हमारे समाज मे आज जिस तरह का वातावरण बन रहा है उसके लिए सर्व समाज संकल्प करें कि राष्ट्र को खंडित नहीं होने देंगे। हमें समाज की सज्जन शक्ति को एकत्रित करके समाज विरोधी शक्तियों को सकारात्मक संदेश देना चाहिए। आसुरी शक्ति का नाश धर्म की शक्ति ही कर सकती है इसलिए हमें समाज मे सकारात्मक भाव लाने के लिए पूरे हिंदू समाज को संगठित होकर कार्य करना होगा। यह उद्गार आरएसएस के क्षेत्रीय कार्यवाह सीताराम व्यास का। वह रविवार को सामाजिक समरसता मंच कुरुक्षेत्र द्वारा विद्या भारती संस्थान में आयोजित सद्भावना संगोष्ठी मे प्रमुख वक्ता के रूप में समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता हर समाज की बड़ी महत्वपूर्ण आवशयकता है, समरसता किसी भी समाज का अमृत मंत्र होता है जिसे किसी भी हालत में विष नहीं बनने देना है। उन्होंने कहा कि संघ समरसता हेतु जितने भी कार्य करता है, उसका न कभी अहंकार करता है, न
गर्व से पीठ थपथपाता है। देश का काम देश व समाज को समर्पित कर देता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में जितने भी राष्ट्र आज उन्नति पर है तो वह सिर्फ अपनी संगठन शक्ति से है जब तक हमारे समाज में सामाजिक सद्भाव की भावना नहीं आएगी तब तक राष्ट्र और समाज को तोडऩे का मंसूबा बांधे राष्ट्र विरोधी ताकतें अपना प्रयास जारी रखेंगी। उन्होंने कहा कि आज की जो परिस्थिति है उसमें घबराने की जरूरत नहीं है, हिंदू समाज एक होगा। हम अपनी एकता से राष्ट्र को शक्तिशाली बनाएं। हिन्दू समाज के अंतिम व्यक्ति को बाकी सब के समान बराबर लाकर खड़ा किया जाए। हिंदू समाज का मंत्र है सामाजिक समरसता, इसलिए हम सबको साथ लेकर चलेंगे। उन्होंने कहा कि समाज को जोडऩा ईश्वरीय कार्य है। उन्होंने जानकारी दी की सामाजिक समरसता मंच हरियाणा ३ अप्रैल रविवार को नई अनाज मंडी रोहतक में सद्भावना सम्मेलन का आयोजन कर रहा है जिसमें स्वामी रामदेव, स्वामी ज्ञान अनंत दास, स्वामी ज्ञानानंद, स्वामी अवधेशानंद आदि संतजन, योगेश्वर दत्त, अनुराधा बेनीवाल जोगिंद्र शर्मा जैसे खिलाड़ी तथा कलाकार आदि उपस्थित होंगे।इस समरसता संगोष्ठी का आयोजन स्थानीय धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं द्वारा समाज में समरसता का संदेश देने के लिए कराया गया। इस अवसर पर नगर की प्राय: सभी धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि विशेष तौर पर उपस्थित रहे।इनके अलावा कई गांवों के पंच तथा सरपंच उपस्थित थे