सैयद अली शाह गिलानी की हुर्रियत कांफ्रेंस से जुड़े तीन अलगाववादी नेता
5 Dariya News (Rouf Pampori)
श्रीनगर 09-Sep-2015
जम्मू एवं कश्मीर के तीन वरिष्ठ अलगाववादी नेता बुधवार को हुर्रियत कांफ्रेंस के सैयद अली शाह गिलानी के नेतृत्व वाले गुट में शामिल हो गए। इन नेताओं में डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के अध्यक्ष शब्बीर शाह, नेशनल फ्रंट के अध्यक्ष नईम अहमद खान और शिया धर्म गुरु आगा सैयद हसन शामिल हैं। हसन अंजुमन-ए-शेरी शियान के अध्यक्ष भी हैं।इस बात का ऐलान श्रीनगर के हैदरपुरा स्थित गिलानी के घर पर एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में किया गया।
संवाददाता सम्मेलन में गिलानी ने कहा, "आज हमारा प्रतिरोध युद्ध कई तरह की चुनौतियों से जूझ रहा है। हमें इनका सामना मिलकर करना होगा।"हुर्रियत के उदार मीरवाइज उमर गुट को छोड़कर आने वाले आगा हसन ने कहा कि इन लोगों ने प्रतिरोध आंदोलन के व्यापक हित में गिलानी गुट से हाथ मिलाया है।शब्बीर शाह ने कहा, "कश्मीर मसले का समाधान हर हाल में हुर्रियत के संविधान के हिसाब से होना चाहिए। यह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों पर अमल करने की बात कहता है।
यह कहता है कि दोस्ताना देशों की निगरानी में त्रिपक्षीय वार्ता मसले के हल का विकल्प हो सकती है।"शाह ने कहा कि कश्मीर मुख्य मसला है। इसे निपटाए बगैर भारत और पाकिस्तान आगे नहीं बढ़ सकते। उन्होंने कहा कि उनकी एकता राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के ताजा जुबानी हमलों के संदर्भ में जरूरी है। संघ ने कहा था कि अलगाववादी नेताओं से सख्ती से निपटने की जरूरत है।गिलानी ने कहा कि मौजूदा पीडीपी-भाजपा सरकार पहले की सरकारों की तरह अलगाववादियों की राजनीतिक जमीन को तंग करने की नीति पर चल रही है।
यह नीति अगर जारी रही तो इसके गंभीर नतीजे होंगे।उन्होंने कहा कि उनका संघर्ष भारतीय अवाम या किसी समुदाय से नहीं है। यह सभी कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के हक की लड़ाई है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।गिलानी ने कहा, "अगर भारत, पाकिस्तान या कहीं भी कोई बेगुनाह मारा जाता है तो हमारे दिल को तकलीफ होती है। हम कहीं भी बेगुनाह लोगों को मारे जाने की निंदा करते हैं।"