राज्य सरकार विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के कल्याण के प्रति संवेदनशील है और इन व्यक्तियों को मुख्यधारा में शामिल करने के लिये अनेकों योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। सरकारी क्षेत्र में 1700 पदों को भरने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है तथा 155 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जारी है। ये व्यक्ति अन्य आम जनों की तरह सुविधाजनक एवं सम्मानजनक जीवन यापन कर रहे हैं। यह बात सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने आज यहां सक्षम हिमाचल शाखा द्वारा हंस फाउण्डेशन एवं बुक शेयर दिल्ली के सहयोग से दिव्यांगजनों के लिये आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर कही।डा. शांडिल ने कहा कि विकलांगजनों में अनेक प्रकार की क्षमताएं हैं और समाज कल्याण एवं विकास में इनका उपयुक्त सदुपयोग किया जा सकता है। उन्होंने समाज को इन व्यक्तियों के प्रति अपने दृष्टिकोण में बदलाव लाने का आग्रह करते हुए कहा कि इन व्यक्तियों की रूचि एवं योग्यता के अनुरूप इनकी सेवाएं ली जानी चाहिए और इनके प्रति सहयोगात्मक एवं संवेदनशील रवैया अपनाना चाहिए।उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को तकनीकी एक वरदान बनकर आई है और इसके उपयुक्त इस्तेमाल से ये लोग अन्यों की तरह कार्यालयों में तथा अन्य क्षेत्रों में कार्य करने के लिये सक्षम बने हैं।
उन्होंने कहा कि तकनीकी ज्ञान से इन व्यक्तियों को रोजगार भी प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिमला जिले के रोहडू स्थित बुक शेयरिंग पुस्तकालय को आधुनिक डिजिटल टॉकिंग पुस्तकालय बनाया जाएगा। उन्होंने इसके लिये आवश्यक धनराशि प्रदान करने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने विश्व की प्रथम दृष्टिबाधित स्नात्तक अध्यापिका व लेखिका हेलेन केलर तथा कैप्टन जयन्तो कुमार का उदाहरण देते हुए कहा कि इन व्यक्तियों ने प्रबल इच्छा शक्ति के बूते समाज में अपनी अनूठी छाप छोडी और आज दिव्यांगजनों के लिये प्रेरणा बने हैं। डा. शांडिल ने कहा कि राज्य में लगभग 1.5 लाख दिव्यांगजन हैं जिनमें 3250 अस्थिदोष, 26076 दृष्टि दोष, 26700 मूकबधिर, 8278 व्यक्ति श्रवण दोष, 8986 व्यक्ति् मानसिक रूप से अविकसित तथा 47560 व्यक्ति अन्य प्रकार की विकलांगताओं से ग्रसित हैं। विभाग ने अब तक लगभग 80 हजार व्यक्तियों को विकलांगता पहचान पत्र जारी कर दिये हैं जिनकी विकलांगता 40 प्रतिशत से अधिक है। विभाग इन व्यक्तियों के उत्थान के लिये जीवन चक्र आधारित एक व्यापक एवं सार्थक योजना तैयार कर रहा है और इस प्रयोजन के लिये 5 करोड़ रूपये का अतिरिक्त बजट प्रावधान किया गया है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अंतर्गत 44378 दिव्यांगजनों को 650 व 1200 रूपये प्रतिमाह अपंग राहत भत्ता प्रदान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि दृष्टिहीन, मूकबधिर तथा विकलांग बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा करने तथा सुंदरनगर स्थित विशिष्ट औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में उनका नामांकन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 150 कन्याओं के लिये 10 करोड़ की लागत से विशेष छात्रावास तथा 50 बलाकों के लिये 4.50 करोड़ की लागत से इसी तरह का छात्रावास बनाया जा रहा है। वर्तमान में इस संस्थान में 104 छात्राओं को शिक्षा तथा आवासीय सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा शिमला के ढली में दृष्टिहीन तथा मूकबधिर बच्चों के स्कूल में 95 मूकबधिर तथा 30 दृष्टिबाधित बालकों को शिक्षा तथा आवासीय सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। विकलांगजनों को शिक्षा ग्रहण करने के लिये बिना किसी आय सीमा के प्रतिमाह 500 रूपये से 3000 रुपये तक छात्रवृति प्रदान की जा रही है। सक्षम हिमाचल शाखा के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह तथा सचिव चरण सिंह ने स्वागत किया जबकि कुलदीप ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। हंस फाउण्डेशन एवं बुक शेयर दिल्ली से होम्याज तथा सुश्री जैनिब, मूकबधिर व दृष्टिबाधित स्कूल ढली के छात्र व अध्यापक उपस्थित थे।