सरकार ने गुरुवार को सरकारी शिक्षकों द्वारा कोचिंग केंद्रों में निजी ट्यूशन करने के मुद्दे पर मीडिया के एक अनुभाग द्वारा प्रकाशित रिपोर्टों को खारिज किया है।आज जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में, शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि स्कूल शिक्षा विभाग ने अधिसूचना सं:ईडीयू/ एल/ जे/ विविध/ 131/2017, दिनांक 25.09.2017 के तहत जारी परिपत्र निर्देशों के तहत, कोई भी शिक्षण संकाय किसी भी गतिविधि/ निजी कोचिंग केंद्रों में कोई गतिविधि नहीं कर कसता है, जब तक कि वह सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति प्राप्त नहीं करता है।प्रवक्ता ने कहा, इसकी, मीडिया के एक वर्ग द्वारा गलत व्याख्या की गई है, जिससे जनता, खासकर शिक्षण वर्ग के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। उन्होंने कहा ‘‘कोचिंग सेंटर में निजी ट्यूशन के लिए कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है, कोचिंग केंद्रों में ऐसे कार्य करने से पहले सरकारी शिक्षक सक्षम प्राधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त करने के लिए बाध्य हैं।’’ उनका कहना है कि विभाग द्वारा जारी किए गए परिपत्र निर्देशों का पालन न करने वाले उन शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार स्कूला व छात्रों को एक स्तर देने के लिए शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए उसने समयबद्ध शिक्षकों की ट्रेनिंग, सीखने के परिणामों का कड़ाई से अनुपालन, बुनियादी ढांचे में सुधार और एसएसए, आरएमएसए और एमडीएम योजनाओं जैसे प्रमुख कार्यक्रमों के माध्यम से लिंग अंतर को कम करने सहित कई रास्ते-टूटने वाले कदम उठाए हैं।