श्री गुरु रविदास जी ने न केवल भारतीय समाज में अध्यात्म की गंगा बहाई बल्कि समाज को जातिवाद के बंधनों से भी मुक्त किया। भारत को कालसुसंगत बनाने और सामाजिक बुराईयों के उन्मूलन की दिशा में उनके योगदान को सदैव याद किया जाता रहेगा। यह विचार केंद्रीय राज्य मंत्री श्री विजय सांपला ने वाराणसी में 22 फरवरी को आयोजित किए जाने वाले श्री गुरु रविदास जी के 639 वें जयंती समारोह की तैयारी संबंधी आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।उन्होंने कहा कि गुरु रविदास जी ने अपने कर्मों से साबित किया कि अध्यात्म पर सर्व समाज का एक समान रूप से अधिकार है। यही कारण है कि उनके शिष्यों में जनसाधारण से लेकर संत समाज और राज परिवार तक शामिल थे। गुरु जी ने पूरी मानवता को एक दृष्टि से देखा और हर तरह के भेदभाव का विरोध किया।
गुरु जी के जन्मस्थल सीर गोवर्धन में गुरु रविदास मंदिर ट्रस्ट की बैठक को संबोधित करते हुए श्री विजय सांपला ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी इस समारोह में हिस्सा लेने के लिए आरहे हैं। यह पहला अवसर है जब कोई प्रधानमंत्री गुरु जी के जन्मोत्सव समारोह में हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया और कहा कि उनके प्रधानमंत्रीत्व कार्यकाल के दौरान भारतीय मानबिंदुओं और आस्था स्थलों का सम्मान बढ़ा है। दुनिया ने भारत को देखने का दृष्टिकोण बदला है।बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री श्री विजय सांपला ने मंदिर में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा और समारोह स्थल का जायजा लिया। श्री सांपला ने बताया कि कल 8 फरवरी को वाराणसी के प्रशासनिक अधिकारियों से बैठक के बाद तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा।इस अवसर पर उनके साथ पंजाब भाजयुमो के सचिव श्री आशु सांपला,साहिल सांपला,रोबिन सांपला,प्रदीप कुमार डा.अम्बेडकर फाउंडेशन के मेंबर मंजीत बाली भी उपस्थित थे।