नेताओं के चुनाव के दिन बहुत व्यस्तता वाले होते हैं। छुट्टी मनाने के लिए तो समय बिल्कुल नहीं होता। लेकिन, पंजाब के नेताओं के लिए यह समय विदेश दौरों के लिए भी है। इसके पीछे कारण दूसरे देशों में रहने वाले प्रवासी भारतीयों को रिझाना और वहां से धन और समर्थन जुटाना है।
आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, मलेशिया और अमेरिका के अलावा यूरोपीय देशों में बड़ी संख्या में पंजाब के लोग बसे हुए हैं। चाहे विधानसभा हो या संसद, प्रवासियों की इन चुनावों में सक्रिय भूमिका रहती है। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की 20 दिवसीय अमेरिका और कनाडा यात्रा मंगलवार को शुरू हुई। अमेरिका के लिए रवाना होने से पहले अमरिंदर सिंह ने कहा, "प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को शामिल करना जरूरी है। अपने दौरे में मेरी कई एनआरआई समूहों से मुलाकात होनी है।"
इस दौरे में कई कांग्रेसी नेता वहां पहुंच कर अमरिंदर सिंह के साथ शामिल होंगे। अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार विमल सुम्बली ने आईएएनएस से कहा, "वह दोनों देशों के कई शहरों में पंजाबी बिरादरी के प्रवासियों से मुलाकात करेंगे। मुख्य जगह जहां उनके जाने का कार्यक्रम है वे हैं, अमेरिका में शिकागो, लास एंजिल्स, सैन फ्रांसिस्को और कनाडा में टोरोंटो एवं वैंकूवर।" अमरिंदर सिंह की पत्नी और पूर्व केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री प्रीनीत कौर ने पिछले माह ही आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का दौरा किया था। वह आस्ट्रेलिया में सिडनी, मेलबोर्न और ब्रिस्बेन और न्यूजीलैंड में ऑकलैंड गई थीं। इन सभी जगहों पर पंजाबी आबादी पर्याप्त संख्या में है। मूलत: जालंधर जिले के रहने वाले अनूप सिंह अब ब्रमिंघम में बस गए हैं। उन्होंने आईएएनएस से कहा, "प्रवासी पंजाबी समुदाय का अपने राज्य से बहुत मजबूत रिश्ता है। वे पंजाब की राजनीति पर बराबर ध्यान रखते हैं। बहुत सारे तो राजनीतिक दलों और नेताओं को खासकर चुनाव के दिनों में उदारता के साथ धन भी देते हैं।"
जालंधर के निवासी हरजीत गिल ब्रिटेन के ग्लोसेस्टरशायर के पूर्व महापौर हैं। उन्होंने आईएएनएस से कहा, "पंजाब के एनआरआई कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन में बहुत सक्रिय हैं। वे वहां सिर्फ मेयर और सांसद ही नहीं, कुछ तो गवर्नर और मंत्री भी बन गए हैं। यह दर्शाता है कि भारत हो या दुनिया का कोई और देश, पंजाबी समुदाय ऊर्जावान है। "सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल और पंजाब की सबसे नई राजनीतिक ताकत आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने प्रतिनिधिमंडल पिछले छह माह के दौरान कनाडा और अमेरिका भेजे हैं। आने वाले महीनों में इस तरह के और दौरे संभावित हैं। धन और वोट के लिए आस्ट्रेलिया और मलेशिया का दौरा भी हो सकता है। पंजाब में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में वर्ष 2007 से ही अकाली दल और भाजपा की गठबंधन वाली सरकार है।