वन एवं पर्यावरण मंत्री मियां अल्ताफ ने प्रशासनिक विभाग से कहा कि राज्य में वन विभाग द्वारा कार्यो की देखरेख से जमीनी स्तर की बेहतर जानकारी तथा कार्यो का स्तर जांचने में सहायता मिलती है तथा इस सम्बंध में आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।मंत्री ने यह बात अधिकारियों की एक बैठक के दौरान सॉयल एवं कन्जरवेशन विभाग की कार्यप्रणाली का जायजा लेते हुए कहीं ।सॉयल कन्जरवेशन निदेशक एम.जे. शर्मा, अतिरिक्त सचिव वन डॉ. जी.एन. टिकू, संयुक्त निदेशक, केन्द्र, संयुक्त निदेशक जम्मू, संयुक्त निदेशक योजना के अलावा जिला अधिकारी भी समारोह के अवसर पर उपस्थित थे।मंत्री ने कहा कि भूमि का निरीक्शण विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए तथा सम्बंधित अधिकारियों को कहा कि वे इस मुद्दे पर ध्यान केन्द्रित करें। उन्होंने मुख्य सडकों से सम्बंधित भूमि के कटाव पर विशेश ध्यान देने के लिए कहां। उन्होंने बटोत-डोडा सडक हेतु निर्देश दिये कि भारी वर्शा के कारण वहां काफी भूमि कटाव हुआ है।
लम्बी नीति वाली परियोजनाओं पर मियां अल्ताफ ने अधिकारियों से कहा कि वे समय पर सभी चालु परियोजनाओं को पूरा करें। निदेशक ने उपलब्धियों का विस्तृत ब्यौरा देते हुए कहा कि चालु माली वर्श के दौरान 444 हेक्टर भूमि का निरीक्शण करने का प्रस्ताव है तथा गत वर्श 667 हेक्टर भूमि का ट्रिटिड किया गया। विभाग ने जम्मू संभाग के विभिन्न प्रजातियों के 4 लाख पौधे लगाने के अलावा चालु माली वर्श के दौरान 2.23 लाख पौधे लगाने का लक्श्य रखा गया है।श्री शर्मा ने आगे कहा कि राज्य में चालु माली वर्श के दौरान कैम्पा के अधीन विभिन्न कार्यो पर 1022 करोड रु. की राशि का व्यय किया जा रहा है तथा गत वर्श जम्मू संभाग में विभिन्न कार्यो पर 3.64 करोड रु. की राशि का व्यय किया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा राज्य में 16 नर्सरियों की स्थापना कर वर्तमान में 4.50 लाख पौधे तैयार किये गये हैं। मुगल रोड पर भूमि के कटाव से सम्बंधित कार्यो के लिए विभाग द्वारा 6 करोड रु. की राशि का प्रावधान है।