चौ. सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में आज दक्षिणी डैकोटा विश्वविद्यालय, ब्रुंकिंग, अमेरिका के साथ शोध् के क्षेत्र में सम्भावित तालमेल करने पर विचार-विमर्श किया गया। कुलपति प्रो. अशोक कुमार सरयाल ने कहा कि भूतवूर्व छात्रों का सहयोग लेकर विश्वविद्यालय को सुदृढ़ करने के प्रयत्न किए जा रहे हैं और एक भूतपूर्व छात्र डा. सन्दीप कुमार जो दक्षिणी डैकोटा विश्वविद्यालय, ब्रुंकिंग, अमेरिका में सहायक प्राध्यापक है ने इस दिशा में सहयोग देने के लिए कहा है। कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत व निष्ठा तथा प्राध्यापकों की प्रेरणा से युवाओं के भविष्य को संवारा जा सकता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय न केवल एक भवनों का समूह है बल्कि जो भी इसे प्यार करते हैं और जिसे भी अपनी मातृ-संस्था से स्नेह है वह विभिन्न प्रकार से इसकी सेवा करके इसका नाम रोशन कर सकता है। कुलपति ने ग्रे व टोफेल जैसे विभिन्न कार्यक्रमों की भी विस्तार से जानकारी दी जिनके माध्यम से विद्यार्थी विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश पा सकते हैं। उन्होंने कहा कि उत्कृष्ट कार्य करके ही विद्यार्थी व प्राध्यापक विश्व के शीर्षथ कृषि विश्वविद्यालयों में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें वहां अपने कार्य में आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ बेहतर परिणाम भी देने होंगे।
कुलपति ने विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत से अपना भविष्य संवारने के लिए कहा। उन्होंने उनसे कहा कि वे भी यहां से शिक्षा प्राप्त करने के बाद इस विश्वविद्यालय के साथ अपना भावनात्मक रिस्ता कायम रखें और इसकी बेहतरी के लिए विश्व के किसी भी कोने से हर सम्भव सहायता करें। विश्व के कई विश्वविद्यालयों के भूतपूर्व छात्रा अपनी मातृ-संस्था के लिए बजट के एक तिहाई तक के पफन्ड-जनरेशन में सहयोग करते हैं। कुलपति ने आशा जताई कि इस विश्वविद्यालय के कर्मचारी तथा भूतपूर्व छात्रा भी इसी तर्ज पर कुछ कार्य अवश्य करेंगे। कुलपति ने इस वर्ष विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने के लिए प्राध्यापकों की प्रश्ंासा की। कृषि महाविद्यालय के डीन डा. पी. के मेहता ने इस अवसर पर कहा कि इस विश्वविद्यालय के कई भूतपूर्व छात्र विभिन्न संस्थाओं में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं जो शिक्षा व शोध् के क्षेत्रा में इस विशविद्यालय की कई प्रकार से सहायता कर सकते हैं। शोध् निदेशक डा. आर.एस. जमवाल ने कहा कि हमारे विद्यार्थियों व वैज्ञानिकों को भी सन्दीप कुमार जैसे भूतपूर्व छात्रों से सीख लेनी चाहिए और अपनी उर्जा का पूर्ण दोहन करना चाहिए।डा. सन्दीप कुमार जो कि इसी विश्वविद्यालय का भूतपूर्व छात्र है ने इस अवसर पर कहा कि यहां विद्यार्थी व कर्मचारी स्नातक स्तर की छात्र सहायता से लेकर पोस्ट-डाक्टरैट तक की कई विदेशी स्कीमों से लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने उन शोध् परियोजनाओं का भी जिक्र किया जिनमें यहां के विद्यार्थी जुड़ सकते हैं। उन्होंने छात्रों से भी चर्चा की।विश्वविद्यालय के संविध्कि अध्किरी, विभागाध्याक, वैज्ञानिक तथा मृदा विज्ञान व सस्य विज्ञान विभाग के स्नातकोतर छात्रों ने भी विशेषज्ञ व्याख्यान में भाग लिया।