जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में रविवार सुबह एक सैन्य शिविर में हुए आतंकवादी हमले में 17 जवान शहीद हो गए हैं। सुरक्षा बलों ने चार आतंकवादियों को मार गिराया है। इस बीच, सेना प्रमुख दलबीर सिंह श्रीनगर पहुंच गए हैं। सेना प्रमुख राज्य में पाकिस्तान की सीमा से लगे इलाकों में स्थित सैन्य प्रतिष्ठानों और शिविरों की सुरक्षा की समीक्षा करेंगे।अधिकारियों ने कहा, "इस हमले में 24 से अधिक जवान घायल हुए हैं। हमला सुबह 5.30 बजे हुआ, जब आतंकवादियों ने उड़ी कस्बे में सेना की 12 ब्रिगेड के मुख्यालय से लगे सैन्य शिविर को निशाना बनाया।"हमले के बाद आतंकवादियों और जवानों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई, जो करीब ढाई घंटे चली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कायराना आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और राष्ट्र को भरोसा दिलाया कि जो इस घृणित हमले के दोषी हैं, उन्हें दंडित किए बगैर नहीं छोड़ा जाएगा। मोदी ने यह कहने से परहेज किया कि इस हमले के लिए कौन जिम्मेदार है, लेकिन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को जिम्मेदार बताया।गृहमंत्री ने ट्वीट किया, "मैं आतंकवाद और आतंकी समूहों को पाकिस्तान के लगातार और सीधे समर्थन से बहुत निराश हूं। पाकिस्तान एक आतंकी देश है और उसकी पहचान इसी तरह होनी चाहिए और उसे अलग-थलग किया जाना चाहिए।"उड़ी जम्मू एवं कश्मीर को भारत और पाकिस्तान में बांटने वाली नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लगा हुआ है।
सैन्य सूत्रों के अनुसार, आतंकी सैन्य शिविर में कंटीले तारों को काटकर पीछे से घुसे थे। इससे पहरेदार सैनिकों को सचेत होने का मौका नहीं मिला।शिविर में घुसने के बाद आतंकियों ने एके-47 से अंधाधुंघ गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद वे अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाने के लिए तेजी से अलग-अलग दिशाओं में फैल गए।उन लोगों ने उन तंबुओं पर ग्रेनेड फेंके, जिनमें सैनिक सोए हुए थे। सबसे अधिक सैनिक एके-47 से नहीं, बल्कि ग्रेनेड हमले से तंबुओं के अंदर रखे विस्फोटकों में विस्फोट हो जाने से हताहत हुए। हमले के समय शिविर में कितने सैनिक थे, इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन एक सूत्र का अनुमान है कि वहां 200 सैनिक रहे होंगे, क्योंकि इंफेंट्री बटालियन के अधिकांश सैनिकों की तैनाती नियंत्रण रेखा पर है। इस हमले के बाद आकाश में बहुत गहरा काला धुआं देखा गया।
उधमपुर स्थित उत्तरी कमान ने एक संक्षिप्त बयान में कहा है, "भारी हथियारों से लैस आतंकियों ने उड़ी में सैन्य इकाई के पिछले प्रशासनिक अड्डे को निशाना बनाया।"जवाबी कार्रवाई में चार आतंकी ढेर कर दिए गए और तलाशी अभियान अभी जारी है। प्रशासनिक अड्डे पर सैन्य इकाइयों की क्षमता अधिक है। सैनिक ड्यूटी से आने के बाद तंबुओं/अस्थाई ठिकानों में रुके हुए थे। उनमें आग लग गई, जिसके परिणाम स्वरूप हताहतों की संख्या ज्यादा हो गई। बयान में कहा गया है, "हम अभियान में शहीद हुए 17 सैनिकों के बलिदान को सलाम करते हैं।"गैर-सरकारी सूत्रों के अनुसार, शहीद होने वाले अधिकांश जवान बिहार रेजिमेंट से हैं। दो सैनिक डोगरा रेजिमेंट के भी शहीद हुए हैं।
यह जम्मू एवं कश्मीर में पिछले एक दशक में किसी सैन्य शिविर पर सबसे बड़ा आतंकवादी हमला बताया जा रहा है।अधिकारियों के अनुसार, मुठभेड़ हालांकि बंद हो गई है, पर इलाके में आतंकवादियों के छिपे होने की आशंका के मद्देनजर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।फिलहाल किसी आतंकवादी गिरोह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। पर कुछ रपट के अनुसार, आतंकवादियों ने हाल ही में पाकिस्तान से नियंत्रण रेखा से सटे भारतीय इलाके में घुसपैठ की थी।
इस हमले में घायल जवानों को हेलीकॉप्टर से उड़ी से 70 किलोमीटर दूर श्रीनगर स्थित सेना के आधार अस्पताल ले जाया गया है।इस बीच, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका और रूस का अपना दौरा रद्द कर दिया है, जो रविवार से ही शुरू होने वाला था। उन्होंने हमले पर चर्चा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है।राजनाथ ने ट्वीट किया, "उड़ी में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर जम्मू एवं कश्मीर की स्थिति को देखते हुए मैंने रूस और अमेरिका का दौरा स्थगित कर दिया है।"राजनाथ ने कहा कि उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल एन.एन. वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की।राजनाथ के अनुसार, "उन्होंने मुझे राज्य में सुरक्षा स्थिति से अवगत कराया।"