अल्पसंख्यक मामलों की केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने मंगलवार को कहा कि अल्पसंख्यकों में आत्मविश्वास का संचार करना उनके मंत्रालय की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है। नरेंद्र मोदी सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नजमा ने कहा, "अगर आप पूछें, तो मैं कहूंगी कि आत्मविश्वास भरना मेरी बड़ी उपलब्धि रही है। इसके लिए काफी कोशिशें और कड़ी मेहनत करनी पड़ी।"उन्होंने कहा, "कई राज्यों में मुस्लिम अब भाजपा का विरोध नहीं कर रहे, जो कि असम के परिणाम से दिखाई दे रहा है। क्योंकि वे जानते हैं कि हमारी सरकार उनके कल्याण के लिए काम कर रही है।"यह पूछे जाने पर कि क्या उनके मंत्रालय द्वारा मुस्लिमों का आत्मविश्वास बढ़ाने के कारण ही असम में भाजपा की जीत हुई है, उन्होंने कहा, "यह पूरी टीम का मिलाजुला प्रयास है। मैं यह नहीं कहूंगी कि यह केवल मेरे कारण हुआ है। लेकिन मैं यह भी नहीं कहूंगी कि मेरे मंत्रालय ने या मैंने कोई योगदान नहीं दिया।"
असम की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर 'अकर्मण्यता' का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने असम के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को विभिन्न कार्यक्रमों पर खर्च करने के लिए 128 करोड़ रुपये जारी किए थे, लेकिन राज्य इस धन का सही उपयोग करने में असफल रहा।उन्होंने कहा, "मेरे यह पूछने पर कि उन्होंने उस पैसे का क्या किया, न तो राज्य अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और न ही अधिकारियों ने कोई संतोषजनक जवाब दिया।"नजमा ने अपने मंत्रालय की 'नई मंजिल', 'उस्ताद', 'सीखो और कमाओ' और 'मौलाना आजाद एकेडमी फॉर स्किल्स' (मनस) सहित कई योजनाओं के तहत किए गए काम को भी उजागर किया।उन्होंने कहा कि सरकार ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए मंत्रालय के लिए योजना बजट बढ़ाकर 3,800 करोड़ रुपये कर दिया है, जो कि 2015-16 के व्यय के स्तर से 168 करोड़ रुपये ज्यादा है।