5 Dariya News

च्अ-चारज् पर मोदी सरकार के विचार से मचा हाहाकार!

5 Dariya News (राजीव रंजन तिवारी)

गोरखपुर 08-Jan-2016

सबसे पहले च्अ-चारज् का मतलब बता दूं। पहला च्अ-असहिष्णुताज्, दूसरा च्अ-अतुल्य भारतज्, तीसरा च्अ-आमिर खानज् और चौथा च्अ-अमिताभ बच्चनज्। अब तो समझ में आ ही गया होगा कि केन्द्र की मोदी सरकार की च्अ-चारज् पर विचार से क्यों हाहाकार मचा है। यदि निष्पक्ष व सहिष्णु भाव से कहें तो पता चलेगा कि केन्द्र सरकार का कामकाज कथित रूप से दुर्भावनापूर्ण है। सरकार को खासकर आंतरिक मसलों पर तो प्रतिक्रियावादी नहीं ही होना चाहिए, लेकिन असहिष्णुता पर आमिर खान के दिए गए बयान के कारण उन्हें अतुल्य भारत अभियान से हटाना अथवा उनकी जगह अमिताभ बच्चन को ब्रांड एम्बेस्डर बनाना कुछ अच्छा नहीं लग रहा है। वो भी जल्दबाजी में। यह अलग बात है कि आमिर ख़ान ने 'अतुल्य भारत' अभियान के ब्रांड एंबेसडर के रूप में उनकी सेवाएं समाप्त करने के भारत सरकार के फ़ैसले से सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि ब्रांड एंबेसडर के रूप में मेरी सेवाएं ख़त्म करने के भारत सरकार के फ़ैसले का मैं सम्मान करता हूँ। आमिर ख़ान कहते हैं कि यह मेरे लिए गर्व और खुशी की बात है कि मैं १० साल तक 'अतुल्य भारत' अभियान का ब्रांड एंबेसडर रहा। अपने देश की सेवा करते हुए मैं खुश था और आगे भी देश सेवा करता रहूँगा। उन्होंने यह भी कहा कि वे साफ़ करना चाहते हैं कि उन्होंने आज तक जनसेवा से जुड़ी जितनी भी फ़िल्में की हैं, उनके लिए कोई पैसा नहीं लिया। भारत की सेवा मेरे लिए हमेशा गौरव का विषय रहा है और आगे भी रहेगा। उनका कहना था कि सरकार किसी अभियान के लिए किसे ब्रांड एंबेसडर चुनती है और किसे नहीं, ये उसका विशेषाधिकार है। मुझे पूरा भरोसा है कि मैं ब्रांड एंबेसडर रहूँ या न रहूँ, लेकिन भारत मेरे लिए हमेशा अतुल्य रहेगा।

आमिर ख़ान ने पिछले दिनों एक मीडिया इवेंट में कहा था कि उनकी पत्नी किरण राव देश में असहिष्णुता के बढ़ते माहौल के कारण भारत छोड़ने का विचार करने लगी थीं। हालांकि बाद में आमिर ने स्पष्ट किया था कि न तो उनका और न उनके परिवार का देश छोड़ने का कोई इरादा था और न आगे है। आमिर के इस बयान पर काफ़ी प्रतिक्रिया हुई थी और उन्हें 'अतुल्य भारत' के ब्रांड एंबेसडर से हटा देने की आशंका जताई जा रही थी। कहा जा रहा है कि आमिर की जगह अमिताभ बच्चन अब अतुल्य भारत अभियान का नया चेहरा होंगे। पर्यटन मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार अमिताभ इस काम के लिए पहली पसंद हैं। हालांकि सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का कहना है कि अब तक उन्हें इसके लिए एप्रोच नहीं किया गया है। उनको अगर ब्रैंड एंबेसडर बनने का मौका मिलता है तो वो इसे स्वीकार करेंगे और इसके लिए एक भी पैसा नहीं लेंगे। वहीं आमिर खान को हटाए जाने के मामले में बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि आमिर इक्रेडिबल इंडिया के लिए भरोसेमंद नहीं थे। अतुल्य भारत से आमिर को हटाने पर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा है ये अतुल्य भारत का असहनीय और इंटोलरेंट एक्ट है जिसकी वो निंदा करते हैं। एनसीपी का कहना है कि ऐसा लगता है कि आमिर के असहिष्णुता पर बयान देने से सरकार खफा है और इसी का खामियाजा आमिर को भुगतना पड़ा। 

