पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि देश में जासूसी व विध्वंसकारी गतिविधियों के आरोप में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को कानून के अनुसार दोषी ठहराया गया और सजा सुनाई गई। उनके पास सर्वोच्च न्यायालय में अपील के लिए 40 दिनों का समय है। पाकिस्तान की विदेश नीति मामलों के प्रमुख सरताज अजीज ने जाधव पर एक संवाददाता सम्मेलन में यह भी पूछा कि 'एक निर्दोष व्यक्ति' के पास दो पासपोर्ट कैसे हो सकता है।पाकिस्तन के मुताबिक, मार्च 2016 में गिरफ्तारी के वक्त जाधव के पास दो पासपोर्ट थे, जिनमें एक उसके नाम पर, जबकि दूसरा हुसैन मुबारक पटेल के नाम पर था। उन्होंने पूछा, "अपने पहचान दस्तावेज में जाधव फर्जी नाम का इस्तेमाल क्यों कर रहा था?"
अजीज ने इस मुद्दे पर 'शब्दाडंबरपूर्ण बयानों' को लेकर भारत को चेताते हुए कहा कि इसका नतीजा केवल दोनों देशों के बीच तनाव में वृद्धि होगी, जो बेकार होगा।उन्होंने कहा, "उसे कानून के अनुसार सजा दी गई। वह पाकिस्तान में विध्वंसकारी गतिविधियों में संलिप्त था और उसके पास दो पासपोर्ट थे, जिसका जवाब भारत नहीं दे रहा।"अजीज ने कहा कि पाकिस्तान ने इस साल 23 जनवरी को विशिष्ट जानकारी प्राप्त करने तथा कुछ महत्वपूर्ण गवाहों तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए भारत को एक लेटर ऑफ असिस्टेंस लिखा था, जिसका जवाब आज तक नहीं मिला। उन्होंने कहा, "भारतीय पक्ष की ओर से उस खत का कोई जवाब नहीं मिला।"सजा में पूरी पारदर्शिता बरते जाने की बात कहते हुए शीर्ष राजनयिक ने कहा कि जाधव के पास सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 40 दिनों का वक्त है।
जाधव अपीलीय न्यायालय के फैसले के 60 दिनों के भीतर सेना प्रमुख के पास दया याचिका दाखिल कर सकता है। उनके लिए अंतिम विकल्प सेना प्रमुख के फैसले के बाद 90 दिनों के भीतर राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल करने का है।उन्होंने कहा कि जाधव को सुनाई गई सजा 'विश्वसनीय, विशिष्ट सबूत' पर आधारित है, जो जासूसी तथा पाकिस्तान में विध्वंसक गतिविधियों में उनकी संलिप्तता को साबित करता है। जाधव के भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त होने के भारत के दावे को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि भारत इस बात के पुख्ता सबूत देने में नाकामयाब रहा है कि उसका नौसेना का कमांडर बलूचिस्तान में क्या कर रहा था।
अजीज ने कहा कि मामले में सहयोग की कमी तथा पाकिस्तान को कानूनी सहायता से इनकार करने के कारण ही जाधव से भारतीय दूतावास को संपर्क साधने की मंजूरी नहीं दी गई। वहीं, भारत ने कहा है कि उसने पाकिस्तान से जाधव को दूतावास से संपर्क साधने की मंजूरी देने के लिए 13 बार कहा और हर बार उसने इसे खारिज कर दिया। शुक्रवार को 14वां निवेदन खारिज कर दिया गया।सलाहकार ने कहा कि जाधव के कबूलनामे से संबंधित बयान को एक दंडाधिकारी के समक्ष दर्ज कराया गया और उचित नियमों के तहत मुकदमा चलाया गया।उन्होंने कहा कि मुकदमे में उनके बचाव के लिए एक योग्य कानूनी अधिकारी भी उन्हें मुहैया कराया गया।