कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी राज्य विधानसभा चुनाव में 'दमनकारी' ममता बनर्जी को सत्ता से उखाड़ फेंकने को लेकर आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी वाम मोर्चा की बनने वाली नई गठबंधन सरकार में शामिल होगी। इस गठबंधन सरकार का गठन न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) के आधार पर होगा। हालांकि, गठबंधन के मुख्यमंत्री के बारे में और यह पूछने पर कि क्या कांग्रेस की ओर से वह प्रत्याशी होंगे या वाम मोर्चा उचित समय आने पर इसका निर्णय लेगा?
इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उचित समय आने पर इसका निर्णय लिया जाएगा। चौधरी लोकसभा सदस्य और कांग्रेस-वाममोर्चा गठबंधन के मुख्य शिल्पकारों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि परंपरागत प्रतिद्वंद्वियों का गठबंधन विपक्षी दलों के एकजुट होकर भ्रष्ट तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से हटाने और बंगाल को कुशासन मुक्त कराने के जनता के आह्वान का जवाब है। चौधरी ने आईएएनएस से एक साक्षात्कार में कहा, "न्यूनतम साझा कार्यक्रम होगा। पहले चरण में हमें जनता की जैसी प्रतिक्रिया मिली है, उसके अनुसार वाममोर्चा और कांग्रेस का गठबंधन सत्ता में आएगा और कांग्रेस सरकार का हिस्सा रहेगी।"
कांग्रेस नेता मानस भुनिया और अबू हासिम खान चौधरी ने कहा है कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्र गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी होंगे। लेकिन बंगाल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि दोनों ने अपनी निजी राय रखी है। चौधरी ने कहा, "अभी तक न तो कांग्रेस और न ही वाम मोर्चा ने मुख्यमंत्री के प्रत्याशी के बारे में कोई निर्णय लिया है। उचित समय आने पर यह तय किया जाएगा।"यह पूछने पर कि क्या वह इस होड़ में हैं? चौधरी ने कहा, "आलाकमान जो भी निर्णय लेगा मैं उसे मानूंगा।"
वर्ष 2011 के चुनाव में कांग्रेस ने वाम मोर्चा को 34 साल के लगातार शासन से हटाने के लिए तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था। मात्र पांच साल होते-होते पूरा समीकरण ही उलट गया। चौधरी ने कहा कि इस तथ्य से इनकार नहीं है कि वामदल के 34 साल के शासन के दौरान न केवल बंगाल की जनता, बल्कि हमलोग भी अत्याचार के शिकार हुए।चौधरी ने आगे कहा, "लेकिन तृणमूल तो लोकतंत्र और कानून-व्यवस्था को ही खा गई।
यदि इसे सत्ता से नहीं हटाया गया तो यह पूरे राज्य को ही खत्म कर देगी।"कांग्रेस सांसद ने यह बेबाकी से स्वीकार किया कि कांग्रेस या वाममोर्चा अकेले तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से नहीं हटा सकते। यह गठबंधन सत्तारूढ़ दल का एकमात्र सुकर विकल्प है। चौधरी ने कहा, "बहुत हद तक वर्ष 2011 की तरह ही जनता ने विपक्ष को एकजुट होकर सत्तारूढ़ दल को सत्ता से हटाने का आह्वान किया है।"