पंजाब के जलापूर्ति एवं सैनीटेशन मंत्री स.सुरजीत सिंह रखड़ा आज अपने विभाग के मुद्दों को लेकर नई दिल्ली में केन्द्रीय जलापूर्ति एवं सैनीटेशन मंत्री श्री बीरेन्द्र सिंह चौधरी को मिले। श्री रखड़ा ने कहा कि राष्ट्रीय देहाती जलापूर्ति कार्यक्रम तहत नए प्रस्तावित कार्यों के लिए कम से कम 150 करोड़ रूपए आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014-15 दौरान राज्य को इस स्कीम तहत कुल 97.38 करोडृ रूपए की राशि दी गई थी और वर्ष 2015-16 में इसमें काफी बड़ी कटौती कर केवल 39.77 करोड़ रूपए ही जारी किए गए।श्री रखड़ा ने राष्ट्रीय देहाती जलापूर्ति कार्यक्रम तहत कंडी, सीमावर्ती और सेम की समस्या से प्रभावित क्षेत्रों को भी तवज्जों दिए जाने का मुद्दा उठाया।
स.रखड़ा ने उन बस्तियों जहां शुद्ध जल नहीं है में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने के लिए विशेष अनुदान मुहैया करवाने के लिए केन्द्रीय मंत्री को विनती की। उन्होंने बताया कि इस समय राज्य में 1539 ओर बस्तियां हैं जिनमें पानी योरेनियम और अन्य भारी तत्व मौजूद हैं और वाटर ट्रीटमेंट प्लांटस द्वारा स्वच्छ जल मुहैया करवाने की आवश्यकता है। उन्होंने इस संबंध में 266.82 करोड़ रूपए की लागत का प्रोजेक्ट भी केन्द्रीय मंत्री को पेश किया। स.रखड़ा द्वारा स्वच्छ भारत मिशन /ग्रामीण/ तहत सेम की समस्या से प्रभावित क्षेत्रों में निजी घरेलू शौचालयों के निर्माण के लिए ओर अनुदान की मांग की गई। उन्होंने बताया कि जिला मुक्तसर और फाजिल्का जहां भूजल का स्तर काफी उंचा है आम गहराई वाले खड्डे खोदकर शौचालय निर्मित नहीं किए जा सकते और इन क्षेत्रों में प्रति लैटरिन 31000 रूपए प्रति घर की लागत है।
पंजाब सरकार को इसके लिए 16000 रूपए प्रति शौचालय और आवश्यक हैं। इन गांवों में शौचालयों के निर्माण के लिए 53.44 करोड़ रूपए आवश्यक हैं।
इनके अतिरिक्त ब्लॉक रिसोर्स कोऑर्डीनेटर के मानदेय में बढ़ोतरी करना, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण तहत केन्द्र और राज्य के बीच फंडों का पैटर्न बरकरार रखना, सोलिड और लीक्युइड वेस्टमैनेजमेंट के लिए असल अनुमानित लागत अनुसार अनुदान मुहैया करवाने आदि मुद्दों संबंधी केन्द्रीय मंत्री को अवगत करवाया। मंत्री द्वारा यह प्रस्ताव रखा गया कि पंजाब के 20 गांवों में पायलट प्रोजेक्ट के लिए सोलिड और लीक्युइड वेस्टमैनेजमेंट तहत भारत सरकार द्वारा 20 करोड़ रूपए मुहैया करवाए जाएं।