में थे। उसकी वजह यह रही कि द्विवेदी उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के बांदा जिले के अतर्रा से आते हैं और यहां कॉलेज में पढ़ाते भी रहे हैं।राहुल ने अपनी यात्रा पूरी होने के बाद कुछ चुनिंदा पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत की, शर्त थी कि इसे न तो कोई चैनल दिखाएगा और न ही छापेगा। बैठक ठीक उस कक्षा की तरह थी, राहुल और पत्रकार आमने-सामने थे। बीच में कोई टेबल अथवा कांग्रेस का नेता भी बाधक नहीं था। वहीं सामने बैठे आठ से दस पत्रकार। पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा के दौरान राहुल ने जहां बुंदेलखंड की समस्याओं पर खुलकर चर्चा की, वहीं पत्रकारों से सुझाव भी मांगे। इस दौरान दो वाकये हुए जो राहुल के अंदर के एक नेक इंसान को जाहिर करते हैं। एक महिला पत्रकार के पेन का ढक्कन गिरा तो उसे राहुल ने खुद अपनी कुर्सी से उठाकर सौंपा। इसके बाद जमीन में रखे चाय के थर्मोकोल में किसी का पैर न लगे, इसका भी ध्यान दिलाया।राजनीति के जानकारों का मानना है कि राहुल बीते लगभग 10 साल में काफी परिपक्व हो गए हैं। उनकी राजनीतिक समझ भी बढ़ी है, समस्याओं को भी करीब से देखा है। उनकी यह समझ बढ़ाने में बुंदेलखंड का बड़ा योगदान है। अब वे पार्टी के अध्यक्ष बन गए हैं, जिम्मेदारी बड़ी है, अब उनकी क्षमता व योग्यता की असली परीक्षा होगी। 

 

Tags: Rahul Gandhi

 

 

related news

 

 

 

Photo Gallery

 

 

Video Gallery

 

 

5 Dariya News RNI Code: PUNMUL/2011/49000
© 2011-2023 | 5 Dariya News | All Rights Reserved
Powered by: CDS PVT LTD