झारखण्ड सरकार ने आज अपने पहले निवेष प्रचार अभियान ‘मुमेन्टम झारखण्ड’ का लॉन्च किया। ‘डिजिटल झारखण्ड’ को प्रोत्साहित करने के उद्देष्य के साथ ब्राण्ड के लोगो का अनावरण किया गया और साथ ही अभियान की वेबसाईट momentumjharkhand.com का भी लॉन्च किया गया। सभा को सम्बोधित करते हुए झारखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री श्री रघुबर दास ने कहा, ‘‘झारखण्ड स्पश्ट दृश्टिकोण एवं सषक्त रूपरेखा के साथ निवेष के तैयार है। हम कारोबार में सुधार की दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ राज्यों की सूची में शुमार हैं और हमने डीआईपीपी (ओद्यौगिक नीति एवं प्रचार विभाग) के दिषानिर्देषों के आधार पर निवेष की सर्वश्रेश्ठ प्रथाओं को अपनाया है। केन्द्र सरकार के दृश्टिकोण सबका साथ, सबका विकास पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ तालमेल में काम करना मेरा सौभाग्य है।’’ मुख्यमंत्री श्री दास के पास उद्योग मंत्रालय का प्रभार भी है। झारखण्ड सरकार ने सीमेन्ट उद्योग के दिग्गज एसीसी लिमिटेड एवं बहुराश्ट्रीय कम्पनी हैवलेट पैकर्ड ;भ्च्द्ध एन्टरप्राइज़ के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए हैं।
एसीसी के साथ समझौता ज्ञापन के तहत इसके सिंदरी प्लान्ट की क्षमता को 1.35 MMTPA। से बढ़ाकर 2.5 MMTPA। किया जाएगा। हैवलेट पैकर्ड एन्टरप्राइज़ के साथ दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। पहला समझौता ज्ञापन क्लाउड आधारित ई-एचसी सिस्टम के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं की डिलीवरी एवं षिक्षा पर ध्यान केन्द्रित करेगा। यह अंतिम उपयोगकर्ताओं तक स्वास्थ्यसेवाओं की उपलब्धता एवं वंचित क्षेत्रों में षिक्षा के मुद्दों पर काम करेगा। दूसरा समझौता ज्ञापन आईसीटी उन्मुख प्रोद्यौगिकियों के माध्यम से षिक्षा की पहुंच बढ़ाने के लिए वर्चुअल क्लासरूम उपलब्ध कराएगा। मुख्यमंत्री जी ने कर सुधार को साकार रूप देने के लिए प्रधानमंत्री जी एवं भारत सरकार को बधाई देते हुए कहा, ‘‘एक देष, एक कर अब वास्तविकता होगी। प्रधानमंत्री मोदी भारत के वैष्विक ब्राण्ड अम्बेसडर बन गए हैं। हम उम्मीद करते हैं कि भारत जल्द ही एक विष्वस्तरीय आर्थिक सुपर पावर के रूप में अपनी जगह बनाएगा। झारखण्ड इस महत्वाकांक्षा को साकार रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।’’
‘‘भारत के 40 फीसदी खनिज भण्डार के साथ झारखण्ड ‘मेक इन इण्डिया’ मिषन को प्रोत्साहित करेगा। बहरलाल, विकास से जुड़ी बहुत सी चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। लेकिन ये निवेषकों को विषाल अवसर उपलब्ध कराती हैं, जो प्रगति में अहम साझेदार की भूमिका निभा सकते हैं। 2020 तक विकसित राज्य बनने के उद्देष्य के साथ हम निर्धारित समय अवधि में दो मिलियन युवाओं को कौषल प्रदान करने हेतू प्रयासरत हैं।’’ मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा। ओद्यौगिक सद्भाव की ओर सरकार की प्रतिबद्धता पर ज़ोर देते हुए श्री दास ने कहा, ‘‘उच्च प्रतिक्रियाषील प्रषासन प्रणाली के माध्यम से हम ओद्यौगिक स्तर पर उचित तालमेल को सुनिष्चित करते हैं। कारोबार सुधारों पर डीआईपीपी का मूल्यांकन श्रम सुधारों पर हमारी बेजोड़ प्रगति को दर्षाता है- यह राज्य के लोगों की स्थायी संस्कृति एवं आजीविका की संगठित प्रणाली की दिषा में उनके दृष्टिकोण का प्रतीक है।’’
भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेषक श्री चन्द्रजीत बैनर्जी ने स्वागत सम्बोधन देते हुए कहा, ‘‘झारखण्ड ने बदलाव की रूपरेखा तैयार कर ली है, यह न केवल अपने विषाल संसाधनों से बल्कि कुषल मानवश्रम के द्वारा मेक इन इण्डिया को साकार रूप देने के लिए प्रयासरत है। किंतु इस दृष्टिकोण को गति प्रदान करने का श्रेय माननीय मुख्यमंत्री श्री रघुबर दास को जाता है। उनका निर्णायक दृष्टिकोण भारत को प्रतिस्पर्धी और कारोबार के अनुकूल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राज्यों की प्रतिस्पर्धा के लिए सीआईआई के द्वारा किए अध्ययन भी झारखण्ड को ऊँचे रैंक पर रखते हैं। नीति निर्माण का वातावरण बेहद सहयोगी प्रवृति का है। उद्योग जगत की समस्याओं को सुनने के लिए सरकार का खुलापन और जवाबदेहिता अपने आप में सराहनीय है।’’मुख्य सचिव श्रीमति राजबाला वर्मा ने कहा, ‘‘हमारी नीतियां बेहद सरल, गतिषील, जवाबदेह और दूरंदेषी हैं। वे कारोबार की बेहतर प्रणाली में सतत सुधार हेतू नींव प्रदान करती हैं। हम एक मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब का विकास कर रहें हैं जो उत्तर-पूर्व भारत के साथ कनेक्टिीविटी में क्रान्तिकारी बदलाव लाएगा। हम रेलवे इन्फ्रा एवं पांच अन्य एयरस्ट्राइप्स के निर्माण के लिए भारत सरकार के साथ लगातार काम कर रहें हैं।’’ भूमि बैंकों की अनिवार्यता पर अपने विचार अभिव्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘झारखण्ड ओद्यौगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण भूमि सम्पत्ति विकास को व्यवस्थित बनाने के लिए एक नोडल एजेन्सी है। भूमि बैंक की कुल अनुमानित उपलब्धता 2.1 मिलियन एकड़ है।’’
मिषन की कार्यसूची पर विस्तृत प्रेज़ेन्टेषन देते हुए उद्योग सचिव श्री एस के बर्नवाल ने कहा, ‘‘सही मायनों में ‘मेक इन इण्डिया’ की षुरूआत इसी भूमि पर 1907 में टाटा स्टील के द्वारा की गई। आज़ादी के बाद पहले इंजीनियरिंग पीएसयू हैवी कोरपोरेषन की स्थापना यहीं की गई। हमारे पास भारत की पहली कोयला खान- धनबाद में झरिया है। हमने कई राज्यों की नीतियों का विस्तृत अध्ययन और तुलनात्मक विष्लेषण किया है तथा सबसे संतुलित एवं अनुकूल नीतियां पेष करने के लिए प्रयासरत हैं। ज़मीन आवंटन की प्रक्रिया की बात करें तो श्री बर्नवाल ने कहा कि एक नवीनीकृत प्रक्रिया शुरू की जा रही है जो बेहद सहज होगी तथा इसमें कुछ सप्ताह से अधिक समय नहीं लगेगा।’’लॉजिस्टिक विकास के बारे में अपने विचार अभिव्यक्त करते हुए श्री बरनावल ने कहा, ‘‘झारखण्ड को पूर्वी भारत के समर्पित फ्रेट कॉरीडोर के तहत कवर किया गया है। अमृतसर कोलकाता कॉरीडोर झारखण्ड के पांच शहरों को कवर करता है। माननीय मुख्यमंत्री जी ने एक आधुनिक एक्सप्रेसवे के माध्यम से झारखण्ड के चार मुख्य ओद्यौगिक षहरों को जोड़ने का फैसला लिया है।’’टाटा स्टील के प्रबन्ध निदेषक श्री टी वी नरेन्द्रन, जो नवगठित झारखण्ड निवेष प्रोमोषन बोर्ड के सदस्य हैं, ने इस प्रयास पर झारखण्ड सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि झारखण्ड के पास सषक्त एमएसएमई/ सहायक प्रणाली है जो विविधीकरण को प्रोत्साहित करती है। श्री नरेन्द्र मोदी ने जानकारी दी है कि टाटा स्टील ने पिछले पांच सालों में राज्य में 20,000 करोड़ रु से अधिक निवेष किया है।
नैसकॉम के श्री रमन रॉय ने दलील दी कि महानगरों में बीपीओ का चलन तेज़ी से बढ़ रहा है। ‘‘इस क्षेत्र के प्रति झारखण्ड की विषेष प्रतिबद्धता है। बीपीओ उद्योग की उम्मीदें विषेष रूप से झारखण्ड पर टिकी हुई हैं। इस मॉडल के द्वारा महिलाओं के सषक्तीकरण को बढ़ावा दिया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा।टेलीकॉम रेग्यूलेटरी ऑथोरिटी ऑफ इण्डिया के चेयरमैन श्री आर. एस. षर्मा ने कहा, ‘‘प्रतिस्पर्धा और विकास परिवेष की बात करें तो झारखण्ड को कम आंका जाता है। एक मिषन पर काम करने के लिए दूरदर्षी राजनैतिक नेतृत्व एवं नीतियों की स्पष्टता बेहद अनिवार्य है। मुख्यमंत्री जी के दृष्टिकोण में ईमानदारी, निष्ठा स्पश्ट रूप से दिखाई देती है।’’ उन्होंने दर्षकों को बताया कि ज्त्।