इनेलो की छात्र इकाई इनसो की ओर से सोमवार को छात्रों की मांगों व उनकी समस्याओं को हल करवाने और छात्रों में जागरुकता लाने के लिए इनसो कॉलेज यात्रा शुरू की गई। इसके अंतर्गत इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला के नेतृत्व में आज यमुनानगर व पंचकूला के कॉलेजों में यात्रा निकाली गई। मंगलवार को कुरुक्षेत्र में कॉलेज यात्रा निकाली जाएगी और बुधवार को कैथल में कांग्रेस पार्टी व पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ इनसो की ओर से प्रदर्शन किया जाएगा। इस प्रदर्शन में दिग्विजय चौटाला के अलावा इनेलो के वरिष्ठ नेता व पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा व अन्य अनेक प्रमुख छात्र नेता भाग लेंगे। इनसो नेताओं ने बताया कि 20 जनवरी को दादरी व रेवाड़ी और 24 जनवरी को पानीपत व सोनीपत में इनसो कॉलेज यात्रा निकाली जाएगी। आज यमुनानगर के एमएलएन कॉलेज व पंचकूला सेक्टर-1 स्थित कॉलेज में इनसो कॉलेज यात्रा के दौरान इनसो प्रभारी प्रो. रणधीर सिंह चीका, पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी, इनसो उपाध्यक्ष जसविंदर खैरा, छात्र नेता गुरजिंद्र खेड़ी सहित अनेक प्रमुख इनेलो व इनसो नेता मौजूद थे। इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने छात्र नेता पंकज पंवार को इनसो की पंचकूला शहरी इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने की भी घोषणा की।
इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि इस कॉलेज यात्रा के दौरान सरकार से अपने वायदे अनुसार प्रदेश में छात्र संघ चुनाव करवाए जाने, बेरोजगार युवकों को रोजगार अथवा छह हजार और नौ हजार रुपए मासिक बेरोजगारी भत्ता दिए जाने, लड़कियों के लिए अलग से बसें चलाए जाने और छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने के साथ-साथ सभी छात्रों के लिए बस पास जारी किए जाने, शिक्षा व खेलों के स्तर में सुधार लाए जाने और सभी गांवों व कस्बों में अच्छी शिक्षा और खेलों की सुविधाएं उपलब्ध करवाए जाने की मांग शामिल है। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां दिनोंदिन बढ़ रही महंगाई से आम लोगों का जीना बेहाल हो गया है वहीं नोटबंदी के चलते लाखों लोगों की नौकरियां व रोजगार छिन गए हैं। उन्होंने कहा कि आज किसानों की हालत भी बेहद खराब है और इनसो स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू किए जाने के साथ-साथ किसानों के कर्जे तुरंत माफ किए जाने की भी मांग करती है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का सबसे ज्यादा असर गरीब, कमेरे व किसान और छात्र वर्ग पर पड़ा है जबकि सबसे ज्यादा फायदा पूंजीपतियों को हुआ है। उन्होंने पंचकूला के कॉलेज में इनसो को बैठक करने से रोकने पर पुलिस, प्रशासन व सरकार की तीखी आलोचना की और कहा कि सरकार की यह कार्रवाई छात्रों की आवाज को दबाने का प्रयास है।