भारत सरकार के लिए च्अतिथि देवो भव:ज् अभियान का विज्ञापन बनाने वाली कंपनी मैक्केन वर्ल्डवाइड का करार खत्म हो गया है। कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद अब मैक्केन वर्ल्डवाइड पर्यटन मंत्रायल के लिए विज्ञापन नहीं बनाएगी। लेकिन इस मुद्दे ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों ने तो यहां तक कह दिया है कि कंपनी तो सिर्फ बहाना है ये आमिर खान पर मोदी सरकार का निशाना है। आमिर खान ने इसमें अपना सहयोग दिया था। कांग्रेस जिस आधार पर ये दावा कर रही है कि मोदी सरकार ने आमिर खान को निशाना बनाया है, उसके पीछे वजह है २३ नवंबर को आमिर खान का वह इंटरव्यू जिसे लेकर बवाल मचा था। आमिर ने कहा था कि उनकी पत्नी ने देश में बढ़ रही असहनशीलता को देखते हुए देश छोड़ने की बात कही थी।

गौरतलब है कि आमिर खान उस वक्त विवादों में घिरे थे, जब उन्होंने भारत में कथित तौर पर असहिष्णुता बढ़ने की बात कही थी। आमिर ने आठवें रामनाथ गोयनका अवॉर्ड्स कार्यक्रम में कहा था कि पिछले ६-८ महीने से असुरक्षा और डर की भावना समाज में बढ़ी है। यहां तक कि मेरा परिवार भी ऐसा ही महसूस कर रहा है। मैं और मेरी पत्नी किरण ने पूरी जिंदगी भारत में जी है, लेकिन पहली बार उन्होंने मुझसे देश छोड़ने की बात कही। उन्हें अपने बच्चे के लिए डर लगता है। उन्हें इस बात का भी डर है कि आने वाले समय में हमारे आसपास का माहौल कैसा होगा? वह जब अखबार खोलती हैं तो उन्हें डर लगता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अशांति बढ़ी है। आमिर अपने बयान के बाद कई लोगों और संगठनों के निशाने पर आ गए थे। हालांकि बाद आमिर ख़ान ने ने यह स्पष्ट कर दिया था कि न तो उनका और न ही उनकी पत्नी किरण का देश छोड़ने का कोई इरादा है। उन्होंने कहा था भारत मेरा देश है, मैं इससे प्यार करता हूं और मैं ख़ुशनसीब हूं कि यहां जन्मा और यही वो देश है जहां मैं रह रहा हूं। जो भी मुझे देश विरोधी कह रहे हैं उनसे मैं कहना चाहता हूं कि मुझे भारतीय होने पर नाज़ है और मुझे यहां रहने के लिए किसी की इजाजत या समर्थन की ज़रूरत नहीं है। 

आमिर खान ने उनको शुक्रिया कहा जो उनके साथ खड़े रहे। आमिर कहते हैं कि हमें अपने देश को बचाना है। इसकी अखंडता, अनेकता, विविध भाषा, संस्कृति, इतिहास, सहिष्णुता की रक्षा करनी है। आमिर के मुद्दे पर ही भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज़ हुसैन ने कहा था कि ये अतुल्य भारत है, इस पर दाग़ लगाने का काम मत कीजिए। जबकि कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि मोदी और उनकी सरकार पर सवाल उठाने वाले सभी लोगों को राष्ट्रविरोधी और प्रेरित कहकर ब्रांड करने के बजाए सरकार को लोगों तक पहुँचने और ये जानने के प्रयास करने चाहिए कि उन्हें क्या चीज़ परेशान कर रही है। समस्याएं सुलझाने का तरीक़ा यही है। डरा धमकाकर या गालियां देकर नहीं।दरअसल, पिछले दिनों यह खबर उड़ी कि आमिर खान को टूरिज्म इंडस्ट्री के कैम्पेन इनक्रेडेबिल इंडिया के ब्रांड एम्बेसडर पद से मोदी सरकार ने हटा दिया है। बताया गया कि सरकार ने आमिर के पूर्व में दिए एक बयान से नाराज होकर ये फैसला लिया है। बाद में पता चला कि खबर एक आरटीआई की वजह से बाहर आई है। इस आरटीआई में आमिर खान को टूरिज्म मिनिस्ट्री का ब्रांड एम्बेसडर बनाने को लेकर जानकारी मांगी गई थी। मिनिस्ट्री ने जो जवाब दिया उसका साफ मतलब था कि मिनिस्ट्री सोशल अवेयरनेस कैम्पेन के तहत टीवी कॉमर्शियल्स तैयार करती है, जिसके लिए एजेंसीज को कॉन्ट्रेक्ट दिया जाता है। ऐसे ही एक एड में आमिर खान को लिया गया है। कुल मिलाकर जिस तरह की चर्चाएं हैं, उसे देख तो यही लगता है कि देर-सबेर अतुल्य भारत अभियान से आमिर खान की छुट्टी होनी है। लेकिन इस तरह के क्रिया कलाप सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े कर रहे हैं। यदि सरकार बाहरी मुद्दों पर प्रतिक्रियावादी होती है तो उसे अच्छा माना जा सकता है लेकिन आंतरिक मसलों पर सरकार का स्वभाव कोमल हृदय वाला होना चाहिए, जो नहीं दिख रहा है।