सिविल सेवांओं में कमजोर वर्गो को उचित नुमाईंदगी यकीनी बनाने के प्रयास हेतू, पंजाब के मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल ने आज बठिंडा में कमजोर वर्गो के सिविल सेवाओं में जाने के इच्छ़ुक विद्यार्थीयों को कोचिंग प्रदान करने के लिए भारत रत्न डा. बी आर अम्बेदकर के नाम पर एक विश्व स्तरीय सैंटर स्थापित करने की घोषणा की है।आज यहां डॉ. बी आर अम्बेदकर की 125वीं जन्म वर्षगांठ मनाने सबंधी पांचवे राष्ट्रीय सैमीनार दौरान एकत्रता को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महाराजा रणजीत सिंह स्टेट टेक्नीकल यूनीवर्सिटी में स्थापित होने वाले इस कोचिंग सैंटर का संपूर्ण खर्चा सहन करेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह सैंटर सिविल सेवाओं में दबे कुचले लोगों की और भी अधिक श्मूलियत यकीनी बनाने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। इसी प्रकार ही डॉ. अंबेदकर के जीवन और दर्शन पर पीएचडी करने वाले प्रत्येक इच्छुक को 5 लाख रुपये की स्कॉलरशिप देने का एलान किया।डॉ. अंबेदकर को श्रद्धांजलि भेंट करते हुये मुख्यमंत्री ने उनको एक महान स्कॉलर, कानूनदान, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक तथा एक महान शख्शीयत बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेदकर विश्वभर के इतिहास में एक प्रमुख व्यक्तित्व थे जिन्होंने लंदन पुस्तकालय की सभी पुस्तके पढ़ी थी। उन्होंने कहा कि कार्ल माक्र्स के अतिरिक्त डॉ. अंबेदकर विश्व के अकेले ही विद्ववान थे जिन्होंने लंदन पुस्तकालय की सभी 50 हजार पुस्तकें पढ़ी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. अंबेदकर एक गरीब परिवार के थे परंतु उनके महान योगदान ने उनको विश्व नेताओं की कतार में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान डा. अम्बेडकर की स त मेहनत, समर्पण व दूरदृष्टि का परिणाम था। उन्होंने कहा कि बाबा साहिब केवल कमज़ोर वर्गों के नेता नहीं थे बल्कि वह समूची मानवता के नेता थे। स. बादल ने कहा कि डा. अंबेडकर ने संविधान तैयार करने के अतिरिक्त भारतीय रिज़र्व बैंक की बुनियाद भी रखी। उन्होंने महिला वर्ग के स मान व समाज में उनकी बराबरी के स्थान को यकीनी बनोनक े लिए अह्म योगदान दिया। लोगों को डा.अंबेडकर के बताए मार्ग पर चलने की अपील करते मु यमंत्री ने कहा कि यह उनकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। स.बादल ने कहा कि हम सभी को जाति, रंग और नस्ल जैसी तुच्छ बातों से उपर उठकर समाज के समस्त वर्गों के लिए न्याय और बराबरी हासिल करने के लिए समर्पित प्रयास करने चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि डा.अंबेडकर की विचारधारा के अनुसार र ाज्य सरकार ने गरीब व होनहार बच्चों को गुणात्मक शिक्षा मुहैया करवाने के लिए मैरीटोरियस स्कूल स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों का उद्धेश्य विद्यार्थियों को बढिय़ा शिक्षा देकर उनकी समर्था को बढ़ाना है।
