किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य देने हेतु गठित स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू न करके केंद्र व् प्रदेश में काबिज बीजेपी सरकार का किसान विरोधी चेहरा स्पष्ट हो गया है। प्रधान मंत्री द्वारा लोकसभा चुनाओं के दौरान रैल्लियां कर किसानों की वोट लेने के लिए किये गये वायदे अब सिर्फ जुमले ही साबित होने लगे हैं ।पूर्व कृषि मंत्री जसविंदर सिंह संधू ने कहा की किसानों के आर्थिक विकास से जुडी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को कुड़े की टोकरी में नही डालने देंगे, चाहे इसके लिए इनेलो कार्यकर्ताओं को कितनी भी कुर्बानियां क्यों न देनी पड़ें ।श्री संधू ने कहा की प्रधानमंत्री द्वारा भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में कृषि क्षेत्र को लाभदायक बनाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्यों में लागत मूल्य पर 50 प्रतिशत लाभ देकर कृषि व्यवसाय को लाभदायक बनाने, कृषि ऋणों की ब्याज दरों को सस्ता करने, कृषि की नई तकनीकों से किसानों को शिक्षित करने, अधिक उपज देने वाले बीज तैयार करने, मनेरेगा मजदूरी योजना को कृषि से जोडऩे जैसी लोकलुभावनी घोषणाएं कर किसानों की वोट हथियाई लेकिन आज तक एक भी वायदा पूरा नही किया यह सिर्फ और सिर्फ किसानों को भ्रमित कर वोट लेने तक सिमित था । इनेलो किसानों व् आम आदमी को साथ लेकर सरकार के मनसूबों का पर्दाफाश करेगी।