5 Dariya News

सरकार की मंजूरी बगैर स्कूलों में शुल्क वृद्धि नहीं : उच्च न्यायालय

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नई दिल्ली 19-Jan-2016

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि डीडीए की जमीन पर निर्मित निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूल सरकार की मंजूरी के बिना फीस नहीं बढ़ा सकते। न्यायालय ने कहा कि स्कूल शिक्षा का व्यवसायीकरण नहीं कर सकते और उन्हें कमाई का धंधा नहीं बना सकते। मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ ने कहा कि दिल्ली शिक्षा निदेशालय (डीओई), दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूमि पर निर्मित मान्यता प्राप्त निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूलों की फीस वृद्धि के संदर्भ में आवंटन पत्र में उल्लिखित शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित कराएगा।पीठ ने डीडीए को फीस वृद्धि की शर्तो का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ कानून सम्मत कदम उठाने का निर्देश भी दिया।

न्यायालय ने कहा, "1973 के 'दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम' के तहत प्रदत्त शक्ति के तहत डीओई को किसी स्कूल द्वारा फीस में अत्यधिक बढ़ोतरी करने या शिक्षा को मुनाफे का व्यापार बनाने की स्थिति में हस्तक्षेप करने का अधिकार है।"अदालत ने एनजीओ 'जस्टिस फॉर ऑल' की ओर से अधिवक्ता खगेश झा द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह फैसला सुनाया।याचिका में डीडीए की भूमि पर बने गैर सहायता प्राप्त स्कूलों को शिक्षा विभाग की मंजूरी के बिना फीस न बढ़ाने का निर्देश देने की मांग की गई थी।