5 Dariya News

जेल सीखने और अच्छा बनने का स्थान-प्रो०कप्तान सिंह सोलंकी

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चण्डीगढ 23-Nov-2015

जेल सीखने, मनन करने और अच्छा बनने का स्थान है। यहां अनेक महानुभावों ने देष व समाज की रक्षा के लिए अपनी जिन्दगी के पल बिताने पडे़ हैं। लेकिन वे जेल से और अधिक आत्मबल लेकर तथा अधिक महान नागरिक बनकर निकले। यह बात हरियाणा व पंजाब के राज्यपाल और केन्द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रषासक प्रो० कप्तान सिंह सोलंकी ने आज बुड़ैल जेल में ‘एक षाम ली कार्बूजिए के नाम’ कार्यक्रम में कैदियों को सम्बोधित करते हुए कही। इस रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन चण्डीगढ जेल विभाग ने इंटैक संस्था के सहयोग से किया था।

प्रो0 सोलंकी ने आगे कहा कि कैदियों की जिन्दगी में जो कुछ भी हुआ है उसे भुलाकर उन्हें अच्छे नागरिक बनना चाहिए। कार्यक्रम में कैदियों द्वारा दी गई प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि उनमें प्रतिभा की कमी नहीं है और इसलिए आज यहां जेल नहीं बल्कि किसी स्कूल के वार्षिकोत्सव जैसा माहौल लग रह है। कैदियों को षुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि जल्द ही वे दिन आएंगे जब वे जेल से बाहर होंगे। उन्होंने इस आयोजन के लिए इंटैक की भी सराहना की।कार्यक्रम में हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोषनलाल ने ‘घंूघरू की तरह बजता ही रहा हूं मैं’ गीत गाकर समां बांध दिया। इसी प्रकार हरियाणा सेवा अधिकार आयोग के आयुक्त सेवानिवृत आई.ए.एस. सरवन कुमार ने गुरदास मान का गीत ‘लाई बेकद्रां नाल यारी कि टुट के तड़क तड़ के’ पर खूब तालियां बटोरीं। 

कैदियों ने भी हिन्दी, पंजाबी गानों, हरियाणवी रागनी और भंगड़ा व अन्य नृत्यों के माध्यम से खूब मनोरंजन किया।इससे पहले इंटैक के संयोजक सेवानिवृत आई0पी0एस0 अधिकारी वी0 के0 कपूर ने अतिथियों का स्वागत किया और अपनी संस्था के कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने कैदी कल्याण कोष में 21 हजार रूपये राषि देने की घोषणा भी की। उपमहानिरीक्षक जेल, चण्डीगढ ए0 एस0 चीमा ने सबका धन्यवाद किया। इस अवसर पर हरियाणा पर्यटन विभाग की प्रधान सचिव सुमिता मिश्रा, राज्यपाल की सचिव नीलम पी0 कासनी व चण्डीगढ प्रषासन के अनेक अधिकारी उपस्थित थे।