पंजाब में कांग्रेस सरकार का 8वां माह भी पहले 7 माह जैसा उम्मीद तोडऩे वाला और निराशाजनक रहा। हमें समझ नहीं आ रहा कि जब हर तरफ, हर वर्ग में निराशा है और सरकार का हर मंत्री अपने महकमे का कार्य करने में नाकाम है, हर तरफ समस्याओं का अंबार है तो किसको पकड़े किसको छोड़े, पर पंजाब में तीन महकमे लोकल बॉडी, स्वास्थ्य व शिक्षा विभाग ऐसे हैं जिनकी कारगुजारी 8वें माह में सबसे अधिक लोगों को परेशान कर रही है। यह कहना है कि भारतीय जनता पार्टी पंजाब के प्रदेश उपाध्यक्ष हरजीत सिंह ग्रेवाल व प्रदेश सचिव विनीत जोशी का, जो कि पंजाब सरकार के 8वें माह की कारगुजारी की रिपोर्ट पेश कर रहे थे। तीन महकमे ऐसे हैं जिनकी कारगुजारी सबसे अधिक लोगों को परेशान कर रही है। स्थानीय निकाय विभाग: डेंगू रोकने के लिए समय पर उचित प्रबंध लोकल बॉडी डिपार्टमैंट द्वारा न किए जाने के कारण से ना सिर्फ पंजाब का शहरी इलाका डेंगू की चपेट में आया, बल्कि कई लोगों की जानें महकमे की लापरवाही से गई। डेंगू जिसे रोकने के लिए शहरों की सफाई रखना तथा मच्छरों को मारने के लिए फोगिंग करना जरूरी होता है, को स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू सुनिश्चित नहीं कर पाए।
स्वास्थ्य विभाग: यह जानते हुए कि अक्तूबर के महीने में डेंगू की महामारी फैलती थी, सरकारी अस्पतालों में इसकी तैयारी नहीं थी। स्वास्थ्य विभाग मरीजों का इलाज करने में नाकाम रहा, मरीज दर-दर की ठोकरें खाते रहे, टेस्ट बाहर से करवा रहे थे और तो और अस्पतालों में सफाई न होने के कारण से डेंगू के मच्छर अस्पतालों में भी पनप रहे थे। शिक्षा विभाग: आधा सेशन बीत जाने के बावजूद भी पंजाब सरकार के मिडल व सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में पढ़ रहे 8 लाख विद्याॢथयों को स्कूली वॢदयां नहीं मिली हैं। 18 लाख स्कूली विद्याॢथयों को पौष्टिक भोजन देने वाली मिड-डे-मील स्कीम लगभग बंद हो चुकी है। ठंड के मौसम में बच्चों के बैठने व अन्य सुविधाओं के प्रबंध किए बिना प्राइमरी स्कूलों में नर्सरी, यूकेजी व एलकेजी की क्लासें शुरू कर छोटे बच्चों को भयंकर असुविधा में डाल दिया है। सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी ठंड से, भूख से तंग हैं बिना टीचरों, क्लासों, किताबों के पढऩे के लिए मजबूर हैं और राज्य की शिक्षा मंत्री अरूणा चौधरी पता नहीं कहां व्यस्त हैं।
किसान आत्महत्या: पूर्ण कर्जा माफी का चुनावी वायदा न पूरा किए जाने के कारण अब तक 322 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। किसान हर तरफ से मर रहा है, कर्जा माफी की आस में किसान ने दिसंबर 2016 से कर्जा वापिस करना बंद कर दिया, 93778 किसान डिफाल्टर हो चुके हैं, सहकारी संस्थाएं जो किसानों को खाद, बीज के रूप में ऋण देती थी, अब अपने लगभग 7 हजार कर्मचारियों को पिछले 6 माह से सेलरी नहीं दे पाई हैं और तो और डिफाल्टर किसानों को न तो खाद दे रही हैं तथा ना ही बीज। गन्ना किसानों को न तो बकाया मिला तथा ना ही एसएपी। पराली प्रबंधन के लिए केंद्र से आया पैसा भी पता नहीं कहां लगा दिया और पंजाब का किसान प्रदूषण के लिए बदनाम हो रहा है। हाल ही में कैप्टन अमररिंदर ङ्क्षसह के गृह जिले पटियाला अधीन आते घनौर में अवैध माइनिंग के चलते जीएम माइनिंग पर हुए हमले में उनके ही कांग्रेस विधायक ठेकेदार मदनलाल जलालपुर का नाम आना, पुलिस द्वारा मामला दर्ज न किया जाना तथा कैप्टन अमरिंदर की इस मामले में चुप्पी से यह सिद्ध होता है अवैध माइनिंग का धंधा सरकार की शह पर फलफूल रहा है।अंत में भाजपा नेताओं ने पंजाब पुलिस की पीठ थपथपताते हुए आरएसएस व अन्य समाजिक, धाॢमक नेताओं की 12 टारगेट किलिंग के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी पर पंजाब सरकार व विशेष तौर पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमररिंदर ङ्क्षसह बधाई दी। 8 महीने की सरकार का यह पहला प्रशंसनीय कार्य है।