कश्मीर घाटी में वरिष्ठ अलगाववादी नेताओं को शुक्रवार की सामूहिक नमाज के बाद होने वाले विरोध प्रदर्शन से रोकने के लिए घर में नजरबंद किया गया है और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है। सैय्यद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक, जफर अकबर भट्ट, यासीन मलिक, शब्बीर शाह, अशरफ सहराई और अशरफ लावे सहित कई वरिष्ठ अलगाववादी नेताओं ने शुक्रवार को नमाज के बाद विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था, जिसे रोकने के लिए इन नेताओं को घर में नजरबंद किया गया है। मीरवाइज उमर की श्रीनगर शहर के नौहट्टा क्षेत्र में शुक्रवार सुबह विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने की योजना थी।पुलवामा जिले के पदगंपोरा गांव में सुरक्षा बलों के साथ झड़प में स्थानीय किशोर आमिर वानी की मौत के खिलाफ अलगाववादियों ने शुक्रवार को पूरी घाटी को बंद कर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। सुरक्षा बलों के साथ झड़प में एक अन्य नागरिक जलाल-उद-दीन भी घायल हो गया था, जिसने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
पुलिस के अनुसार, चिकित्सकों ने जलाल को बाहरी या अंदरूनी चोट न लगने की पुष्टि कर कहा था कि इसकी मौत झड़प से संबंधित नहीं है। पुलिस ने कहा कि जलाल की मौत की वजह जानने के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं। पुराने कश्मीर और श्रीनगर के संवेदनशील इलाकों में कानून-व्यवस्था बनाया रखने के लिए पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती की गई है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, दक्षिण कश्मीर में भी इसी तरह कानून-व्यवस्था बनाए रखने के इंतजाम किए गए हैं लेकिन घाटी में कहीं पर भी कर्फ्यू नहीं लगाया गया है।दुकानें, सार्वजनिक वाहन और तमाम तरह के कारोबार बंद हैं। अधिकांश शैक्षिक संस्थान भी बंद हैं। सार्वजनिक वाहनों की उपलब्ध न होने के कारण बैंकों, डाकघरों और सरकारी कार्यालयों में भी बहुत कम लोगों की उपस्थिति दर्ज की गई।