इनेलो का आगामी 1 फरवरी से 10 फरवरी तक पूरे ही प्रदेश में जन जागरण अभियान चलाकर करीब 25 लाख नये सदस्यों को जोडऩे का लक्ष्य है यह उदगार इनेलो नेता प्रतिपक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला ने फरीदाबाद, पलवल व गुडग़ांव में पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इनेलो की नीतियों केा जन जन तक पहुंचाकर पार्टी में अधिक से अधिक सदस्यो को जोडऩे के लिए पदाधिकारी व कार्यकर्ता मेहनत करें ताकि पार्टी की मजबूती इतनी अधिक बढ़ जाये कि कोई पार्टी को हिला ना सके। उन्होंने कहा कि सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता 1 फरवरी से अपने अपने क्षेत्रों में जनजागरण अभियान के तहत जनता को इनेलो की नीतियों से अवगत कराये और अपने अपने क्षेत्रों से अधिक से अधिक नये सदस्यों को पार्टी से जोडऩे का काम करें। इन बैठकों को प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने भी सम्बोधित करते हुए कांग्रेस व भाजपा पर तीखे प्रहार किए और कहा कि दोनों पार्टियां हरियाणा के हितों को नुकसान पहुंचा रही हैं।
इनेलो नेताओं ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज बिना ऊंगली कटाए शहीद होना चाहते हैं जबकि दस साल तक उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए एसवाईएल निर्माण के लिए कोई कदम उठाना तो दूर एक शब्द तक नहीं बोला। उन्होंने कहा कि कांग्र्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने पंजाब कांग्रेस का चुनाव घोषणा पत्र जारी करते समय एसवाईएल पर अपना स्टेंड स्पश्ट करते हुए कह दिया है कि एसवाईएल का पानी पंजाब के पास ही रहेगा और हरियाणा सहित किसी भी अन्य राज्य को एक बूंद पानी नहीं दिया जाएगा। ऐसे में भूपेंद्र हुड्डा को कांग्रेस आलाकमान के इस फैसले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि वे कांग्रेस आलाकमान के इस फैसले से सहमत हैं या नहीं और अगर वे कांग्रेस आलाकमान के फैसले को हरियाणा के हितों के खिलाफ मानते हैं तो उन्हें तुरंत कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे देना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने गुडग़ांव की बैठक में स्पष्ट किया कि पार्टी गुडग़ांव नगर निगम चुनाव अपने चुनाव चिह्न पर नहीं लड़ेगी। फरीदाबाद के भाजपा नेता नीतिन भाटिया व रवि भाटिया ने इनेलो में शामिल होने की घोषणा की।
इनेलो नेताओं ने कहा कि रणदीप सुरजेवाला कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हंै और वे कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व का स्टेंड बताने के लिए ही वहां मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि सुरजेवाला भी बताएं कि उन्होंने पिछले हफ्ते पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरेंदर सिंह की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी का जो चुनाव घोषणा पत्र जारी किया था। सुरजेवाला द्वारा जारी उस घोषणा पत्र में यह साफ तौर पर कहा गया है या नहीं कि पंजाब एक बूंद पानी भी किसी (हरियाणा सहित) अन्य राज्य को नहीं देगा। इससे साफ है कि सुरजेवाला ने हरियाणा के हितों के खिलाफ जाकर मात्र पंजाब में कांग्रेस को राजनीतिक फायदा दिलाने के लिए प्रदेश के हितों की कुर्बानी दी है और कांग्रेस आलाकमान का अब एसवाईएल पर स्टैंड भी एकदम स्पष्ट हो गया है। इनेलो नेताओं ने कहा कि इनेलो प्रमुख चौधरी ओमप्रकाश चौटाला की जोरदार पैरवी के चलते 2002 में एसवाईएल पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला हरियाणा के पक्ष में आया था। उन्होंने कहा कि इस फैसले को लागू करने की बजाय उस समय पंजाब में कैप्टन अमरेंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 2004 में पंजाब विधानसभा में नदी जल समझौते रद्द करने वाला एक असंवैधानिक बिल पारित कर दिया ताकि हरियाणा को उसके हितों से वंचित किया जा सके।
इनेलो नेताओं ने कहा कि 2005 से लेकर 2007 तक पंजाब, हरियाणा व केंद्र तीनों जगह कांग्रेस की सरकारें थी और दस सालों तक केंद्र व हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी जिसमें भूपेंद्र हुड्डा मुख्यमंत्री और रणदीप सुरजेवाला उनके मंत्रिमण्डल सहयोगी थे। इस दौरान इन कांग्रेसी नेताओं ने नहर बनवाना तो दूर इसको लेकर एक शब्द तक नहीं बोला। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले अनुसार इस नहर का निर्माण कार्य केंद्र सरकार को करवाना था। उन्होंने सुरजेवाला पर हरियाणा वासियों से विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें हरियाणा से विधायक रहने का अब कोई नैतिक व लोकतांत्रिक अधिकार नहीं है। ऐसे में उन्हें तुरंत अपने विधायक पद से इस्तीफा देकर पंजाब चले जाना चाहिए जिनके लिए वे कहते हैं कि पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए एक बूंद भी पानी नहीं है। उन्होंने भाजपा पर भी हरियाणा के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले अढाई सालों से केंद्र व हरियाणा में भाजपा की सरकार है और पंजाब में भी भाजपा सरकार में शामिल है, इसके बावजूद नहर के निर्माण के लिए भाजपा सरकार कोई कदम नहीं उठा रही।
फरीदाबाद की बैठक में देवेन्द्र सिंह चौहान, राजेंद्र सिंह बीसला, अरविन्द भारद्वाज, रूपचन्द लांबा, पवन रावत, ललित बंसल, प्रेम सिंह धनखड़, जगजीत कौर, रविन्द्र पाराशर, ठाकुर राजाराम, रामजीत भाटी, अरविन्द सरधाना, अमर नरवत, शशिबाला तेवतिया भी उपस्थित थे। पलवल की बैठक में पूर्व मंत्री जगदीश नैयर, पूर्व विधायक सुभाष चौधरी, विधायक केहर सिंह रावत, जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बॉबी, महेंद्र सिंह चौहान, महेंद्र भड़ाना, प्रवीन डागर, सुरेंद्र सरोत, रतन सिंह सरोत, दयाल शरण जैलदार, कमला देवतिया, अनीता डागर, आशा लाम्बा व मिथलेश भी मौजूद थीं। गुडग़ांव की बैठक में अभय चौटाला व अशोक अरोड़ा के अलावा पूर्व डिप्टी स्पीकर गोपीचंद गहलोत, अनंत राम तंवर, पूर्व विधायक गंगाराम, दलबीर धनखड़, कपिल त्यागी, भूपेंद्र सुखराली, भ्रम डागर, सतपाल बडोली व श्रीमती शशि धारीवाल सहित अनेक प्रमुख नेता भी मौजूद थे।