स.बादल ने कहा कि यह स्कूल समय की मांग थी जोकि कमज़ोर वर्गों के विद्यार्थियों के लिए बहुत अधिक लाभकारी हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबा सरकार ने सूबे की शानदार सांस्कृतिक विरासत को संभालने के लिए विलक्षण पहलकदमियां की हैं। उन्होंने कहा कि भगवान वाल्मीकि जी और गुरू रविदास जी की यादगार के अलावा अमृतसर में जंगी यादगार और जालंधर में जंग-ए-आज़ादी यादगार हमारी समृद्ध विरासत को संभालने के लिए बनाई जा रही हैं जोकि आगामी समय दौरान लोगों को समर्पित कर दी जाएंगी। स.बादल ने कहा कि सूबा सरकार सूबे की अमीर विरासत के संरक्षण के लिए पूरी तरह पाबंद है और इस कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।सूबा सरकार द्वारा की गई विलक्षण पहलकदमियों को गिनाते हुए मु यमंत्री ने कहा कि शिअद-भाजपा गठजोड़ सरकार की अनथक प्रयास स्वरूप पंजाब अतिरिक्त बिजली वाला देश का एकमात्र राज्य बन गया है। इसी प्रकार पंजाब इस समय शिक्षा के क्षेत्र में देश में आगे जा रहा है। उन्होंने कहा कि बठिंडा शहर समूचे उत्तरी क्षेत्र में शिक्षा के केन्द्र के रूप में उभर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सूबा सरकार की प्राथमिकता राज्य का विकास व लोगों की खुशहाली को यकीनी बनाने के अतिरिक्त स प्रदायक सद्भावना, शांति व भाईचारक सांझ को मज़बूत बनाना है।इससे पूर्व अपने स बोधन में केन्द्रीय फूड प्रोसैसिंग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने डा.अंबेडकर की 125वीं जन्म वर्षगांठ विलक्षण ढंग से मनाने की कोशिशों के लिए मुख्यमंत्री की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समाज के समूह वर्गों के विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा यकीनी बना कर डा. अंबेडकर के कदमों पर चल रही है।
श्रीमती बादल ने कहा कि राज्य सरकार की ठोस कोशिशों के परिणाम स्वरूप पंजाब इस समय शिक्षा के क्षेत्र मे देशभर में अग्रणीय है।डा. अंबेडकर के महिला सशक्तिकरण के लिए विलक्षण योगदान को याद करते हुए श्रीमती बादल ने कहा कि बाबा साहिब ने उस समय महिलाओं और दबे-कुचले वर्गों के हक में आवाज़ उठाई जब उनका शोषण किया जा रहा था और उन्हें अपमानित किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि कमज़ोर वर्गों का उत्थान ही डा.अबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। श्रीमती बादल ने कहा कि देश और देश के लोगों के लिए डा. अंबेडकर द्वारा दिए गए शानदार योगदान करके उन्हें कोई भी भुला नहीं सकता है।इससे पहले अपने स बोधन में पंजाब विधान सभा के स्पीकर डा. चरनजीत सिंह अटवाल ने डा. अंबेडकर के शिक्षा के नज़रिए की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता ने गुणात्मक शिक्षा पर बल दिया था। उन्होंने कहा कि डा. अंबेडकर ने किसी भी विशेष भाईचारे विरूद्ध लड़ाई नहीं की बल्कि उनकी लड़ाई जात-पात के विरूद्ध थी।
डा. अटवाल ने कहा कि डा.अंबेडकर द्वारा दी गई महान सेवाओं माओ, लैनिन, डा.मार्टिन लूथर किंग, नैल्सन मंडेला और अन्य श िसयतों से कम नहीं थी।पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन श्री राजेश बाघा ने इस ऐतिहासिक दिवस को मनाने के लिए मु यमंत्री की सराहना की जिन्होंने राज्यभर में उनके 125वें जन्म दिवस पर छ:राष्ट्रीय सेैमिनार आयोजित करने का कार्यक्रम बनाया है। उन्होंने कहा कि यह सैमिनार डा. अंबेडकर द्वारा देश को दी गई महान सेवाओं के प्रचार के लिए प्रकाश स्तंभ साबित होंगे। श्री बाघा ने कहा कि यह सेमिनार लोगों में विशेषकर नवयुवकों मे एक नई जागरूकता पैदा करेंगे।इस मौके विधायक श्री इन्द्र इकबाल सिंह अटवाल ने मंच की कार्रवाई चलाई।इस मौके उपस्थित अन्यों में विधायक श्री दर्शन सिंह कोटफत्ता, उपायुक्त डा. बसंत गर्ग, एस एस पी श्री स्वप्नदीप शर्मा, वाईस चांसलर महाराजा रणजीत सिंह टैक्रीकल यूनिवर्सिटी डा. एम पी सिंह इशऱ व चांसलर आदेश यूनिवर्सिटी श्री एच एस गिल शामिल थे।