1962, 1965 और 1971 की जंग में देश की रक्षा करते हुये शहीद हुये सैंकड़ों सैनिकों की विधवाएं और वारिसों द्वारा मंगलवार को मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के सरकारी आवास के सामने रोष धरने में आम आदमी पार्टी (आप) की चुनावी घोषणा पत्र कमेटी के मुखी कंवर संधू ने पहुंचकर आश्वासन दिया कि यदि प्रकाश सिंह बादल सरकार अपने वादे और माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार उन्हें इंसाफ नहीं देती तो 2017 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने उपरांत उन्हें पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों अनुसार उनका बनता हक दिया जायेगा। 'आप द्वारा जारी प्रेस बयान में कंवर संधू ने बताया कि 1962, 1965 और 1971 की जंग में शहीद हुये पंजाब के करीब डेढ़ हजार सैनिक की विधवाओं और उनके वारिसों को दस एकड़ खेतीयोग्य भूमि देने की घोषणा की गई थी।
इनमें से 161 शहीद सैनिकों की विधवाएं और उनके वारिसों को आज तक यह वादा वफा नहीं हुआ। जिसके मद्देनजर इन शहीद सैनिकों की विधवाएं और वारिसों द्वारा 11 अप्रैल 2016 से डीसी कार्यलय पटियाला के सामने रोष धरना लगाया हुआ है। इसी सिलसिले में पूर्व सैनिको पर आधारित स्टेट एक्स सर्विसमैन वेल्फेयर एसोसिएशन के कर्नल कुलदीप सिंह (सेवानिवृत) के नेतृत्व में शहीदों के यह वारिस आज मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के आवास के बाहर रोष धरने पर बैठे थे, जब घंटों इंतजार के बाद जब मुख्यमंत्री कार्यलय द्वारा उनसे कोई बात नहीं की गई तो कंवर संधू उनके धरना स्थल पर पहुंचे और उनसे ज्ञापन लिया।
कंवर संधू ने बताया कि जब इन्हें दशकों तक इंसाफ नही मिला तो इंसाफ की गुहार लेकर यह पीडि़त परिवार पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चले गये। अदालत ने निर्देश दिये कि जो कुलेकटर रेट के हिसाब से प्रति एकड़ के पैसे दे दिये जाएं। सरकार ने अदालत को भरोसा दिया कि वह प्रति परिवार दस एकड़ भूमि अथवा कुलेकटर रेट के हिसाब से पैसे दिये जाएंगे। 11 अगस्त 2016 को मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भी भरोसा दिया लेकिन वादा वफा नहीं हुआ। मुख्यमंत्री को 14 सितंबर को दोबारा बिनती की गई और बादल ने अधिकारियों को नकद राशि तय करने के लिये कहा था लेकिन आज तक तय नहीं की गई। जबकि हाईकोर्ट के 19 मई 2015 को सुनाये गये फैसले के अनुसार दो महीने की समय सीमा तय की गई थी। कंवर संधू ने कहा कि बादल सरकार की शहीद सैनिकों के परिवारों प्रति असंदेनशीलता बेहद निंदनीय है।