हाजी शकील कुरैशी, भारत के जाने माने उद्यमी, निर्यातक और समाज सेवी ने अभियान को समर्थन देते हुए आम लोगों में ‘‘हलाल’’ सर्टीफिकेशन को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए एक नए अभियान को अपना समर्थन दिया है।अंतरराष्ट्रीय मानक हमारे समाज का आधार हैं और वे उत्पादों और सेवाओं की सुरक्षा और गुणवत्ता को सुनिश्चित करते हैं, अंतरराष्ट्रीय कारोबार में सुविधा प्रदान करते हैं और उस माहौल को बेहतर बनाते हैं, जिसमें हम रहते हैं।सही लेबलिंग से जालसाजी से सुरक्षा मिलती है और ग्राहकों को भी अपनी बेहतरी संबंधी कई विकल्प मिलते हैं। एक ग्राहक को सबसे अधिक लाभ तभी मिलता है जब उसे अपनी पसंद के खाद्य उत्पादों के बारे में सही जानकारी प्राप्त होती है। लेबल सूचना का उद्देश्य ग्राहकों को अपनी पसंद के अनुसार बेहतरीन उत्पादों के खाद्य उत्पादों की पहचान करने में मदद करना होता है ताकि ग्राहक सही समझ के अनुसार खर्च कर सकें।
श्री हाजी शकील कुरैशी का कहना है कि ‘‘हम सभी ‘‘हलाल’’ शब्द से काफी हद तक परिचित हैं पर इस शब्द को लेकर हमारी जानकारी काफी सीमित है। हम में से अधिकांश लोग ‘‘हलाल’’ शब्द का असली मतलब नहीं जानते हैं। हम में से अधिकांश इसे हलाल मीट से जोड़ते हैं लेकिन ये सिर्फ हलाल शब्द का एक ही पहलू है।हलाल, एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है स्वीकार्य और पूरे सम्मान के साथ वैध, जिस पर कोई पाबंदी नहीं है। हलाल शब्द का काफी विस्तृत अर्थ है और सही मायनों में हम जो कुछ भी करते हैं वह तभी हलाल माना जाएगा अगर उसे नैतिक मूल्यों के साथ किया जाएगा। एक व्यक्ति जो कुछ भी कमाता है, बेचता है, खपत करता है या कारोबार करता है, उसे पूरी ईमानदारी से, स्पष्ट विचारों के साथ करना चाहिए। उसके साथ ही हमेशा बेईमानी और ठगी से भी बचना चाहिए।श्री हाजी शकील कुरैशी ने बताया कि ‘‘बहुत कम लोग ‘‘हलाल’’ के बारे में जानकारी रखते हैं कि ये एक गुणवत्ता और शुद्धता की सुनिश्चितता के संबंध में एक अंतरराष्ट्रीय सर्टीफिकेशन मानक है और ये पूरे विश्व में मान्य है। खाड़ी के देशों में ‘‘हलाल’’ मार्क सभी आयात किए जाने वाले उत्पादों के लिए आवश्यक है और ये गुणवत्ता का मानक है। हलाल सर्टीफिकेशन से आप को 2 बिलियन से अधिक लोगों के वैश्विक बाजार में कारोबार के अवसर प्राप्त करने में मदद मिलती है जो कि मध्य पूर्व, एशिया पैसेफिके, यूरोपियन यूनियन, अमेरिका और मध्य एशिया के देशों में बसे हैं।
भारत, एक तेजी से बढ़ती आर्थिकता है और यहां पर हलाल गुणवत्ता मानकों को लेकर जागरूकता बढ़ने से कई उभरते उद्यमियों को अपने उत्पादों को विदेशों में निर्यात के नए अवसर मिलेंगे। बल्कि हमारे देश से निर्यात बढ़ाने के लिए हमें हलाल मार्क को अपने उत्पादों पर आवश्यक कर देना चाहिए ताकि हम अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने एफएमसीजी वर्ग के उत्पादों के निर्यात को तेजी से बढ़ाने में सक्षम हो सकें।श्री हाजी शकील कुरैशी ने जोर देकर कहा है कि ‘‘आज जाने-अनजाने में हम तेजी से भौतिक दुनिया के गुलाम बनते जा रहे हैं और हम इसमें अपने मूल्यों के साथ भी समझौता कर रहे हैं। ’’ हलाल ने हमारी जिंदगी को एक नई दिशा दी है। हम सभी को इसके असली अर्थ को समझना चाहिए। एक पवित्र जिंदगी जीने के लिए हलाल का अनुसरण करना हमारी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए और इससे हमें ना सिर्फ एक अच्छा आदमी बनने में मदद मिलेगी बल्कि हम पूरे समाज के उत्थान में अपना योगदान दे सकेंगे।
श्री हाजी शकील कुरैशीः परिचय
श्री हाजी शकील कुरैशी, मारया डे ग्रुप के चेयरमैन हैं। उन्होंने साल 2003 में फ्रोजन एग्री उत्पादों और उपकरणों के साथ अपना कारोबार शुरू किया और आज उनका कारोबार 1600 करोड़ रुपए से अधिक का है। उन्हें सरकार से कई प्रतिष्ष्ठित सम्मान प्राप्त हो चुके हैं जिनमें सर्वश्रेष्ठ उद्यमी, और सर्वश्रेष्ठ निर्यातक अवॉर्ड शामिल हैं। सोने जैसा दिल रखने वाले हाजी शकील कुरैशी ने एक तिनके से शुरुआत की और आज वे एक जाने माने कारोबारी और भारत के प्रमुख निर्यातक हैं। उनका मानना है कि एक आदमी को आत्मनिर्भर होना चाहिए। मारया डे समूह उनके नेतृत्व में ‘आधुनिक विश्वकर्मा’ अभियान को भारत सरकार के ‘स्किल इंडिया’ अभियान के तहत समर्थन दे रहा है और अब तक 1500 से अधिक राजगीरों को आईआईटी और सरकार के विशेषज्ञों के तहत प्रशिक्षित करवा चुका है। वहीं 5000 अन्य को प्रशिक्षित करने का भी लक्ष्य है।वे उद्योग के साथ ही समाज की भी सेवा कर रहे हैं और वे महिला सशिक्तकरण और बाल शिक्षा के लिए भी काम कर रहे हैं। श्री हाजी शकील कुरैशी की सफलताओं को एक अंतरराष्ट्रीय किताब ‘भारत के सफल व्यक्तित्वों की प्रेरक कहानियों’ में भी जगह मिल चुकी है।