छत्तीसगढ़ में लोक सुराज अभियान के दौरान मुख्यमंत्री रमण सिंह का उड़नखटोला ओडिशा के सीमावर्ती गांव अमाड़ में उतरा। वहां उन्होंने 34 करोड़ रुपये की सिंचाई परियोजना को मंजूरी दी और कलेक्टर को गरीब फूलमती को आवास दिलाने का आदेश दिया। साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों सहित अन्य चार स्थानों पर हैंडपंप लगाने के भी आदेश जिम्मेदारों को दिया। सरकारी सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सिंचाई परियोजना के लिए 34 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी और कम वोल्टेज की समस्या से मुक्ति के लिए 124 केवी लाइन विस्तार के निर्देश भी दिए। रमन सिंह ने अमाड़ के ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 40 परिवारों को पक्के मकानों की सौगात भी दी। साथ ही उन्होंने गांव की गलियों में घूमकर दो परिवारों के बनते हुए मकानों को देखा। वह गरियाबंद के ग्राम आमाड़ (विकासखंड देवभोग) अचानक पहुंचे। इसके बाद उन्होंने उत्तर बस्तर (कांकेर) जिले के ग्राम दरगहन (विकासखंड चारामा) के समाधान शिविर का भी आकस्मिक दौरा किया।
मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृत 34 करोड़ रुपये की सिंचाई परियोजना के तहत तेलनदी पर बांध बनाया जाएगा। उन्होंने अमाड़ में आंगनबाड़ी भवन, स्कूल भवन सहित ग्रामीणों की पेयजल सुविधा के लिए पांच हैंडपंप तुरंत मंजूर कर दिए। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों से कहा कि तीन नलकूपों में सौर ऊर्जा आधारित पंप लगवाकर पेयजल व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने 65 वर्षीय पुनेबाई यादव के निमार्णाधीन पक्के मकान को भी देखा। पुनेबाई को भी यह मकान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत हुआ है। वह इस समय अपने दो बेटों के साथ कच्चे मकान में रह रही हैं। इस बीच डॉ. रमन सिंह की मुलाकत फूलमती भागीरथी से हुई। उन्होंने मुख्यमंत्री को अपनी पारिवारिक समस्या बताई। यह भी बताया कि उनके पति का निधन हो गया है और वे अपने तीन बच्चों के साथ एक कच्चे मकान में रहती हैं। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को फूलमती भागीरथी के लिए भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान स्वीकृत करवाने के निर्देश दिए।