5 Dariya News

प्रकाश सिंह बादल द्वारा गन्ने की सीजे-238 किस्म को अगेती किस्म के रूप में बीज़ने की इज़ाजत देने के लिए कृषि विभाग को निर्देश

सेखवां द्वारा मुख्यमंत्री के साथ बैठक, किसानों से संबंधित मामलों के शीघ्र हल के लिए निजी दखल की मांग

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चंडीगढ़ 07-Dec-2015

राज्य भरके गन्ना उत्पादकों की दीर्घ कालीन मांग को स्वीकृत करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने राज्य के कृषि विभाग को गन्ने की सीजे-238 किस्म को मध्यम किस्म की बजाये शीघ्र अगेती किस्म के रूप में बीज़ने की इज़ाजत देने के लिए कहा है।मुख्यमंत्री ने यह आश्वसन सीनयर अकाली नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री स. सेवा सिंह सेखवां को उस समय दिलाया जब वह आज स. बादल को उनके निवास स्थान पर मिले। स. सेखवां ने किसानों विशेषकर गन्ना उत्पादकों से संबंधित विभिन्न मामलों के शीघ्र हल के लिए मुख्यमंत्री के निजी व प्रत्यक्ष दखल की मांग की।स. सेखवां ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्यभर के गन्ना उत्पादक लंबे समय से गन्ने की सीजे-238 किस्म को मध्यम किस्म की जगह अगेती किस्म घेाषित किये जाने की मांग कर रहें हैं। उन्होंने स. बादल पर जोर डाला कि वह गन्ना उत्पादकों को सीजे-238 किस्म को अगेती किस्म के रूप में बीज़ने की आज्ञा दें। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना ने इस संबंधी अपने ट्रायलों को अंतिम रूप दे दिया है और वह इस संबंध में ठोस परिणाम पर पहुंच गई है। 

इसके अतिरिक्त स. बादल ने कहा कि राज्य सरकार ने चीनी मिलों की ओर गन्ना उत्पादकों के बकाये के भुगतान के लिए सरगर्म विशेष पहलकदमियां की हैं और इसके अतिरिक्त राज्य में चीनी मिलों के निर्विघ्न कार्य को यकीनी बनाने के लिए कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र की 9 चीनी मिलों ने पहले ही गन्ना उत्पादकों को 450 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। इसी प्रकार ही 7 निजी चीनी मिलों ने भी पहले ही 988 करोड़ रुपये जारी कर दिये हैं जबकि गन्ना उत्पादकों की बकाया राशि का निजी चीनी मिलों के मालिकों द्वारा शीघ्र ही भुगतान कर दिया जायेगा क्योंकि राज्य सरकार ने पहले ही स्टेट गारंटी देकर 200 करोड़ रुपये के कर्जे का प्रबंध कर दिया है। इसी प्रकार ही राज्य सरकार ने गन्ना उत्पादकों और निजी चीनी मिलों के मालिकों के अत्याधिक हितों के मद्देनज़र गन्ने की पिढ़ाई के क्षेत्र निर्धारित कर दिया है।राज्य सरकार गन्ना उत्पादकों को हर स्थिति में मिलों के द्वारा 295 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गन्ने के मूल्य के भुगतान को यकीनी बनायेगी। गन्ना उत्पादकों और चीनी मिलों को पेश समस्याओं और चीनी मार्किट की मंदी के मद्देनजर ऐसा किया गया है।

गौरतलब है कि चीनी मिलें किसानों को 245 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गन्ने का भुगतान करेंगी जबकि वर्ष 2015-16 के पिढ़ाई के सीज़न दौरान राज्य सरकार द्वारा 50 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से सब्सिडी उपलब्ध करवाई जायेगी।मंत्रीमंडल ने हाल की बैठक दौरान निजी चीनी मिलों के लिए नरम दरों वाले कर्जे का प्रबंध करने के लिए 4 करोड़ रुपये की गारंटी फीस माफ करने का निर्णय किया है ताकि वह किसानों के गन्ने के बकाये का भुगतान करने के योग्य हो सकें। नरम दरों वाले कर्जे पर व्याज की दर भी साढे तीन वर्ष के लिए सरकार द्वारा सहन की जायेगी ताकि निजी चीनी मिलें किसानों के गन्ने के भुगतान का बकाया अदा कर सकें।धान की उच्च स्तर पर निर्विघ्न और तस्लली बख्श खरीद पर संतुष्टि प्रकट करते हुये मुख्यमंत्री ने बताया कि आज क ी तिथि तक 143 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है जबकि पिछले वर्ष 118 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया था।