5 Dariya News

क्या होगा सरकार का अगर मुफ्ती जल्द सेहतयाब नहीं हुए?

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जम्मू 06-Jan-2016

जम्मू एवं कश्मीर के वरिष्ठ मंत्री नईम अख्तर ने बुधवार को कहा कि राज्य में सत्ता की कमान पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को सौंपना तो दूर, इस पर चर्चा तक नहीं हुई है क्योंकि महबूबा का पूरा ध्यान अपने पिता मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद की सेहत पर है। 

लेकिन, अख्तर ने कहा कि अगर चिकित्सकों ने मुफ्ती सईद को आराम करने की सलाह दी तो फिर महबूबा ही उनकी जगह लेंगी। सईद का दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा है। वह बीते 14 दिनों से आईसीयू में हैं।कश्मीर के दिग्गज नेताओं में से एक सईद 12 जनवरी को 80 साल के हो जाएंगे। पीडीपी कार्यकर्ता उनकी सेहत के लिए कश्मीर में प्रार्थना सभाएं कर रहे हैं।ऐसी ही एक बड़ी प्रार्थना सभा मंगलवार को ब़गाम जिले के चरार-ए-शरीफ शहर में शेख नुरुद्दीन वली की दरगाह पर हुई। सूफी संत वली को लोग स्नेह से नंद ऋषि भी बुलाते हैं।

विधानसभा का बजट सत्र 18 जनवरी से शुरू हो रहा है। सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा की यही इच्छा होगी कि सदन का नेता इस दौरान सदन में मौजूद रहे। हालांकि, संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि सदन के नेता की मौजूदगी अनिवार्य नहीं है। उनकी अनुपस्थिति में भी सदन चल सकता है।

राज्य के उप मुख्यमंत्री भाजपा के निर्मल सिंह हैं। और, परंपरा के हिसाब से मुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी में सरकार के रोजाना के काम उप मुख्यमंत्री निपटाएंगे।लेकिन, फिर भी चर्चाओं का बाजार गरम है कि कौन चला रहा है सरकार। और, इस वजह से एक तरह की प्रशासनिक शिथिलता पैदा हो गई है। सत्ता के गलियारों में बस यही चर्चा है कि क्या सईद स्वस्थ होकर कार्यभार संभालेंगे?

संविधान विशेषज्ञ जफर शाह ने कहा, "अगर सत्ता की कमान महबूबा मुफ्ती को सौंपनी है तो इसके लिए संवैधानिक प्रक्रिया अपनानी होगी। पीडीपी विधायक दल को उन्हें अपना नेता चुनना होगा। इसके बाद राज्यपाल को इस आशय का पत्र भेजा जाएगा कि उन्हें 87 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत हासिल है। इसके साथ पीडीपी की सहयोगी भाजपा का महबूबा के लिए समर्थन पत्र भी चाहिए होगा। अगर भाजपा का पत्र नहीं होगा तो महबूबा को सदन में 15 दिन में अपना बहुमत साबित करने के लिए कहा जाएगा।"शाह ने कहा कि महबूबा अभी न तो विधानसभा की और न ही विधान परिषद की सदस्य हैं। उन्हें किसी एक सदन के लिए चुनाव जीतना होगा। उन्हें परिषद का सदस्य नामित किया जा सकता है।शाह ने कहा कि राज्य के संविधान में कार्यवाहक मुख्यमंत्री का प्रावधान नहीं है।पीडीपी के एक वरिष्ठ मंत्री ने नाम न छापने के अनुरोध पर कहा, "महबूबाजी अभी अपने अस्वस्थ पिता की देखभाल कर रही हैं। भावी सरकार पर फैसले के बारे में कोई भी सुझाव इस बेटी के लिए बुरी ब्रेकिंग न्यूज साबित होगा।"