शिरोमणि अकाली दल तथा भारतीय जनता पार्टी गइबंधन के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने आज कहा कि कांग्रेस द्वारा राष्ट्रपति के पद के लिए खड़े किए महिला नेता मीरा कुमार की हिमायत करके 'आप के कनवीनर तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने साबित कर दिया है कि आप असल में कांग्रेस की 'बी टीम है।यहां जारी किए एक बयान में श्री मनजिंदर ङ्क्षसह सिरसा ने कहा कि लोग पहले दिन से कह रहे थे कि केजरीवाल असल में कांग्रेस पार्टी की देन है तथा आप इसकी 'बी है, पर अब दूसरी बार है, जबकि ऐसा साबित भी हो गया है। उन्होंने कहा कि पहली बार यह तब साबित हो गया था कि जब केजरीवाल ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करके सरकार बनाई थी तथा अब उन्होंने राष्ट्रपति के पद के लिए कांग्रेंस उम्मीदवार मीरा कुमार की हिमायत करके ऐसा साबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसा करना श्री केजरीवाल तथा उनकी जुंडली द्वारा दिल्ली के लोगों द्वारा दिए गए फतवे से धोखा करना है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल तथा उनकी टीम ने दिल्ली के लोगों को यह कहकर गुमराह किया कि वह कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं तथा उन्होंने 300 पन्नों की चार्जशीट तैयार की है, जिसके आधार पर भ्रष्टाचार करने वाले कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पर हुआ इसके बिल्कुल उपलट तथा सत्ता हासिल करने के बाद कांग्रेस पार्टी के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाए श्री केजरीवाल तथा उनकी टीम अब देश में कांग्रेस को राजनीतिक तौर पर मजबूत करने की तैयारी में है।
श्री सिरसा ने सीनियर वकील तथा पार्टी के विधायक श्री एच.एस.फूलका को भी अपील की कि वह कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार मीरा कुमार की हिमायत करने से पार्टी से तथा विधायक के रूप में इस्तीफा दे दें, क्योंकि वह 1984 के सिख कत्लेआम मामले में कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ केस लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके लिए कांग्रेस पार्टी को वोट देना नामोशी भरा होगा तथा वह भी तब जब राष्ट्रपति का चुनाव में वह पहली बार वोट डालेंगे। उन्होंने कहा कि यदि उनको (सिरसा को) कांग्रेस वोट डालने के लिए कहा जाए, तो वह कांग्रेस जो कि दिल्ली तथा अन्य शहरों में हजारों बेगुनाह सिखों केकत्लेआम की आरोपी है, को वोट डालने की जगह अपना सारा कुछ कुर्बान करने को पहल देंगे। उन्होंने कहा कि यदि श्री फूलका अपने राजनीतिक जीवन में कद्रों-कीमतों को पहल देते हैं, तो उनकी विश्व भर में प्रशेसा होगी पर यदि वह केजरीवाल के आदेशों पर कांग्रेस पार्टी को वोट डालने को पहल देते हैं, तो फिर 1984 के सिख कत्लेआम के पीडि़त तथा उनके परिवार, जिनके केस वह लड़ रहे हैं, भी उन पर शॢमंदा होंगे। उन्होंने कहा कि यह यह फूलका के लिए वाजिब समय है, जब वह अपने आपको जीवन में कद्रों कीमतों के रक्षक स्वरूप पेश करें।