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धर्माणी ने कायम की बेहतर मिसाल

5 दरिया न्यूज (विजयेन्दर शर्मा)

शिमला 08-Oct-2013

हिमाचल प्रदेश के युवा नेता  राजेश धर्माणी ने संसदीय सचिव  के पद से अपना इस्तीफा इस्तीफा वापिस लेकर एक नजीर कायम की है, भले ही सरकार को उनके इस कदम से राहत मिली हो। लेकिन उन्होंने जो कहा है उसकी सराहना होनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का सम्मान करते हुए मैंने अपना त्यागपत्र वापस लिया है, लेकिन जब तक मैं मुख्य संसदीय सचिव रहूंगा तब तक सरकारी गाड़ी, बंगला व अतिरिक्त वेतन नहीं लूंगा। यह ऐलान त्या उन्होंने कहा कि वह सीपीएस के रूप में मिलने वाले अतिरिक्त वेतन को एनजीओ व स्वयंसेवी संस्थाओं को वितरित कर देंगे, जबकि सरकारी गाड़ी व बंगला नहीं लेंगे। धर्माणी ने कहा कि सीपीएस होने के बावजूद उनके पास कोई कार्य नहीं था, वह केवल सरकारी सुविधाएं ही ले रहे थे, जो कि सरकार पर अतिरिक्त बोझ था। वह इस पद से संतुष्ट नहीं थे। यही कारण है कि उन्होंने दो अक्तूबर को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। प्रदेश की माली हालत दिनों दिन खराब होती जा रहा है। लिहाजा ऐसे दौर में धर्माणी की ओर से उठाये इन कदमों का  खुले दिल से प्रशंसा होनी चाहिए। हिमाचल छोटा प्रदेश  है यहां वैसे तो संसदीय सचिव की जरूरत नहीं होनी चाहिए।  फिर भी ऐसा जरूरी है तो दूसरे संसदीय सचिव भी आगे आयें व देश सेवा का जज्बा  दिखाएं व धर्माणी की तरह कोई भी सुख सुविधा व वेतन ने लेने का प्रण लें।  इससे एक नई मिसाल कायम होगी। व राजनेताओं की छवि जनता की नजर में बेहतर होगी।