प् झारखण्ड में एक साझा डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर बिजनेस मॉडल पर काम कर रहा है जो नए बेंचमार्क स्थापित कर सकता है।‘‘भारत की नज़र पूर्व पर है। पूर्व नया पष्चिम है। झारखण्ड इस क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण है। रांची पूर्व के लिए गेटवे हो सकता है। रांची से साहिबगंज को नया लिंक जो उत्तरपूर्वी भारत को राश्ट्रीय राजमार्ग 2 से जोड़ेगा, उत्तरपूर्व भारत के विकास में ऐतिहासिक मोड़ हो सकता है।’’ लोगों के कल्याण में अभियान की भूमिका पर बात करते हुए श्री संजय कुमार ने कहा, ‘‘झारखण्ड ने स्वास्थ्यसेवा क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। एक-दो महीने में हम काला आज़ार का पूरी तरह से उन्मूलन कर लेंगे। हम संस्थागत क्षमता निर्माण में निवेष पर ध्यान केन्द्रित कर रहें हैं। कृषि क्षेत्र भी उद्योग जगत के साथ ही विकसित होगा। हम किसानों और कृषि के लिए 100 सिंगल विंडो प्रणालियां (हर ब्लॉक के लिए एक) स्थापित कर रहें हैं। यह मुख्यमंत्री जी के समावेषी विकास के दर्षन को स्पष्ट करता है।’’ मुख्यमंत्री जी अगले दो साल में निवेष को बढ़ावा देने के लिए एक-एक कर के 12 निवेषकों के साथ बैठकें करेंगे। सरकार विदेषी राजनयिकों की बैठक से पहले कल कई अन्य निवेषकों से मिलेगी। बैठक के दौरान विदेषी मामलों के केन्द्रीय मंत्री श्री एम जे अकबर भी मौजूद रहेंगे।
झारखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मेलन 2017 के बारे में
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ‘मेक इन इण्डिया’ पहल को बढ़ावा देने तथा झारखण्ड राज्य में निवेष के अवसरों को प्रोत्साहित करने के प्रयास में मुख्यमंत्री श्री रघुबर दास के नेतृत्व में झारखण्ड सरकार 16-17 फरवरी 2017 को अपने पहले ‘मुमेन्टम झारखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मेलन का आयोजन करने जा रही है। झारखण्ड को विकास के स्थायी एवं न्यायसंगत साधनों के माध्यम से घरेलू एवं विदेषी निवेष के गंतव्य के रूप में स्थापित करना, राज्य के लोगों के लिए आजीविका के अवसरों में बढ़ोतरी करना, तथा निवेष के भावी अवसरों के लिए एक मंच उपलब्ध कराना इस सम्मेलन का मुख्य उद्देष्य है।सरकार पहले से मुम्बई, बैंगलुरू और हैदराबाद में रोड षो आयोजित कर चुकी है। मुम्बई में षिक्षा, स्वास्थ्यसेवा और कौषल के अलावा चार क्षेत्रों में 1 लाख करोड़ के 27 निवेष प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। विष्वस्तरीय निगमों जैसे सिस्को एवं ओरेकल के साथ कुछ महत्वपूर्ण अनुबंधों पर हस्ताक्षर करने के बाद ये रोड षो भारतीय उद्यमों, विषेष रूप से एमएसएमई सेक्टर में योगदान देकर ‘मेक इन इण्डिया’ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
ध्यान केन्द्रित किए जाने वाले क्षेत्रः
ऑटोमोबाइल एवं ऑटो अवयव; ऊर्जा इन्फ्रास्ट्रक्चर; इलेक्ट्रोनिक्स सिस्टम डिज़ाइन एवं मैनुफैक्चरिंग; कृशि, भोजन एवं खाद्य प्रसंस्करण; वन एवं पर्यावरण; स्वास्थ्यसेवा एवं चिकित्सा षिक्षा; ओद्यौगिक इन्फ्रास्ट्रक्चर; खान एवं खनिज; षिक्षा एवं कौषल विकास; स्मार्ट सिटी-राँची; टेक्सटाईल एवं पर्यटन।
झारखण्ड के लिए मुख्य बिन्दु
-भारत के 40 फीसदी खनिज भण्डार के साथ, झारखण्ड ‘मेक इन इण्डिया’ मिषन की रीढ़ है।
-कारोबार सुधार कार्यान्वयन की दृश्टि से झारखण्ड भारतीय राज्यों में तीसरे स्थान पर है।
-जीएसडीपी में 2005 से 2015 के बीच 10.5 फीसदी की वृद्धि के साथ झारखण्ड पूर्वी भारत की दूसरा सबसे तेज़ी से विकसित होती हुई अर्थव्यवस्था है।
-डिजिटल झारखण्ड- भारत का पहला राज्य जिसके पास राश्ट्रीय ई-प्रशासन योजना के तहत राज्य-व्यापी क्षेत्र नेटवर्क State Wide Area Network (SWAN) है।