5 Dariya News

दिल्ली सरकार से सवाल, स्कूलों में क्यों खत्म किया मैनेजमेंट कोटा?

5 Dariya News

नई दिल्ली 18-Jan-2016

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर पूछा कि निजी स्कूलों में नर्सरी दाखिले में मैनेजमेंट कोटा खत्म करने का फैसला क्यों लिया गया। न्यायाधीश मनमोहन ने दिल्ली सरकार और इसके शिक्षा विभाग से 25 जनवरी तक जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी।अदालत ने यह नोटिस गैरसहायता प्राप्त एवं मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की एक्शन कमेटी की याचिका पर जारी किया। याचिका में कहा गया है कि मैनेजमेंट कोटा खत्म करने का सरकारी आदेश 'पूरी तरह से उसके (सरकार के) अधिकार क्षेत्र से बाहर है।' यह स्कूलों की स्वायत्तता को पूरी तरह से छीन लेने वाला है, इसलिए इसे रद्द कर देना चाहिए। 

याचिका में दलील दी गई है, "99 फीसदी मान्यता प्राप्त और सरकारी सहायता न पाने वाले स्कूल दाखिले में निष्पक्ष, तार्किक और पारदर्शी मानदंडों का पालन कर रहे हैं।"6 जनवरी को इस फैसले का ऐलान करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि इसका मकसद निजी स्कूलों की दाखिला प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है।अभी तक स्कूल 20 फीसदी सीट को मैनेजमेंट कोटे के तहत रखते रहे हैं। 25 फीसदी सीट आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो के लिए आरक्षित हैं। दिसंबर 2013 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सिफारिश पर उप राज्यपाल नजीब जंग ने अधिसूचना जारी कर निजी स्कूलों में नर्सरी दाखिले का मैनेजमेंट कोटा खत्म कर दिया था।

स्कूलों ने इसे चुनौती दी थी। नवंबर 2014 में उच्च न्यायालय ने उप राज्यपाल द्वारा दाखिले के लिए जारी दिशा-निर्देशों को रद्द कर दिया और स्कूलों को अशोक गांगुली समिति की सिफारिशों के हिसाब से दाखिले के मानदंड तय करने की अनुमति दी।इसके बाद, दिल्ली सरकार ने मामले को एक वृहत्तर पीठ को सौंपने की अपील की।