5 Dariya News

सेवा हर तरह से जीव की हितकारी: परमसंत हुजूर कंवर साहेब

राधा स्वामी आश्रम दिनोद में सेवादारों को सत्संग फरमाया

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भिवानी 11-Oct-2015

सेवा हर तरह से हितकारी है। जहां ये मनुष्य के अहंकार को समाप्त करके उसमें प्रेम का संचार कारती है वहीं सेवा त्याग की भावना भी भरती है। बिना स्वयं के सुख स्वार्थ का त्याग किए कोई सेवा के मार्ग पर चल ही नहीं सकता है। सेवा भक्ति का रास्ता दिखात है। यह सत्संग वाणी परमसंत हुजूर कंवर साहेब महारा ने दिनोद स्थित राधा स्वामी सत्संग भगवन में जुटे सेवादारों को बख्शी। उल्लेखनीय है कि राधास्वामी सत्संग दिनोद के अधिष्ठाता परमसंत हुजूर ताराचंद जी महाराज का 90वां अवतरण दिवस 12 अक्टूबर को दिनोद में मनाया जाएगा। इस अवसर पर सत्संग का आयोजन होगा। सत्संग की पूर्व संध्या पर आश्रम में जुटे हजारों सेवादारों को हुजूर कंवर साहेब जी महाराज ने आशीर्वाद व दिशा-निर्देश दिए।हुजूर महाराज ने फरमाया कि भक्ति पाखंडों की मोहताज नहीं है।  भक्ति को सेवा के माध्यम से ही किया जा सकता है। मा-बाप की सेवा, बुजुर्गों की सेवा, दीन-दुखी की सेवा, गौ सेवा इंसान के अहम को समाप्त कर उसमें प्रेम का संचार करती है। 

हुजूर महाराज ने फरमाया कि तन की पवित्रता सेवा से, मन की पवित्रता परमात्मा के सिमरन से और धन की सेवा दान से होती है। इनके अलावा चौथी सेवा सुरत की सेवा है जो परमार्थ का मार्ग प्रशस्त करती है। जिस जीव में सेवा भाव होगा वह गर्दन नीची रखेगा। सेवा अपना पराया नहीं देखती है। उन्होंने फरमाया कि एक युद्ध में गुरु गोबिंद सिंह ने एक सैनिक की सेवा युद्ध में घायल सिपाहियों को पानी पिलाने की लगाई। वह सेवक अपने पक्ष के घायल सैनिकों के साथ-साथ दूसरे पक्ष के घायल सैनिकों को भी पानी पिलाने लगा। उसकी शिकायत हुई तो गुरु महाराज ने कहा कि वो सेवा ही क्या जो अपना-पराया देखे। उन्होंने कहा कि जीव का जो लेखा है वह भोगना ही पड़ता है। उसमें रोने-धोने से कोई लाभ नहीं होता है। अपने गुरु हुजूर ताराचंद महाराज को याद करते उन्होंने कहा कि वो भी सेवा को सर्वोत्तम भक्ति मानते थे। सोमवार को परमसंत ताराचंद महाराज के अवतरण दिवस पर राधा स्वामी सत्संग भवन दिनोद में रक्तदान शिविर व भंडारा भी होगा। सेवादारों को सत्संग उपरांत हुजूर महाराज ने परमसंत ताराचंद महाराज जी के स्वरूप और पुस्तक मानोगे तो ही ना का भी विमोचन किया।