5 Dariya News

हिमाचल प्रदेश की देव संस्कृति चोर गिरोह के कारण खतरे में-विहिप

आतंकवादियों की शरण स्थली बनती जा रही है हिमाचल की धरती ,पहले रघुनाथ अब भीमाकाली की मूर्ति चोरी से खुली प्रशासन की पोल

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25-Oct-2015

मूर्ति चोरी मामले में विहिप ने कड़े तेवर दिखाए हैं। विहिप के प्रदेश संगठन मंत्री मनोज कुमार ने कहा है कि देव संस्कृति की पुरातन इस मूर्ति चोरी की घटना देव संस्कृति के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में विहिप मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ हैं, लेकिन मूर्ति चोरी की इस घटना ने देव संस्कृति को झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवी देवताओं की धरती है और यहां पर प्राचीन देव संस्कृति वास करती है। हिमाचल प्रदेश में देवी देवताओं की मूर्ति की कोई कीमत नहीं है और यह मूर्तियां अनमोल है। इन मूर्तियों पर किसी अंतरराष्ट्री चोर गिरोह की नजर पड़ गई है और यहां की पूरी देव संस्कृति खतरे में है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए अन्यथा एक दिन हमारे यहां के सारे मंदिर प्राचीन धरोहर से खाली होंगे। विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश संगठन मंत्री मनोज कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री के घर में माता भीमाकाली की मूर्ति चोरी हुई है उस घटना पर विहिप गहरा शोक प्रकट करते हैं और इस दुख की घड़ी में हम मुख्यमंत्री वीरभद्र के साथ हैं। 

उन्होंने कहा कि पहले रघुनाथ जी के मंदिर में भगवान रघुनाथ की प्राचीन मुर्ति चोरी होती है और आज स्वयं मुख्यमंत्री के घर में चोरी हुई है। इससे प्रशासन की नाकामयबी झलकती है। प्रशासन कुभकर्णी नींद सोया है। सीआईडी और इंटेलीजेंस के पास में केवल आपनी गपशप करने के सिवाय कुछ भी अंदर के तथ्य नहीं है। जिससे यहां सुरक्षा व चोरियों पर लगाम लगाया जा सके। हिमाचल धीरे-धीरे आंतकवादियों की शरणस्थली बनते दिखाई दे रहा है। आतंकवादियों ने हिमाचल की धरती शरण के रूप में ग्रहण की है। पुलिस व प्रशासन केवल राजनीतियों की चाटुकारता करते दिखाई देते हें। आज हिमाचल प्रदेश के कोई भी पुरातन मंदिर चोरों से सुरक्षित नहीं है अनेक मंदिरों में चोरी और हत्याओं की घटनाएं घटित हो रही हैं। स्वयं एडवांस स्टडी का घंटा चोरी का प्रमाण है। ऐसी चोरियों का आजतक कोई खुलासा नहीं हो पाया है। विश्व हिंदू परिषद लंबे समय से ऐसी घटनाओं पर आयोग बनाने की बात कर रहा है और सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे व प्रत्येक मंदिर में असला का  लाइसेंस होना चाहिए जिससे मंदिरों की सुरक्षा हो सके।