राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अनुसंधान और नवाचार पर जोर देते हुए कहा कि ज्ञानवर्धक समाज के बिना तरक्की संभव नहीं है। ज्ञान इंसान को तकनीक तक ले जाता है और तकनीक संपन्नता का दरवाजा खोलती है। राष्ट्रपति ने बुधवार को मुर्शिदाबाद के प्रबंधन विकास संस्थान के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रगति की कुंजी तकनीक है। भले ही हमने उच्च शिक्षा व्यवस्था में बुनियादी ढांचा बेहतर किया हो, लेकिन इसके बावजूद विश्व रैंकिंग में हमारा कोई विश्वविद्यालय मुश्किल से ही जगह बना पाता है। उन्होंने कहा कि संस्थानों से रैंकिंग प्रक्रिया को गंभीरता से लेने के उनके प्रयास के बाद स्थिति में अब धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
वर्ष 2015 में विश्व के 100 उच्च विश्वविद्यालयों में दो भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों ने जगह बनाई थी। साथ ही उन्होंने आशा कि भविष्य में यह संख्या और भी बढ़ेगी। राष्ट्रपति ने कहा, "जब वह संसद में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे तब उन्होंने प्रबंधन विकास संस्थान स्थापित करने की पहल की थी। उन्होंने कहा कि आज इस संस्थान के पहले बैच के विद्यार्थियों ने प्रबंधन की डिग्रियां हासिल की हैं ऐसे में उनके जीवन के महत्वपूर्ण पल में साझेदार बनकर मैं बहुत खुश हूं।"
उन्होंने कहा, "उनका सपना है कि मुर्शीदाबाद के लोग और अधिक जानकार और शिक्षित बनकर देश में अपना मुकाम हासिल करे। राष्ट्रपति ने कहा कि इस संस्थान ने शिक्षा के क्षेत्र में जो योगदान दिया है उसे देखकर वह बहुत खुश हैं।" इस अवसर पर मौजूद गणमान्य व्यक्तियों में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार, पश्चिम बंगाल के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं बागवानी विभाग के मंत्री अब्दुर रज्जाक, राज्य के श्रम राज्य मंत्री जाकिर हुसैन, बहरामपुर से सांसद अधीर रंजन चौधरी और जंगीपुर से सांसद सदस्य अभिजीत मुखर्जी मौजूद थे।