5 Dariya News

कीटनाशकों की विवादपूर्ण खरीद के लिए विरोधी पक्ष मेरा नाम बेवजह घसीट रहा है-जत्थेदार तोता सिंह

कांग्रेस पर संकीर्ण राजनीति हितों के लिए मुद्दे को उछालने का आरोप ,सफेद मक्खी से हुये नुकसान का कारण केवल घटिया कीटनाशक ही नही

5 Dariya News

चंडीगढ़ 23-Sep-2015

पंजाब के कृषि मंत्री जत्थेदार तोता सिंह ने आरोप लगाया है कि विरोधी पक्ष द्वारा संकीर्ण राजनीति हितों के कारण उनक ा नाम कीटनाशकों के विवादपूर्ण खरीद में बेवजह घसीटा जा रहा है।विधानसभा में संसदीय मामलों संबंधी मंत्री श्री मदन मोहन मित्तल द्वारा राज्य में मौजूदा खेती संकट संबंधी प्रस्तुत किये प्रस्ताव पर बहस के दौरान विरोधी पक्ष के नेता श्री सुनील जाखड़ द्वारा लगाये गये आरोपों के संबंध में अपना पक्ष रखते हुये जत्थेदार तोता सिंह ने कहा कि सफेद मक्खी के कारण कपास की फसल को हुये नुकसान के लिये केवल राज्य के कृषि विभाग द्वारा खरीदे गये कीटनाशकों का स्तर घटिया होना ही नही बल्कि मालवा पट्टी में सफेद मक्खी के कारण कपास के हुये भारी नुकसान को एक प्राकृतिक आपदा बताते हुये कृषि मंत्री ने कहा कि बे-मौसमी बारिश के कारण गेंहू की कटाई पिछड़ कर हुई जिसके परिणाम स्वरूप आगे कपास की बिजाई भी पीछे हुई। जत्थेदार तोता सिंह ने कहा कि बारिश की कमी के कारण यह स्थिति और भी खराब हुई क्योंकि अधिक तापमान एवं नमी इसके नुकसान की मुख्य वजह बनी। जोकि प्रत्येक की कल्पना से बाहर की बात थी। 

जत्थेदार तोता सिंह ने कहा कि इस मौसम के दौरान बारिश की कमी के कारण सफेद मक्खी की समस्या बढ़ी है जिसके परिणाम स्वरूप कपास पर सफेद मक्खी का हमला तेज हुआ है। उन्होंने कहा कि पहले बारिश के कारण सफेद मक्खी का लारवा धुल जाता था परंतु दुर्भाग्य से इस वर्ष ऐसा नही हुआ जिसके कारण किसानी भाईचारे को बड़ा नुकसान हुआ है। मंत्री ने कहा कि यह समूचा घटनाक्रम 'प्राकृतिक आपदाÓ से रत्ती भर भी कम नही है परंतु दुर्भाग्य की बात यह है कि विरोधीपक्ष इस समूची घटना को अलग रंग देने पर तुले हुये हैं।जत्थेदार तोता सिंह ने आगे कहा कि श्री जाखड़ द्वारा बड़ा नुकसान होने का मामला उनके ध्यान में लाना और किसानों को मुआवजा देने के लिए तुरंत गिरदावरी की मांग करने के बाद उन्होंने उसी समय मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल को कपास उत्पादकों को इस संकट में से निकालने के लिए अपील की। मंत्री ने कहा कि स. बादल ने इस विनती को स्वीकार करते हुये मालवा पट्टी में कपास की खड़ी फसल को हुये नुकसान का अनुमान लगाने के लिए गिरदावरी के आदेश तुरंत जारी कर दिये गये थे ताकि प्रभावित कपास उत्पादकों को योग्य मुआवजे का भुगतान किया जा सके। 

विरोधी पक्ष पर तीखा हमला करते हुये जत्थेदार तोता सिंह ने सिर्फ जाली कीटनाशकों के कारण कपास की फसल को समूचा नुकसान होने संबंधी विरोधी पक्ष के तथ्यों को रद्द किया। उन्होंने कहा कि इस बार 11.25 लाख हेक्टयर रकबे में कपास बीजी गई थी जबकि कृषि विभाग द्वारा खरीदे गये कीटनाशकों का प्रयोग 92167 हेक्टयर (10-15 प्रतिशत) रक बे में की गई थी जबकि 85-90 प्रतिशत रकबे में किसानों द्वारा अपने स्तर पर खरीदे गये कीट नाशक पाये गये थे। मंत्री ने कहा कि 4.5 लाख हेक्टयर रकबे में से 1.36 लाख हेक्टयर (30 प्रतिशत) पर मक्खी का हमला हुआ है जबकि हरियाणा में 5.8 लाख हेक्टयर रकबे में से 3.06 लाख हेक्टयर (52 प्रतिशत) रक बे तथा राजस्थान में 100 प्रतिशत गुआर को नुकसान हुआ है।जत्थेदार तोता सिंह ने कहा कि कीड़ेमार दवाईयों की गुणवत्ता की जांच के लिए और इन दवाईयों की खरीद के लिए अपनाई नीति की जांच के लिए उन्होंने तुरंत जांच करने के आदेश दिये हैं। इसके साथ ही मंत्री ने कहा कि उनके द्वारा दवाईयों की सप्लाई करने वाली कंपनियों की अदायगी भी तुरंत तौर पर रोकने के आदेश दिये हैं। उन्होंने बताया कि इन कीड़ेमार दवाईयों की जांच के लिए 1 अप्रैल, 2015 से 20 सितंबर, 2015 तक एक विशेष अभियान चलाया गया जिस दौरान कुल 1984 सैंपल लिये गये जिनमें 59 सैंपल फेल पाये गये हैं।