हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने आज चण्डीगढ़ में एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए यह घोषणा की कि भाजपा सरकार से चुनावी वायदे पूरे करने, बिजली की बढ़ी हुई दरों को वापिस लेने, धान घोटाले की जांच हाई कोर्ट के किसी सेवारत न्यायधीश से कराने, लचर कानून व्यवस्था, बेरोजगारी तथा मंहगाई जैसे ज्वलन्त मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए आगामी बजट सत्र के पहले दिन काग्रेंसजनों द्वारा शान्तिपूर्ण तरीके से हरियाणा विधानसभा का घेराव किया जाएगा।
उन्होनें कहा कि वर्तमान सरकार को सत्तारूढ़ हुए लगभग सवा साल का समय हो गया है, लेकिन अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए 154 वायदों में से एक भी पूरा नहीं किया गया है। इसके विपरीत बिजली की दरों में अन्धाधुन्ध बढ़ोतरी करके प्रदेश के आम आदमी की कमर तोड़ दी है। पहले से ही मंहगाई से त्रस्त जनता में इस बढ़ोतरी से हाहाकार मचा हुआ है। बिजली के भारी भरकम कट लग रहे हैं, बावजूद इसके सरकार बिजली को सरप्लस बताकर झाड़ली तथा दादरी (यू.पी) थर्मल प्लांटों की बिजली को सरन्डर करने का तुगलकी फरमान जारी कर रही है। सवाल उठता है कि जब बिजली सरप्लस है तो कट क्यों लग रहे हैं ? सर्दियों में ये हाल है तो फिर गर्मियों में क्या होगा ?
हुड्डा ने आगे कहा कि पहले गिरदावरी और अब धान घोटाले ने किसानों को आर्थिक तौर पर झकझोर कर रख दिया है। जनता द्वारा बार-बार मांग करने के बावजूद भी हाई कोर्ट के सेवारत न्यायधीश से हजारों करोड़ के धान घोटाले की जांच क्यों नही करा रही है ? सरकार यह भी बताए कि जीन्द जिले के गढ़वाली तथा खरैन्टी गांव में गिरदावरी घोटाले के दस्तावेजी सबूत आने पर भी दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की ? जब केवल दो गांवों में सैकड़ों एकड़ की गिरदावरी में इतना बड़ा घोटाला हुआ है तो पूरे प्रदेश में यह घोटाला कितना व्यापक होगा। सरकार इन घोटालों की जांच से क्यों डर रही है ?
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मंहगाई कम करने के नाम पर वोट बटोरने वाली भाजपा के राज में गरीब आदमी का भोजन दाल का भाव 220 रुपये प्रति किलो तक हो गया है। विडम्बना यह है कि चाहे चावल हो या दाल, फल हो या सब्जी, किसान से कोडि़यों के भाव खरीदकर उपभोक्ता को भारी भरकम दामों पर बेचा जा रहा है। अचम्भा यह है कि पापुलर और कपास के रेट तो पिट गए हैं, लेकिन इनसे बनने वाला प्लाई और कपड़ा मंहगे हो गए हैं। काला बाजारी का यह खेल सरकारी सरक्षंण में ही चल रहा है।
उन्होनें आगे कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। हत्या, डकैती, अपहरण, बलात्कार की घटनाएं आम बात हो गई है। सवा साल में ही हरियाणा अपराधियों की शरणस्थली बन गया है। जब विधायकों तक को अपराधियों से सरेआम धमकियां मिल रही हैं तो आम आदमी की हालत क्या होगी, इसका अन्दाजा सहज ही लगाया जा सकता है। चुनाव में रोजगार देने या 9000 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने का लुभावना वायदा करके युवाओें के वोट बटोरने वाली भाजपा सरकार ने सवा साल में न तो किसी को रोजगार दिया और न ही किसी को बेरोजगारी भत्ता दिया। अपने आप को ठगा महसूस कर रहे युवाओं की जुबान पर आज एक ही नारा है- रोजगार दो या नौ हजार दो।
हुड्डा ने बताया कि गत् दिनों हरियाणा के अनुसूचित जाति तथा पिछड़ा वर्ग से सम्बन्ध रखने वाले लोगों ने उनको बताया कि कांग्रेस सरकार के दौरान उन्हें चार लाख के करीब 100-100 गज के प्लॉट मुफ्त मिले थे, लेकिन भाजपा सरकार ने किसी गरीब आदमी को अब तक एक इन्च भी जमीन नही दी है। उन लोगों ने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने गरीब आदमीयों को मकान बनाने के लिए 91000 रुपये प्रति मकान की दर से जो सहायता राशि देनी शुरू की थी भाजपा सरकार ने उसकी भी किस्तें रोक ली हैं।
हुड्डा ने सरकार से मांग की कि पात्र व्यक्तियों को प्लॉट देने का काम तुरन्त शुरू किया जाए व कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई मकान बनाने की योजना की रोकी गई किस्तों को शीध्र जारी किया जाए।पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल हो गई है और प्रदेश की जनता का इससे पूर्ण रूप से मोह भंग हो गया है। अपनी विफलताओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों पर झूठे मुक्कदमें दर्ज कराने की औछी राजनीति पर उतर आई है। विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल इनेलो सरकार का मुख्य सहयोगी दल बन गया है। ऐसी परिस्थिति में विपक्ष की भूमिका निभाने का सारा दायित्व कांग्रेस पर आ गया है। अपनी इसी जिम्मेवारी का निर्वहन करते हुए उन्होनें बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा का घेराव करने का निर्णय लिया है।