5 Dariya News

पंजाब सरकार की पशुओं के नस्ल सुधार और दी जा रही सुविधाओं से राज्य दूध उत्पादन में देश में अग्रणी: जत्थेदार तोता सिंह

पंजाब सरकार ने देसी नस्ल की गायों, मुर्रा और नीली रावी नस्ल की भैंसें की नस्ल सुधार के विशेष प्रयास किए

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श्री मुक्तसर साहब 10-Jan-2016

पंजाब सरकार की ओर से पशुओं की नस्ल सुधार और पशु पालकों को पशुओं  के इलाज सहित दी जा रही अन्य सुविधाओं के परिणामस्वरूप राज्य में दूध उत्पादन में खासी वृद्धि हुई है और पंजाब में दूध की प्रति व्यक्ति उपलबद्धता 923 ग्राम है। जिसके फलस्वरूप दूध उत्पादन के क्षेत्र में पंजाब देश का अग्रणी राज्य बन गया है। यह विचार पंजाब के कृषि मंत्री जत्थेदार तोता सिंह ने श्री गुरु गोबिन्द सिंह स्टेडियम में चल रही आठवीं राष्ट्रीय पशुधन चैपियनशिप और एक्सपो 2016 के  तीसरे दिन समारोह में मुख्य मेहमान के रूप में भाग लेते हुए विशाल जनसमुह को संबोधन में रखे हैं।कैबिनेट मंत्री जत्थेदार तोता सिंह ने कहा कि मुख्य मंत्री श्री प्रकाश सिंह बादल और उप मुख्य मंत्री श्री सुखबीर सिंह बादल की दूरदर्शिता का परिणाम है कि पंजाब में अकाली भाजपा गठबंधन की सरकार पशुओं के नस्ल सुधार की ओर विशेष ध्यान दे रही है जिससे दूध उत्पादन में ज्यादा से ज्यादा विस्तार कर पशु पालकों को अधिक से अधिक आर्थिक लाभ दिया जा सके। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार गोकुल मिशन के अंतर्गत देसी नस्ल की गाय पालन प्रति लोगों को उत्साहित कर रही है और इसलिए सरकार की तरफ से पशु पालकों को डेयरी फार्म स्थापित करने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। पंजाब सरकार और पशु पालकों की मेहनत का ही निष्कर्ष है कि पंजाब देश के दूध उत्पादन में अपना 8 प्रतिशत योगदान दे रहा है। इस राष्ट्रीय पशुधन चैपियनशिप में भाग लेने वाले पशु पालकों, किसानों और मेला देखने वाले आम लोगों में बढिय़ा नस्ल के पशु पालन के संबंध में उत्साह बढ़ेगा। पंजाब सरकार की तरफ से करोड़ों रुपए इनाम विजेता पशु पालकों को दिए जा रहे हैं।

समागम को संबोधन करते हुए पूर्व सांसद बीबी परमजीत कौर गुलशन ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से राष्ट्रीय पशुधन चैपियनशिप और प्रदर्शनियों का आयोजन करने से किसानों और पशु पालकों के ज्ञान में अथाह वृद्धि होगी और उन्हें डेयरी और कृषि व्यवसाय में नयी तकनीक और खोज की जानकारी मिलेगी। उन्होंने किसान महिलाओं से अपील की है कि वह सहायक व्यवसायों की प्रफुल्लता के लिए अपना योगदान दे। जिससे वे आर्थिक तौर पर मजबूत होंगी।पशु पालन विभग के डायरेक्टर डा. एच. एस. संधा ने बताया कि कल तक पशु पालकों की रजिस्ट्रेशन 10 हजार तक पहुँचने की उम्मीद है और रोजाना हजारों लोग मेले में लगी प्रदर्शनियाँ और विभिन्न नस्लों के पशुआं को देखने में भारी रुचि दिखा रहे हैं। लोगों के  लिए अंतर राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी जिसमें कृषि और पशु पालन से सम्बन्धित स्टाल लगे हैं का खास प्रबंध किया गया है। रोजाना कृषि और पशु पालन संबंधी दो दो सेमिनार भी करवाए जाते हैं। पहली बार मेले में शामिल किये गए पोलो के मैचों का 20 हजार से अधिक लोग आनंद ले चुके  हैं।समारोह में श्री जसकिरण सिंह डिप्टी कमिशनर, जत्थेदार श्री हीरा सिंह चड़ेवान, श्री सुखविन्दर सिंह दातेवाल, श्री गुरविन्दर सिंह, श्री हरजीत सिंह सहित विभिन्न विभागों के  अधिकारी भी उपस्थित रहे।