Saturday, 30 September 2023

 

 

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सतलुज-यमुना लिंक नहर के मसला सुलझाने के लिए पंजाब व हरियाणा आपसी बातचीत के लिए सहमत

केन्द्रीय गृह मंत्री द्वारा दोनों राज्यों को हल के लिए इकटठे बैठने के दिये निमंत्रण के बाद लिया फैसला, कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा उचित हल ढूढऩे के लिए केन्द्र सरकार और राज्यों के बीच तालमेल करने का निमंत्रण

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5 Dariya News

चंडीगढ़ , 12 May 2017

केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा सतलुज यमुना लिंक नहर के मसले को आपसी सहमति विचारविमर्श से सुझलाने के दिये गये निमंत्रण के प्रति प्रोत्साहन देते हुये पंजाब एवं हरियाणा ने बातचीत द्वारा इस विवाद का संाझा हल ढूढऩे के लिए यत्न करने के लिए सहमति जाहिर की।आज यहां उत्तरी जोनल कौंसिल की 28 वीं बैठक को संबोधन करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री  केैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा सतलुज यमुना लिंक नहर के विवाद को आपसी सहमति से हल करने पर जोर देते हुये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत रिपेरियन सिद्धात के आधार पर दरियाई पानी के उचित प्रयोग के अनुकूल हल के लिए संबधित राज्यों को भारत सरकार के साथ तालमेल करने के दिये निमंत्रण के बाद केन्द्रीय गृह मंत्री ने यह पक्ष रखा।बैठक की अध्यक्षता कर रहे केन्द्रीय गृह मंत्री ने कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा इस मसले को आपसी बातचीत द्वारा हल करने के दिये सुझाव के साथ सहमति जाहिर करते हुये कहा कि सबसे पहले तो आपसी बातचीत द्वारा इस मुददे का हल ढूढ़ा जाना चाहिए ओर यदि कोई मसला पूरा नही होता तो उसको अदालत के फैसले पर छोड़ देना चाहिए। उन्होने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मुख्य सचिवों को आपस में ब्ठकर  दोनों पक्षों को स्वीकृत हल तक पहुंचने के लिए मसला विचार करने का सुझाव दिया। पंजाब के मुख्यमँत्री ने सुझाव दिया कि केन्द्रीय जल संशाधन मंत्रालय द्वारा इस प्रक्रिया को आगे ले जाने के लिए शीघ्र अति शीघ्र दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मुख्य सचिवों की ब्ैाठक बुलाई जाए।कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने इस पक्ष को भी सांझा किया कि एसवाईएल के निर्माण हो जाने से दक्षिणी पंजाब के दस लाख एकड़ क्षेत्र में सूखा पड़ जाने की संभावना है ओैर यदि ऐसा हो गया तो राज्य में आंतकवाद पुन: सिर उठा सकता है जो एक राष्ट्रीय समस्या है। जबकि यह क्षेत्र पहले ही नकस्लवाद के उभार को देख चुका है। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि हरियाणा के पास जमीन चाहे कम है पंरतु पंजाब के पुर्नगठन के मौके इस राज्य को पानी पहले ही अधिक दे दिया जबकि पंजाब को यमुना का कोई हिस्सा नही दिया।इससे पहले बैठक दौरान तकरीर करते हुये कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने रावी, ब्यास व सतलुज दरियाओं में भू जल की मौजूदगी को पुन: मूल्याकंन किये जाने की मांग को दोहराया। उन्होने कहा कि पानी का स्तर नीचे जाने से पंजाब संकट में से गुजर रहा है और साथ ही  उन्होने केन्द्र सरकार को अपील की विशेषज्ञों की सलाह ली जाए कि भविष्य में इन दरियायों के बहाव का भरोसेयोग अनुमान किस तरह लगाया जाए।मुख्यमंत्री ने सीमापार से नशों के तस्करी रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू किये यत्नों को आगे बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार के सहयोग की मांग की क्योकि नशों के पूर्ण खात्मे के लिए राज्य सरकार पूर्ण रूप से बचनबद्ध है।

पंजाब की सरहदी स्थिति को जिक्र करते हुये कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने एक बार फिर अपनी मांग को दोहराते हुये कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा  पड़ौसी राज्यों जम्मू कश्मीर,हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को दी जा रही वित्तीय व ओद्यौगिक रियायतों की तर्ज पर पंजाब को भी यह रियायते मुहैया करवा के इन छूटों कारण पंजाब को आर्थिक तौर से पहले पड़ चुके घाटे की भरपाई की जाए। साथ ही उन्होने कहा कि ऐसी रियायतें या छूट देने के मोैके पंजाब को भी बराबर के अवसर मुहैया करवाये जाए।पंजाब में नशों की समस्या का जिक्र करते हुये मुख्यमंत्री ने आज की बैठक की अध्यक्षता कर रहे केन्द्रीय गृह मंत्री को कहा कि जब सरहद की निगरानी का कंट्रोल केन्द्रीय सुरक्षा बलों के पास है तो केन्द्र द्वारा सरहद से नशों की तस्करी रोकने के लिए सरहद पर कड़ी निगरानी रखने के लिए हिदायते जारी की जानी चाहिए। नशों की समस्या को विधिपूर्वक और संगठनात्मक ढंग से निपटने की जरूरत पर जोर देते हुये कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने अंतरराज्य तालमेल की महत्ता का जिक्र किया। उन्होने पडौसी राज्यों राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर को पोसत व भांग की गैर कानूनी तौर पर हो रही कृषि को खत्म करने के लिए ठोस यत्न किये जाने की अपील की।मुख्यमंत्री ने उन क्षेत्रों से नारकोटिक पदार्थो की चोरी को रोकने के लिए प्रभावशाली कदम उठाने का निमंत्रण दिया जिन क्षेत्र में दवाईयां व अन्य संबधित उदेश्यों के लिए इस की कानूनी रूप से पैदावार की जा रही है पंजाब के सीमावर्ती गांवों के साथ स्थित राजस्थान में पोसत की ब्रिकी बंद करने की मांग करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि नशों के व्यवसायों में शामिल तस्क्रों विरूद्ध कार्यवाही करे और इस संबधी सूचना संाझी करने के यत्नों को बढ़ाना चाहिए।सत्ता के केन्द्रीयकरण के बढ रहे रूझान पर अफसोस जाहिर करते हुये मुख्यमंत्री ने राज्यों को वित्तीय रूप से अपनी विकास प्राथमिकताए सीखने के लिए पार्टी स्तर से उपर उठकर अत्याधिक अख्तियार देने की मांग की क्योकि राज्य सरकारें जमीन स्तर पर लोगों को दरपेश समस्याओं से उनके हल करने के साथ साथ स्थितियों को अधिक भलिभांति समझती है। 

उन्होने यह भी कहा कि लोगों के जीवन स्तर को उंचा उठाने को यकीनी बनाने के लिए राज्य सरकार प्रत्यक्ष रूप से जवाबदेह होती है। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने प्रारभिंक विकास आवश्यकताओं के लिए राज्यों को ओर फंड देने की जरूरत का जिक्र करते हुये राज्यों को हासिल होते केन्द्रीय फंड बढाकर कम से कम पचास प्रतिशत करने की मांग को दोहराया।मुख्यमंत्री ने पंजाब के पुर्नगठन के अवसर पर भारत सरकार द्वारा चंडीगढ़ प्रशासन में 60:40 के अनुपात के लिये फैसले की मौजूदा समय पालना ना होने पर फिक्र जाहिर करते हुये कहा कि इस का सीधा संबध भारत के केन्द्रीय शासित राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में पंजाब व हरियाणा के बीच है। उन्होने केन्द्रीय गृह मंत्री को अपील की कि सभी विभागों व कर्मचारी श्रेणियों में भर्ती के मौके 60:40 के अनुपात की सख्ती से पालना को यकीनी बनाने के लिए चंडीगढ प्रशासन को आदेश जारी किये जाए।शाहपुर कंडी डैम प्रोजैक्ट में देरी का जिक्र करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रोजैक्ट देश के हित में होने के साथ साथ पंजाब और जम्मू कश्मीर के लोगों के हित में भी है। इस प्रोजेैक्ट के निर्माण का कार्य  वर्ष 2014 में रोक दिया गया था कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री इस प्रोजैक्ट के निर्माण का कार्य शुरू करने के लिए निजी रूप से इस मामलों को देखने और समझौते को निश्चित करने की अपील की।पंजाब के मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश में अपने हमरूतबा से हिमाचल प्रदेश के उद्योगो व शहरों के दूषित पानी का बहाव विभिंन नदियों -नालों द्वारा सतलुज में पडऩे से रोकने के लिए शीघ्र दखल देने की मांग की । कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि पंजाब के बहुत से हिस्सों में सतलुज का पानी लोग पीने के लिए प्रयोग करते है उन्होने कहा कि दरियाओं के पानी को साफ करने के लिए उनकी सरकार ने एक व्यापक प्रोजैक्ट शुरू किया है और अगले तीन वर्षो में प्रयोग हुआ पानी संशोधित करके पंजाब के दरियाओं में बहने को यकीनी बनाया जाएगा।बेठक में केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के अतिरिक्त पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर, दिल्ली के लै. जनरल अनिल बैजल, दिल्ली के वातावरण मंत्री अनिल माधव दवे, जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री डा. निर्मल कुमार सिंह, हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री ठाकुर कौल सिंह और राजस्थान के जल संसाधन मंत्री डा. राम प्रताप उपस्थित थे।

 

Tags: Rajnath Singh , Amarinder Singh , Manohar Lal Khattar , Anil Madhav Dave

 

 

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